पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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आईडब्ल्यूएआई के कालूघाट आईएमटी को टिकाऊ अवसंरचना परियोजना के लिए मान्यता मिली

जीआरआईएचए परिषद ने ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन पहल के लिए आईएमटी कालूघाट को मान्यता दी

आईडब्ल्यूएआई ने जलवायु-अनुकूल जलमार्ग अवसंरचना के साथ विकसित भारत के विजन को आगे बढ़ाया

Posted On: 04 DEC 2024 7:20PM by PIB Delhi

बिहार के कालूघाट में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के इंटरमॉडल टर्मिनल (आईएमटी) को जीआरआईएचए परिषद से पांच सितारा एसवीएजीआरआईएचए रेटिंग मिली है। यह टर्मिनल, राष्ट्रीय जलमार्ग 1- गंगा नदी की क्षमता वृद्धि के लिए विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा किए गए कई बुनियादी ढांचागत हस्तक्षेपों में से एक है। यह पुरस्कार जेएमवीपी के निदेशक श्री अरविंद कुमार के साथ-साथ जेएमवीपी के विशेषज्ञ (पर्यावरण प्रभाव आकलन) श्री मनीष तिवारी और अनुबंधकर्ता एजेंसी संजय कंस्ट्रक्शन कंपनी के परियोजना प्रबंधक श्री जे जे पटेल ने प्राप्त किया।

एसवीएजीआरआईएचए रेटिंग जिसका मतलब सरल बहुमुखी किफायती जीआरआईएचए (गृह) है और यह केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और दिल्ली स्थित द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) का एक संयुक्त उपक्रम है। यह रेटिंग एकीकृत आवास मूल्यांकन के लिए ग्रीन रेटिंग (जीआरआईएचए) के तहत हरित इमारतों और स्थिरता की अवधारणा का समर्थन करती है। यह रेटिंग राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (एनडब्ल्यू 1) गंगा नदी पर कार्गो और यात्री आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक आईडब्ल्यूटी बुनियादी ढांचे का निर्माण करते समय आईडब्ल्यूएआई द्वारा अपनाए गए पर्यावरण के लिहाज से टिकाऊ तौर तरीकों को मान्यता देती है। टर्मिनल के निर्माण के दौरान फाइबर, रिसाइकिल करने योग्य ग्लास, पेंट, सैनिटरी फिक्स्चर आदि रिसाइकिल करने योग्य सामग्रियों के उपयोग को सुनिश्चित करके पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के लिए आईएमटी कलुघाट को पांच सितारा रेटिंग मिली।

आईएमटी का निर्माण जीआरआईएचए परिषद द्वारा निर्दिष्ट ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन मानदंडों पर आधारित है, जिसमें टिकाऊ साइट नियोजन, टिकाऊ निर्माण सामग्री, ऊर्जा अनुकूलन, जल प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे पहलू शामिल हैं।

कालूघाट आईएमटी के पास पानी को रिसाइकिल करने के लिए सीवेज उपचार योजना है और यह संचालन के दौरान अक्षय ऊर्जा के इष्टतम उपयोग पर निर्भर करता है। निर्माण कार्य के दौरान निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट का उपयोग आईएमटी की योजना और निर्माण कार्य की प्रमुख विशेषताओं में से एक था।

82.48 करोड़ रुपये की लागत और 77,000 टीईयू प्रति वर्ष की क्षमता के साथ निर्मित, एनडब्ल्यू 1 पर आईएमटी कालूघाट उत्तर बिहार के भीतरी इलाकों से निकलने वाले या वहां जाने वाले कार्गो के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह एक्जिम कार्गो के लिए नेपाल को कनेक्टिविटी प्रदान करता है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व और माननीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के कुशल मार्गदर्शन में विकसित भारत के विजन के साथ तालमेल बिठाते हुए, आईडब्ल्यूएआई देश के समग्र आर्थिक विकास में योगदान देकर राष्ट्रीय जलमार्गों पर समावेशी और जलवायु के लिहाज से लचीले आईडब्ल्यूटी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। आईएमटी कालूघाट इसका ही एक उदाहरण है।

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