उप राष्ट्रपति सचिवालय
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फिक्की महिला संगठन के 40 वर्ष पूर्ण होने के समापन समारोह में उपराष्ट्रपति का संबोधन

Posted On: 27 MAR 2024 8:27PM by PIB Delhi

पिछले कुछ महीनों में मुझे एफएलओ के बैंगलोर, कानपुर और जम्मू संस्थानों के गतिशील सदस्यों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला है, मुझे उनमें से कुछ से अन्यथा भी भेंट करने का अवसर मिला है।

आपके संगठन के साथ मेरा बेहद मजबूती से जुड़ाव है, 4 दशकों से भी कम समय के भीतर  आपका प्रभाव असाधारण है और मुझे विश्वास है कि आप इंडिया@2047 के लिए मैराथन मार्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

ऐसे समय में जब देश अर्थव्यवस्था और विकास में अभूतपूर्व तेजी के साथ वृद्धि की ओर अग्रसर है, आपके संगठन में इस दिशा में योगदान करने की पर्याप्त क्षमता है।

1972 तक फॉर्च्यून 500 कंपनियों में कोई भी महिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी नहीं थी। 2023 के अंत तक, फॉर्च्यून 500 सूची में 50 से अधिक महिला सीईओ हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, लेकिन अभी भी एक लंबा मार्ग तय करना शेष है। इस प्रतिष्ठित पद के लिए आपका दृढ़ संकल्प आर्थिक स्थिरता, सामाजिक विकास और सद्भाव के लिए आवश्यक है।

लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और महिला नेतृत्व विकास से कोई असहमत नहीं हो सकता। यह न्यायसंगत समाज के लिए मौलिक हैं, ऐसा समाज जहां न्याय हो और कोई असमानता न हो। यह उत्कृष्ठ व्यवस्था के साथ समानता लाता है।

संक्षेप में, महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी दुनिया के वर्तमान और भविष्य के लिए एक निवेश है। आप परिवार के लिए निवेश कर रहे हैं, आप समाज के लिए निवेश कर रहे हैं, वस्तुतः आप संपूर्ण धरा के लिए निवेश कर रहे हैं। समान अवसरों को बढ़ावा देकर, बाधाओं को समाप्त करते हुए महिलाओं की आवाज़ और उपलब्धियों को बढ़ाकर, हम एक ऐसे समाज का निर्माण करते हैं जो न केवल निष्पक्ष और न्यायसंगत है, बल्कि समृद्ध और स्थायी भी है।

हाल के वर्षों में सकारात्मक पहलों और नीतिगत उपायों की श्रृंखला ने एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा दिया है जहां हर महिला आगे बढ़ सकती है। इसका परिणाम यह मिला है कि शासन के हर पक्ष में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

कार्यस्थल संस्कृति बढ़ रही है जो विविधता और समावेशन का समर्थन करती है। कार्यस्थल में विविधता चाहे वह लिंग विविधता हो, उम्र या पृष्ठभूमि की हो, यह रचनात्मकता और नवीनता में वृद्धि का आधार बन रही है।

आज हम भारत की उत्साहपूर्ण आर्थिक स्थिति के साथ एक बेहतर मनोदशा का अनुभव कर रहे हैं, लेकिन आज मैं आपसे 1989 की चर्चा करना चाहता हूँ,  जब मैं संसद सदस्य होने के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री भी था, उस वक्त  मुझे अपमानजनक स्थिति में ऐसी पीड़ा का सामना करना पड़ा था जब हमारी वित्तीय साख को बनाए रखने के लिए हमारे देश के सोने को विमान से ले जाकर स्विट्जरलैंड में दो बैंकों में रखने के लिए ले जाना पड़ा था और आज वर्तमान में देखें तो हम कितनी बेहतर स्थिति में कहां पहुँच चुके हैं।

आप जानते हैं कि आज हमारा विदेशी मुद्रा भंडार चिंता का कारण नहीं है, कभी-कभी हमारा विदेशी मुद्रा भंडार छह अरब डॉलर से अधिक बढ़ जाता है और 1990 में देखें तो हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 2 अरब डॉलर से भी कम था। उस स्थिति से अब हम यहां तक आ गये हैं।

मानवता के रूप में छठे हिस्से के तौर पर हमारा घर भारत आशा और संभावना की भूमि के रूप में जाना जाता है, महिलाएं अपना अधिकार पुनः प्राप्त कर रही हैं, सरकार उनकी मदद कर रही है क्योंकि महिलाएं अदम्य दृढ़ता, साहसपूर्ण प्रयासों और परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं।

भारत के राष्ट्रपति के रूप में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का चुनाव उत्साहपूर्ण और परिवर्तनकारी रहा है। पहली बार, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व अब एक जनजातीय महिला कर रही है। यह संतोषजनक है कि जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के उत्थान को सुनिश्चित करने के बहु-आयामी प्रयास परिणाम दे रहे हैं।

आज, जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहाँ महिलाएँ उत्कृष्ट प्रदर्शन न कर रही हों! सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए अब स्थायी कमीशन है, साथ ही महिलाएं अब भारतीय वायु सेना में लड़ाकू पायलट, केंद्रीय पुलिस बलों में कमांडो के रूप में भी अग्रणी हैं।

मैं चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल से हूं, मैंने 1962 में सैनिक स्कूल में दाखिला लिया था, मैंने कभी नहीं सोचा था कि लड़कियां भी स्कूल में दाखिला लेंगी लेकिन आज वे सैनिक स्कूल में दाखिला ले रही हैं और प्रगति इस स्तर पर है कि मथुरा में केवल लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल है। वास्तव में, हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं!

नागरिक उड्डयन में महिला पायलटों की भारत की हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है, और अमेरिका की तुलना में लगभग दोगुनी है!

मैं डॉ. सुदेश के साथ इसरो गया, मैं हैरान रह गया कि वहां इतनी महिला वैज्ञानिक थीं, मैंने उन महिलाओं से भी भेंट की जिन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता में बड़े स्तर पर योगदान दिया है।

और आप जानती है कि किसी रॉकेट को उड़ान भरने के लिए बहुत बड़ा प्रयास करना पड़ता है। आपने 40 वर्ष पूर्व यह उड़ान भरी थी, और आज आप जिस जगह पर है उसके लिए आपको उस गुरुत्वाकर्षण बल से बाहर आने के लिए बहुत बड़ा प्रयास करना पड़ता है। हालाकि, आकाश ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष की भी सीमा है पर निःसंदेह आप हर क्षेत्र में राष्ट्र के लिए अपना योगदान प्रदान करती रहेंगी।

सितंबर 2023 में, संसद के विशेष सत्र के दौरान, 27 वर्षों के लंबे प्रयास के बाद ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम को दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था। अब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का एक तिहाई प्रतिनिधित्व होगा।

इसलिए अब लोकसभा में आपका प्रतिनिधित्व 1/3 या उससे अधिक होगा और यह कभी भी 1/3 तिहाई से कम नहीं हो सकता क्योंकि राज्य विधानमंडल में यह आरक्षित है, आपके पास नीति निर्माण का हिस्सा बनने के अवसर होंगे और इससे विश्व के इतिहास की दिशा बदल जाएगी और यह एक युगान्तरकारी विकास है।

जब राज्यसभा में बहस चल रही थी तो मैंने सोचा कि मुझे कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे आपके प्रतिनिधित्व को महसूस किया जा सके। मैंने 17 महिला सांसदों को अपनी कुर्सी पर आमंत्रित करते हुए यह सुनिश्चित किया कि टेबल ऑफिस पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो और इससे एक बड़ा संदेश गया।

मेरी कुर्सी पर बैठने वाली प्रत्येक महिला सांसद ने उच्चतम मानकों का उदाहरण दिया है, उन्होंने संकेत दिया है कि वे आने वाले समय में इस पद पर आसीन हो सकती हैं और यह  एक शुभारंभ है। अब समय आ गया है कि जब पूरे सिस्टम को अधिक लैंगिक प्रतिक्रियाशील और लैंगिक संवेदनशील बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जाए- यही बात सिर्फ संसद के लिए ही नहीं अपितु सभी सार्वजनिक संस्थानों के लिए भी सही है।

हमने इस स्थिति को अनुभव किया है जब बड़े पैमाने पर अहम की भावना के साथ दूसरे पर   हावी होने की प्रवृत्ति रही है पर अब यह मिथक मिट चुका है। हालाकि आपको जब हार का सामना करना पड़ता है तो इसे स्वीकारना आसान नहीं होता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि हमारे देश में व्यवस्थित तरीके से इस तरह के भावों में परिवर्तन हो रहा है, हमारे देश के विस्तृत आकार को देखते हुए इस व्यवस्था को बदलना आसान नहीं है, लेकिन हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए स्वयं संकल्प लेते हुए कहा कि मैं 'बेटी पढ़ाओ के दृढ़ संकल्प के साथ साथ बेटियों की देखभाल करूंगा इसलिए मुझे हर घर में शौचालय सुनिश्चित करना होगा, आप बहुत ही समृद्ध समाज से आती हैं लेकिन आप अपने संगठन के माध्यम से जमीनी हकीकत से गहराई से जुड़ी हुई हैं और उन महिलाओं की मदद कर रही हैं, तो आप जानती हैं कि कमी क्या है, घर में शौचालय और घर में गैस कनेक्शन न होने के क्या मायने है? घर में नल का पानी न होने का मतलब क्या है, इस देश में जो भी बड़े बदलाव आए हैं, उन सबका मकसद महिलाओं को सशक्त बनाना है।

भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां ग्राम, पंचायत, जिला और केंद्र सभी स्तरों पर संवैधानिक रूप से लोकतंत्र स्थापित है। जिन महिलाओं को पंचायत, नगर पालिकाओं में भाग लेने का अवसर मिला, वे अब विधानसभा की सदस्य बनने और लोकसभा में सदस्य बनने के लिए तैयार हैं, यह कानून देश के लिए वरदान की प्रक्रिया में उनके लिए वरदान सिद्ध होगा।

आर्थिक परिवर्तन तब होगा जब महिलाएं अधिक से अधिक कार्य करेंगी, जब वे कॉर्पोरेट प्रमुख के रूप में उद्यमियों के रूप में कार्य के साथ किसी भी रूप में यथोचित तरीके से अपना योगदान देंगी, तब अर्थव्यवस्था जबरदस्त वृद्धि की साक्षी बनेगी।

देश क्वांटम कंप्यूटिंग पर फोकस कर रहा हैं, देश ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। हम कुछ विघटनकारी प्रौद्योगिकी का भी सामना कर रहे हैं और जब मैंने इन इन प्रौद्योगिकी के बारे में अधिक जानकारी लेने की इच्छा जताई तो, इसकी प्रस्तुति मुझे दी गई थी, जिसे मैं आपके साथ साझा कर सकता हूं। इस क्षेत्र में तीन महिला वैज्ञानिक अपने कार्य के प्रति इतने मिशनरी मोड में समर्पित थीं जिसे देखकर तब मेरे मन में एक विचार आया कि लंबे समय से गणित, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों से आपको अलग रखा गया जबकि आप इन क्षेत्रों की क्षमता का मूलाधार हैं। आर्थिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए आपके प्रतिष्ठित संगठन के माध्यम से, मैं माताओं और बहनों से मिशन मोड में आर्थिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की अपील करता हूं।

महिलाओं के आर्थिक न्याय को बढ़ावा देना और कार्यक्षेत्र में लैंगिक अंतर को कम करना ही सतत विकास हासिल करने की कुंजी है। जब अधिक महिलाएँ कार्य करती हैं, तो अर्थव्यवस्थाएँ बढ़ती हैं।

अगर मैं सांसदों, शासन मॉडलों, राजनेताओं, संघों को देखता हूं तो मुझे लगता है कि आपका क्षमता, आपका भाव इस परिवर्तन को लाने के लिए अधिक उपयुक्त है, राष्ट्रवाद के प्रति  प्रतिबद्धता का भाव आपको ही सिखाना होगा, आपको अपने दृष्टिकोण से राष्ट्रवादी होते हुए इस दिशा में आगे बढ़ना होगा, इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। राष्ट्रवादी होने के लिए अगर राष्ट्रवाद के खिलाफ कोई कृत्य है तो इसे भी जड़ से खत्म करना होगा लेकिन आर्थिक राष्ट्रवाद हमारी अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का एक अनिवार्य पहलू है।

आज यहां उपस्थित जनसमूह से बेहतर कोई नहीं है, लेकिन इसके वाबजूद भी इस देश में उपलब्ध वस्तुओं को आयात करने के लिए हम कितनी बड़ी कीमत चुका रहे हैं, कुर्सियां, कालीन, खिलौने, पर्दे से लेकर सभी प्रकार की वस्तुएं जो हम दूसरे देश से खरीद रहे हैं, वे महत्वपूर्ण हो सकती हैं पर उनका निर्माण यहां भी किया जा सकता है और इसके लिए आप एक ऐसी व्यवस्था को प्रेरित कर सकती हैं आप एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार कर सकती हैं जहां हम देश में निर्मित होने वाली वस्तुओं को ही महत्वपूर्ण मानने का भाव जगा सकें, क्योंकि कई बार आर्थिक रूप से लाभ लेने के लिए हम आर्थिक राष्ट्रवाद से समझौता करते हैं, कुछ वित्तीय लाभ के लिए समूह बनाते हैं लेकिन मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि यहां बनने वाली वस्तुओं का परिहार्य आयात सैकड़ों अरबों डॉलर से भी अधिक का होगा और इससे संपूर्ण देश और अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।

आप हमारे विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में बहुत योगदान दें रही है, मैं आपके सहयोगियों सहित सभी को आश्वस्त करता हूं। आइए हम आर्थिक राष्ट्रवाद में विश्वास करें। आइए हम अपने राष्ट्र की कीमत पर जल्द पैसा कमाने या तेजी से पैसा कमाने के प्रलोभन में न पड़ें।

इसके दो नुकसान हैं, पहला यह कि जो वस्तु यहां बनाई जा सकती है, उसका आयात करना अनैतिक है, आप अपने लोगों के हाथों से काम छीन रहे हैं, जिससे इस देश की रोजगार क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और दूसरा, आप उद्यमिता विकास के रास्ते में बाधा बन रहे हैं। आप में से कुछ लोग ऐसी वस्तुएं बनाने में लगे हुए हैं जिन्हें बाहर से आयात किया जा सकता है, हो सकता है कि उन्हें यहां डंप करने की प्रवृत्ति हो। हो सकता है कि कुछ वित्तीय लाभ हो, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर आपके योगदान पर इसके प्रभाव को किस प्रकार से देखा जाए आपको यह तय करना है, मुझे विश्वास है कि यदि आप अपने सदस्यों में यह देखते है कि अंततः यह कौन कर रहा है, तो इसे रोका जा सकता है साथ ही हम यह जानने का प्रयास करे कि छोटे वर्ग कौन से लोग ऐसा कर रहे हैं, तो आप उन्हें संवेदनशील बना सकते हैं, आप उनमें राष्ट्रवाद की भावना जगा सकते हैं।

आइए लोकल इज वोकल पर विश्वास करें, हम लोकल की भावना 'सब देसी' के बारे में प्रचार करते हैं और दूसरी बात यह है कि आप सभी इसकी सराहना करेंगे, कल्पना करें कि कच्चे माल का उपयोग हमारी साइट पर हो रहा है, भारत एक ऐसा देश है जो कच्चे माल का निर्यात करता है, पर कोई भी देश पैसे के लिए सामग्री का निर्यात नहीं करता लेकिन हमें अपने देश के कच्चे माल को इस देश में मूल्य से जोड़ना होगा, इससे रोजगार सृजन होगा, ये दो पहलू हैं।

मैं आपको बता सकता हूं, इस अपील को करने के लिए आप जैसे दर्शकों से बेहतर कोई श्रोता नहीं हो सकता है जिसका लाभ मुझे आज मिला है और मुझे विश्वास है कि आप आर्थिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए इस देश के राजदूत के रूप में कार्य करेंगी।

आप व्यवसाय, वाणिज्य और व्यापार के उद्योग पाठ्यक्रम को कॉर्पोरेट पाठ्यक्रम को रूप में आकार दे सकती हैं और एक बार इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ मुझ पर विश्वास करें, यह बहुत अधिक लाभप्रद साबित होगा।

आप सभी काफी समर्थ हैं अन्यथा परिवार आपको घर के सुरक्षित माहौल से बाहर निकलने की अनुमति नहीं देता। आपने स्वीकार्यता और प्रभाव के साथ अनुकूलनशीलता के साथ ऐसा करने का विकल्प चुना है और अब जब आपने ये मार्ग तय कर लिया है तो निश्चित रूप से इसमें प्रगति की आप भागीदार भी बनी है।

पूरी दुनिया हमारे विकास से स्तब्ध है, पूरी दुनिया ने कभी नहीं सोचा था कि भारत की अर्थव्यवस्था इतनी आगे होगी, इस तरह का बुनियादी ढांचा होगा, इस तरह के राजमार्ग होंगे, इस तरह की प्रौद्योगिकी का प्रवेश होगा। हमारा प्रत्यक्ष डिजिटल लेनदेन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के कुल लेनदेन का 4 गुना है। हमारी प्रति व्यक्ति इंटरनेट खपत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक है।

अब से एक दशक से भी पहले भारत 5 कमजोर देशों में एक देश था लेकिन देखिए अब हम कहां हैं, हम कनाडा, यूके, फ्रांस से आगे बढ़ते हुए पांच बड़े देशों में से एक हैं, आने वाले वर्षों में जापान और जर्मनी से आगे होंगे लेकिन यह हमारा लक्ष्य इससे भी आगे बढ़ते हुए नंबर एक पर पहुँचना है।

हमारा लक्ष्य है इंडिया@2047 है और अमृत काल के रूप में नींव रखी जा रही है, आप इसे चारों ओर देख सकते हैं, यह अपने आप में संकेत है और इसलिए, मैं आपसे केवल राष्ट्र हित पर ध्यान देते हुए पूर्ण रूप से सक्रिय बने रहने की अपील करता हूं।

मैं इस उत्कृष्ट मंच पर आमंत्रण के लिए आभार प्रकट करता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि मां एक बड़ा बदलाव ला सकती है, एक पत्नी एक बड़ा बदलाव ला सकती है, एक बेटी एक बड़ा बदलाव ला सकती है, एक बहन एक बड़ा बदलाव ला सकती है लेकिन साथ ही वे इस दिसा में वार्तालाप करते हुए आगे बढ़े तो यह बदलाव परिवर्तनकारी होगा और यह परिवर्तन अविस्मरणीय होगा और यह परिवर्तन हमें उस स्थिति को पुनः प्राप्त करने में सहायता करेगा जो भारत ने हजारों वर्ष पूर्व हासिल की थी, अर्थात जब हम विचार में, ज्ञान में, कार्यों में विश्व के लिए वैश्विक प्रमुख थे।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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एमजी/एएम/एसएस/डीवी



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