सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
2020-21 और 2021-22 के लिए उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई) परिणाम
वर्ष 2020-21 में सकल मूल्य वर्धित मौजूदा कीमतों में 8.8% और वर्ष 2021-22 में क्रमश: पिछले वर्षों की तुलना में 26.6% की बढ़ोतरी हुई 2021-22 में पिछले वर्ष की तुलना में औद्योगिक उत्पादन 35% से अधिक बढ़ गया इस क्षेत्र के कुल अनुमानित रोजगार में पिछले वर्ष की तुलना में 2021-22 के दौरान 7.0% की शानदार वृद्धि देखी गई
Posted On:
05 FEB 2024 5:13PM by PIB Delhi
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने संदर्भ अवधि अप्रैल 2020 से मार्च 2021 (यानी वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई), जिन्हें एएसआई 2020-21 कहा जाता है और अप्रैल 2021 से मार्च 2022 (यानी वित्तीय वर्ष 2021-22) की संदर्भ अवधि के परिणाम जारी कर दिए हैं।
एएसआई 2020-21 के लिए इन सर्वेक्षणों का फील्ड संबंधी कार्य अप्रैल 2022 से नवंबर 2022 और एएसआई 2021-22 के लिए मार्च 2023 से सितंबर 2023 के दौरान किया गया था। एएसआई 2020-21 की अवधि का एक बड़ा हिस्सा कोविड-19 महामारी की पहली लहर से प्रभावित रहा, जिसमें न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन लगा था। एएसआई 2021-22 की संदर्भ अवधि में भी महामारी की दूसरी लहर देखी गई। एएसआई 2020-21 का फील्ड कार्य देर से शुरू हुआ क्योंकि 31.03.2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के संबंध में कंपनियों के लिए फाइलिंग की तारीखें बढ़ा दी गई थीं. इसका असर अगले सर्वेक्षण यानी एएसआई 2021-22 के फील्ड कार्य पर पड़ा, जिसमें देरी भी हुई। कवरेज, सैंपल एकत्र करने की रणनीति, डेटा संग्रह तंत्र आदि के संदर्भ में सर्वेक्षण के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी अंतिम नोट में दी गई है।
उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य उत्पादन, मूल्य वर्धिन, रोजगार, पूंजी निर्माण और कई अन्य मापदंडों के संदर्भ में विभिन्न विनिर्माण उद्योगों की संरचना, विकास और संरचना में परिवर्तन की गतिशीलता में सार्थक अंतर्दृष्टि प्रदान करना है। यह राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी के लिए मूल्यवान इनपुट प्रदान करता है। परिणाम राज्य और प्रमुख उद्योग स्तर पर तैयार किए जाते हैं। एएसआई 2020-21 और एएसआई 2021-22 के परिणाम राइट-अप के साथ मंत्रालय की वेबसाइट (https://www.mospi.gov.in ) पर उपलब्ध हैं।
एएसआई 2020-21 और एएसआई 2021-22 परिणामों की मुख्य बातें-
- वर्ष 2021-22 के लिए एएसआई परिणाम भारतीय विनिर्माण क्षेत्र द्वारा दिखाए गए लचीलेपन को प्रदर्शित करते हैं और आउटपुट तथा इनपुट संकुचन के संदर्भ में 2020-21 में आई कोविड महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के बाद भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की अनूठी बदलाव की कहानी प्रदर्शित करते हैं तथा रोजागर में मामली गिरावट दिखाते हैं.
- नतीजे बताते हैं कि सकल मूल्य वर्धित (जीवीए)[1] में वर्ष 2020-21 के दौरान मौजूदा कीमतों में 2019-20 की तुलना में 8.8% की वृद्धि हुई, जिसका मुख्य कारण इनपुट में तेज गिरावट (4.1%) रहा जो एक वर्ष में उस क्षेत्र में आउटपुट संकुचन (1.9%) की भरपाई से अधिक जो कि कोविड से प्रभावित रहा। औद्योगिक उत्पादन में उच्च वृद्धि के कारण 2020-21 की तुलना में 2021-22 के दौरान जीवीए में 26.6% की बढ़ोतरी देखी गई, जो मौजूदा कीमतों में इस अवधि के दौरान मूल्य के संदर्भ में 35% से अधिक बढ़ गई।
- पूर्ण मूल्य के संदर्भ में,वर्ष 2021-22 में इस क्षेत्र में पंजीकृत निवेशित पूंजी, इनपुट, आउटपुट, जीवीए, शुद्ध आय और शुद्ध लाभ जैसे अधिकांश महत्वपूर्ण आर्थिक मापदंडों के स्तर के साथ-साथ विकास में भी तेज वृद्धि देखी गई और यहां तक कि महामारी-पूर्व स्तर को भी पार कर गया।
- 2021-22 में इस वृद्धि के मुख्य चालक मूल धातु, कोक और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद, फार्मास्युटिकल उत्पाद, मोटर वाहन, खाद्य उत्पाद और रासायनिक और रसायन उत्पादों के निर्माण जैसे उद्योग रहे।। इन उद्योगों ने, कुल मिलाकर, क्षेत्र के कुल जीवीए में लगभग 56% का योगदान दिया और 2020-21 की तुलना में 34.4% की जीवीए वृद्धि और 37.5% की उत्पादन वृद्धि दर्ज की गई।
- कोविड महामारी के कारण, 2020-21 में रोजगार में मामूली गिरावट दर्ज की गई थी, जिसकी भरपाई अगले वर्ष यानी 2021-22 में हो गई थी, इस क्षेत्र में कुल अनुमानित रोजगार में साल-दर-साल 7.0% की शानदार वृद्धि देखी गई थी। दरअसल, 2021-22 में इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की अनुमानित संख्या महामारी-पूर्व स्तर (यानी 2018-19) से 9.35 लाख से अधिक हो गई है। साथ ही, औसत परिलब्धियों में भी वृद्धि दर्ज की गई, इस क्षेत्र में प्रति कर्मचारी अर्जित औसत वेतन पिछले वर्षों की तुलना में 2020-21 में 1.7% और 2021-22 में 8.3% बढ़ गया था।
- प्रमुख राज्यों में, जीवीए के मामले में, गुजरात 2020-21 में शीर्ष पर और 2021-22 में दूसरे स्थान पर रहा, जबकि महाराष्ट्र 2021-22 में पहले और 2020-21 में दूसरे स्थान पर रहा। दोनों वर्षों में इन दोनों राज्यों के बाद तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है. शीर्ष पांच राज्यों ने मिलकर 2020-21 के साथ-साथ 2021-22 में देश के कुल विनिर्माण जीवीए में लगभग 53% का योगदान दिया।
- एएसआई 2020-21 के साथ-साथ एएसआई 2021-22 में इस क्षेत्र में सबसे अधिक लोगों को रोजगार देने वाले शीर्ष पांच राज्य तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा थे। कुल मिलाकर, इन राज्यों ने दोनों वर्षों में कुल विनिर्माण रोजगार में लगभग 54% का योगदान दिया।
[1] सकल मूल्य वर्धित की गणना आउटपुट के सकल मूल्य से मध्यवर्ती खपत (इनपुट) को घटाकर की जाती है।
मौजूदा कीमतों में एएसआई 2017-18 से एएसआई 2021-22 तक कुछ प्रमुख मापदंडों का मूल्य तालिका 1 में दिया गया है।
तालिका 1: एएसआई 2017-18 से 2021-22 तक मौजूदा कीमतों में कुछ प्रमुख मापदंडों का मूल्य
(मूल्य आंकड़े लाख रुपये में हैं)
वर्ष
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2017-18
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2018-19
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2019-20
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2020-21
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2021-22
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अचल पूंजी
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328,588,927
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346,606,975
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364,135,165
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369,438,562
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372,635,444
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पूंजी निवेश
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446,094,480
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477,726,474
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497,362,352
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519,114,310
|
554,493,175
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कार्यरत कुल व्यक्ति (संख्या)
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15,614,619
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16,280,211
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16,624,291
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16,089,700
|
17,215,350
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कुल मेहनताना
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41,835,716
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46,207,983
|
49,172,897
|
48,389,031
|
56,082,801
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इनपुट
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660,520,215
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774,377,980
|
749,755,617
|
719,206,541
|
987,917,996
|
आउटपुट
|
807,217,258
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928,179,908
|
898,330,129
|
880,921,387
|
1,192,715,147
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जीवीए
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146,697,043
|
153,801,928
|
148,574,512
|
161,714,846
|
204,797,151
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मूल्यह्रास
|
23,729,624
|
26,155,291
|
27,309,742
|
28,135,986
|
29,964,685
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एनवीए
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122,967,418
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127,646,637
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121,264,771
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133,578,860
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174,832,466
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एंडनोट: उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई) में कवरेज, सैंपल एकत्र करने रणनीति और डेटा संग्रह तंत्र के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी
ए. एएसआई का कवरेज:
- उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण मुख्य रूप से निम्नलिखित बातें शामिल हैं-
- फ़ैक्टरी अधिनियम, 1948 की धारा 2एम(i) और 2एम(ii) के तहत पंजीकृत फ़ैक्टरियाँ।
- बीड़ी और सिगार श्रमिक (रोजगार की शर्तें) अधिनियम, 1966 के तहत पंजीकृत बीड़ी और सिगार विनिर्माण प्रतिष्ठान।
- बिजली के उत्पादन, पारेषण और वितरण में लगे विद्युत उपक्रम, जो केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के साथ पंजीकृत नहीं हैं।
- प्रतिष्ठानों के बिजनेस रजिस्टर (बीआरई) में पंजीकृत 100 या अधिक कर्मचारियों वाली इकाइयां राज्य सरकारों द्वारा तैयार और संरक्षित की जाती हैं, जब भी ऐसी सूचियां संबंधित राज्य सरकारों द्वारा साझा की जाती हैं।
बी. सैंपल एकत्र करने रणनीति और सैंपल का आकार:
एएसआई में अपनाई गई सैंपल एकत्र करने की रणनीति जनगणना और सैंपल लेने का मिश्रण है। कुछ इकाइयाँ जनगणना/संपूर्ण गणना क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं और कुछ में पूर्व-निर्धारित मानदंडों के आधार पर हर साल सर्वेक्षण किया जाता है। शेष इकाइयों (सैंपल सेक्टर कहा जाता है) से, इकाइयों को एक स्तरीकृत परिपत्र व्यवस्थित सैंपल एकत्र करने की रणनीति अपनाते हुए चुना जाता है। इसमें राज्य एक्स जिला एक्स सेक्टर एक्स एनआईसी 3-अंकीय को स्तर माना जाता है। एएसआई 2020-21 के लिए कुल सैंपल साइज 79,589 थे और एएसआई 2021-22 के लिए इनकी संख्या 80,764 थी। अधिक जानकारी के लिए कृपया मंत्रालय की वेबसाइट https://www.mospi.gov.in देखें।
सी. डेटा संग्रह तंत्र:
एएसआई के लिए डेटा 2017 में संशोधित सांख्यिकी संग्रह अधिनियम 2008 और 2011 में बनाए गए नियमों के तहत चयनित कारखानों से एकत्र किया जाता है। संपूर्ण सर्वेक्षण बिना किसी कागजी कार्यक्रम के एक समर्पित वेब-पोर्टल के माध्यम से आयोजित किया जाता है। एएसआई में डेटा संग्रह के लिए, एक प्रतिष्ठान (और उद्यम नहीं) दृष्टिकोण का पालन किया जाता है जिसमें चयनित प्रतिष्ठानों से डेटा एकत्र किया जाता है।
डी. सर्वेक्षण अस्वीकरण:
इस सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा की कई स्तर पर गुणवत्ता जांच की जाती है जो मुख्य रूप से रिकॉर्ड-आधारित है। समग्र स्तर पर सर्वेक्षण से अनुमानित महत्वपूर्ण मापदंडों के लिए सापेक्ष मानक त्रुटियां (आरएसई) (जो एक अनुमान की विश्वसनीयता का व्यापक रूप से स्वीकृत सांख्यिकीय उपाय है) छोटी और स्वीकार्य सीमा के भीतर हैं। हालाँकि, इस परिणाम में प्रस्तुत डेटा नमूना सर्वेक्षण से अनुमानित होता है, इसलिए इस डेटा का उपयोग करते समय आवश्यक सावधानी बरती जा सकती है (विवरण के लिए कृपया मंत्रालय की वेबसाइट https://www.mospi.gov.in देखें)।
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एमजी/ एआर/ केजे
(Release ID: 2002797)
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