Vice President's Secretariat
Text of Vice-President’s Address at Mody university of Science and Technology, Laxmangarh (Excerpts)
Posted On:
06 OCT 2023 6:36PM by PIB Delhi
आप सबको देख कर आपका लगातार अभिनंदन करने का मन करता है!
You represent the power, the might, and the future of our country Bharat, home to 1/6th of the humanity. i am greatly impressed by the motto of this Institute and that is 'Nurturing excellence of Women in education'.
यह संभव होता है तो सृष्टि का कल्याण होता है. कहा गया है एक लड़के को पढ़ाओ तो लड़के को पढ़ाते हैं, जब लड़की को पढ़ाते हैं तो पूरे समाज की पढ़ाई हो जाती है.
किसी भी समाज को बदलने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान एजुकेशन का है. Education is the most effective impactful transformational mechanism और आप उसके सारथी है.
वैसे तो मोदी नाम में ही दम है, नाम से ही सब कुछ मुमकिन हो जाता है.
गणेश चतुर्थी इस बार अलग थी. इतिहास रचित हो गया. 20 सितंबर को दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश हुआ और उस समय लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला जो की राजस्थान के है, उनके नाम की जैसे प्रकाशता है, जो काम कई प्रयासों के बाद नहीं हो पाया वह 20 सितंबर को लोकसभा ने कर दिखाया और गेंद आ गई मेरे पाले में. मैं राज्यसभा का सभापति हूं, उपराष्ट्रपति होने की वजह से.
हमने कहा लोकसभा में तो दो मत खिलाफ पड़े, हमारे यहां एक भी नहीं पढ़ना चाहिए. इस पूरे काम का जो सारथी है भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री, किसी को पता नहीं था गणेश चतुर्थी के दिन शुरुआत हुई और 21 सितंबर को जैसे ही एक मत से स्वीकृत हुई मैंने कहा माननीय प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी जी आपको जन्मदिन की बधाई.
हिंदू रीति नीति के हिसाब से वह उनका जन्मदिन था. सब आश्चर्य चकित भी थे और प्रफुल्लित भी थे.
लोकसभा हो या राज्यसभा हो सभी में राजस्थान की भूमि का योगदान रहा है. लोकसभा में ओमजी बिरला और राज्यसभा में मैं.
हमारे पास करने से कानून नहीं बनता है, हम तो पास करते हैं it will takes the shape of law only when it is signed by the president of India under article 111 of the constitution और यह परम सौभाग्य महामहिम द्रौपदी मुर्मू जी को मिला, आपके वर्ग को मिला. उन्होंने दस्तख्त किये और इतिहास रचित हो गया.
Now one third member in Lok Sabha and one third members in all the legislatures will be women. और यह रिजर्वेशन होरिजेंटल भी है और वर्टिकल भी है. इस वन थर्ड में शेड्यूल कास्ट शेड्यूल ट्राइब का रिजर्वेशन भी है. कहने का अर्थ है की nothing could be more shining and इक्विटेबल.
मैं एक छोटा किस्सा बताता हूं. एक महिला थी विधवा थी क्योंकि पति का ध्यान्त हो गया. एक लौता बेटा था जो की कमाता नहीं था. वह अंधी थी बेटे की शादी नहीं हुई बेरोजगार था और वह बीमार भी थी. ईश्वर प्रकट हुए और कहा एक वचन मांग लो. महिला क्या वचन मांगती खुद की हाथ खुद का स्वास्थ्य है बेटे की शादी या बेटे की नौकरी.
उनको मोदी साहब जैसे किसी व्यक्ति ने जरूर राय दी होगी और महिला ने कहा मैं सोने की थाली में पोते को हंसता खेलता देखना चाहती हूं. सब कुछ आ गया. तो जहां तक हमारी महिला शक्ति का मामला है भारत के प्रधानमंत्री ने जो अब तक के असफल प्रयास होते रहे दशकों से होते रहे मुझे जानकारी इसलिए है की मैं 1989 में सांसद बना था केंद्रीय मंत्री भी था मुझे पता है कब-कब प्रयास हुए कब-कब असफल रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह करिश्मा करके दिखाया. It is an epocal डेवलपमेंट, it is a historic development and I can tell you girls it is a game changer. क्योंकि नारी शक्ति के हाथ में जब कमान होती है तो बहुत कुछ हासिल होता है, इसका मैं प्रमाण हूं क्योंकि ताकत मेरी धर्मपत्नी के हाथ में है.
मैंने ऐसी संस्था नहीं देखी. आपके यहां कदम रखते ही मुझे भारत की संस्कृति दिखने लगी संस्कार दिखने लगे मजबूती दिखने लगी और तब मुझे याद आया कि जी-20 में दुनिया के बड़े-बड़े नेता आए. हम दोनों भी शरीक हुए. सबसे चर्चा हुई सब एक बात से अभिभूत थे that Indian culture is unrivalled, unparalleled.
कौन सा देश है जो 5000 साल से ज्यादा सिविलाइजेशन एठोस की बात कर सकता है. वह G20 का नजारा देखिए, देश का कोई प्रांत नहीं छूता है कोई यूनियन टेरिटरी नहीं छुट्टी है 200 बैठकें हुई, राजस्थान में भी हुई, जयपुर उदयपुर में भी हुई. देश के हर प्रांत में हुई. 58 लोकेशंस पर हुई. जो आए वहां पर वह कभी नहीं बोलने वाली यादें लेकर गए हैं कि हमने कभी नहीं सोचा था कि यह हो पाएगा.
आप ऐसे कालखंड में रह रहे हो जब भारत उन्नति की ओर है और यह उन्नति विश्व में प्रमाणित है the world is stunned.
23 अगस्त 2023 को करिश्मा हुआ जब इसरो ने विकल को चांद के उसे हिस्से पर सफलतापूर्वक उतार दिया जहाँ दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया है और उसमें भी आपका वंदन हुआ शिव शक्ति पॉइंट दिखाया गया.
चंद्रयान तीन वहा लैंड हुआ यह बहुत बड़ा डेवलपमेंट है और इसमें जो प्रमुख भूमिका निभाई वह एक महिला है, प्रोजेक्ट डायरेक्टर.
कहने का मतलब है भारत की विकास में आज के दिन नारी और पुरुष दोनों का योगदान है और मैं तो कहूंगा नारी का ज्यादा है. कहते हैं सबसे बड़ी ताकत फाइनेंस में होती है और मोदी जी से ज्यादा कौन जानता है. कर्म है धर्म है पर अर्थ भी आवश्यकता है ताकि ऐसी संस्था बन सके.
हमारी अर्थव्यवस्था का संचालन कौन ना रहा है श्रीमती निर्मला सीतारमण, a tough lady a great economist और दुनिया में उनका बहुत बड़ा रुतबा है क्योंकि she is an expert in economics. हमारी अर्थव्यवस्था को देखिये हम कहां थे कहां आ गए. फ्रजाइल 5 छू दोगे तो बिखर जाएंगे उनमे हमारा नाम था. ब्राज़ील साउथ अफ्रीका तुर्की इंडोनेशिया और भारत. 13 साल पहले दुनिया पर बोझ थे. दुनिया सोचती थी कि इनकी अर्थव्यवस्था ठीक होनी चाहिए वरना दुनिया को झटका लगेगा और हम कहां से कहां आ गए हैं फ्रेजिले 5 से हम पावरफुल 5 में आ गए हैं.
हमने 2 सितंबर 2022 में दुनिया के पांचवें आर्थिक महाशक्ति का दर्जा हासिल किया, फिफ्थ लार्जेस्ट इकोनामी और हमने यूके और फ्रांस को पीछे छोड़ा. अब बारी है जापान और जर्मनी की और आने वाले चार-पांच साल में India will be the third largest global economy और इसमें नारी शक्ति वंदन अधिनियम का बहुत बड़ा रोल रहेगा.
जो मेरे सामने बैठे हैं, इन 2047 when India will be celebrating centenary of its इंडिपेंडेंस, तब आप सब लोग निर्णायक भूमिका में रहेंगे महत्वपूर्ण भूमिका में रहेंगे और आपकी वजह से भारत प्रकाष्ठा पर होगा इसमें कोई दोराहे नहीं है.
जब मैं आ रहा था जानकारी ली तो मुझे आश्चर्य हुआ और संतोष भी हुआ आपके यहां तपोवन है, योगशाला है, आपके प्रांगण में आकर जो चित्र दिखा, भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांत उजागर करते हुए ।
Our culture is our strength, our culture is a repository of wisdom of several ages. कल्चर के मामले में एक घटना में आपको बताता हूं, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में लिखी गई है.. यह सेकंड वर्ल्ड वॉर का जमाना था.. कैंब्रिज का एक प्रोफेसर, अपने एयर कंडीशन चैंबर मैं बैठा था, एक सैनिक आया उसको गुस्सा आया जो की स्वाभाविक था कि हम तो मर मिटने को तैयार हैं, और आप यहां आराम से बैठे हैं। प्रोफेसर ने पूछा आप किस चीज के लिए मर मिटने को तैयार हैं? सैनिक को इस पर और ज्यादा गुस्सा आया.. हम देश की अस्मिता के लिए लड़ रहे हैं, देश की आजादी के लिए लड़ रहे हैं, देश की सीमाओं के लिए लड़ रहे हैं।
प्रोफेसर ने कहा आपका क्या मतलब है? आप देश के कल्चर की रक्षा कर रहे हैं, और मैं भी बैठा यही काम कर रहा हूं, that was a glorious moment for the Professor.
हर भारतीय का धर्म है कि वह कर्म से हमारी संस्कृति का सर्जन करें, संरक्षण करें जो दुनिया में बेमिसाल है।
स्वामी विवेकानंद ने बहुत छोटी उम्र में दुनिया में बहुत बड़ा नाम कमाया। और आप लोगों के लिए कहा,"Awake, Arise and do not stop until the goal is achieved." उन्होंने एक बात और कहीं, "There is no chance for the welfare of the world, unless the condition of human is improved. It is not possible for a bird to fly on only one wing."
Now, You are nuclear power. यह छोटा कदम नहीं है, इससे पहले भी कदम उठाए जा चुके हैं, पंचायत, गांव की सरपंच, प्रधान पंचायत समिति के, जिला प्रमुख, जब यह महिला होती थी पहले तो कुर्सी पर उसका पति जाकर बैठता था। और वह खुद को सरपंच पति हूं, प्रधान पति हूं, जिला प्रमुख पति हूं ऐसा बताता था.. अपने धीरे-धीरे वह ताकत ले ली है। इस ताकत का नतीजा यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भारतीय संसद में बिना रिजर्वेशन के सबसे ज्यादा महिलाएं पहुंची- 78.
आप लोगों ने अगर 21 सितंबर को राज्यसभा की कार्यवाही देखी होगी जब इस अधिनियम पर चर्चा हो रही थी मैंने एक निर्णय लिया, कि मेरे अलावा और लोकसभा पति के अलावा, कुर्सी पर सिर्फ महिलाएं बैठेंगी।
Only women will sit on the chair during the precedings.
यह मौका उसे दिन मैंने 17 महिला सांसदों को दिया। पीटी उषा जी, जया बच्चन जी, कोयनाक, सुजाता जी.. सबको दिया। और सब अभीभूत थी।
टेबल ऑफिस के ऊपर मैंने पूरा महिलाओं का वर्चस्व रखा।
मैंने शुरुआत कि विदेश यात्राओं में उनकी भागीदारी 50% से कम नहीं होगी।
यह करके मुझे सुकून मिला यह तो अलग बात है, मुझे बहुत आशीर्वाद भी मिला, उन सब ने मुझे आशीर्वाद दिया, यह एक बड़ा बदलाव है। लगता था कि वह कुर्सी पर क्या करेंगे, पर बैठते ही पता लगा जो उन्होंने किया वह जबरदस्त साबित हुआ, वह कमजोर नहीं पड़ी।
हमारे यहां एक परंपरा है कि हम बहुत जल्दी लोगों को बहुत बड़ा मान लेते हैं। इसमें परिवर्तन आया है, आप उदाहरण के तौर पर देखिए padma awards, पदमश्री,पदमभूषण, पदमविभूषण.. पहले किन को मिलते थे? जिनका नाम पहले होता था। अब उनको मिलते हैं जिनका नाम सुना नहीं, पर मिलने के बाद एक बात होती है, की सही को मिला, इसी को मिलना चाहिए था।
यही योग्यता का पात्र है।
जब ऐसे ऑब्जेक्टिव काम होते हैं, तो देश की विकास यात्रा में चार चांद लग जाते हैं।
राज्यसभा में आपने देखा होगा शेरो शायरी भी होती है, हंसी के पल भी होते हैं, टेंशन भी होती है, इससे वातावरण ठीक रहता है, प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। जब मैं आ रहा था तो मैंने देखा कि मैं बच्चों को गिफ्ट क्या दूं? तो मैंने सोचा कि I will invite in a batch of 50, all of you, for a visit to the Indian Parliament.
उस विजिट का मैंने एक प्रोग्राम भी निश्चित किया है, पहले तो आप संसद की नई बिल्डिंग को देखेंगे, ढाई साल में सिर्फ बिल्डिंग नहीं बनी, कोविड की चुनौती के बावजूद अपितु उसके अंदर देख कर आप लोग दंग रह जाएंगे। दूसरा भारत मंडपम जहां g20 हुई है, दुनिया के 10 कन्वेंशन सेंटर में से एक है ,उसकी यात्रा कराई जाएगी, करिश्मा देखिए देश कितना बदल चुका है कि भारत मंडपम में g20 का कार्यक्रम संपन्न हुआ, उसके दो-तीन सप्ताह में ही उससे बड़ा कन्वेंशन सेंटर यशोभूमि जहां p20 का सम्मेलन होगा, दुनिया भर के पार्लियामेंट से लोग आएंगे, वह भारत मंडपम से भी बड़ा है वहां भी आपका आगमन होगा।
प्रधानमंत्री संग्रहालय एक पल भी आप आंख नहीं जाता पाएंगे। it has been changed it reflects everything, justice done to every PM of the country.. ओर वॉर मेमोरियल जो इंडिया गेट पर है, नेताजी बोस का स्टेचू भी है। यह कार्यक्रम मैंने बनाया है, we will facilitate it, we will do everything to make it possible.
थोड़ा यदि आगे चले तो आज के दिन आप लोगो को जो वातावरण मिल रहा है, हमने उसकी कल्पना नहीं की थी। पहला वातावरण, सत्ता के गलियारों से दलालों की छुट्टी हो गई। पहले सत्ता के गलियारों में दलाल रहते थे। पावर कॉरिडोर्स वर इनफेक्टेड विद पावर ब्रोकर, उनको सेनीटाइज कर दिया गया है, न्यूट्रलाइज कर दिया है।
दूसरा आपके लिए भी चुनौती है कि जब बहुत बड़ी प्रगति कोई परिवार या समाज करता है, कोई देश करता है तो कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत जलन आ जाती है, जिसकी वजह से वह प्रक्रिया लोग अपनाते हैं जो देश हित में नहीं है।
मेरा आपको अग्वाहन है कि हर परिस्थिति में भारतीयता और भारत सर्वोपरि है, Non-negotiable है।
अपने को मानना पड़ेगा क्योंकि यह हकीकत है, we are proud Indians, दुनिया में बाहर कदम रखते ही यह आपको पता लग जाएगा कि भारतीय होने का क्या अर्थ है। we must also take legitimate pride in our phenomenal historic unprecedented growth scenario.
आप टेंशन मत रखिए यह मेरी आपसे राय है, आप स्ट्रेस मत रखिए, जो करना है अपने मन के कीजिए। इंक्लिनेशन का एप्टीट्यूड के हिसाब से कीजिए। मैं यहां से आपके माता-पिता को भी संदेश दूंगा, allow your children to grow where there is to grow. don't tinker with their inclination, don't tweak it, let it be natural.
क्योंकि आजकल इतनी ऑपच्यरुनिटीज आ रही है जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते।
वह ऑपच्यरुनिटीज हर किसी को उपलब्ध है। धन आज के दिन बाधक नहीं है। चुनौतियां तो आती रहेगी, चुनौतियों से कोई बच नहीं सकता।
मैं यहां आया हूं, ठीक काम कर रहा हूं, पहले भी कहीं जगह गया, पर कुछ लोगों ने कहा कि आप क्यों आते हो बार-बार? पता क्यों कह रहे हो कि बार-बार, कि थोड़ा अचंभित हो गया क्योंकि कहने वाले ने ना तो संविधान को पड़ा, ना कानून को पड़ा, ना अपने पद की मर्यादा राखी, यदि अगर थोड़ा सोच लेते, कानून में झांक लेते तो उनको पता लग जाता कि भारत के उपराष्ट्रपति की कोई भी यात्रा अचानक नहीं होती है, बड़ी सोच विचार मंथन चिंतन के बाद होती है। पर कह दिया कि आपका आना ठीक नहीं है, किस कानून के तहत पता नहीं। तो क्योंकि राज्य सभा में शेरो शायरी होती है, रास्ते में मैंने भी एक छोटी सी कविता लिख दी, और मैंने कहा कि सबसे पहले आपसे साझा करूं, इस कविता को लिखने से पहले मुझे गजल याद आ गई, उस गजल में था,
‘जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं, और जुर्म क्या है पता ही नहीं।‘
इसी के तर्ज पर दुखी होकर, पीड़ित महसूस कर कर, कि मुझे इस मामले में क्यों घसीटा,मेरा काम तो संविधान संबंधित था, जनता के भले के लिए था, कृषक पुत्र होने के नाते, जैसे मेरी उन्नति हुई है तो मैं हर संस्था में भी गया और बाकी मेरी यात्रा विधानसभा के अध्यक्ष के निमंत्रण पर हुई, केंद्र सरकार के कार्यक्रमों में हुई, राज्य सरकार ने कोई कार्यक्रम नहीं बनाया, नहीं बुलाया मुझे तो कोई परेशानी नहीं है, उनका विवेक है वह जाने।
मैंने जो कविता बनाई,
‘खता क्या कि हमने, पता ही नहीं, आपत्ति क्यों है उन्हें हमारे घर आने की पता ही नहीं। यह कैसा मंजर है समझ से परे है, सवाल या निशान क्यों है? अपने घर आने में। क्या जुर्म है, पता ही नहीं। यही छोड़ता हूं इस बात को.
From this platform I would like to declare that I do not expect, people in authority to make light of constitutional positions. This is not good for democracy. There must be respect for constitutional positions and all of us togetherness, hand in hand collaboration and coordination with consensual approach have to serve the people at large.
मन दुखी होता है कि किन-किन शब्दों का उपयोग कर लिया, उभरना बड़ा मुश्किल है , I appeal to everyone it is our country we all are servants of this country whatever be our position, right from president down the line up to the chief minister. We must be very sensitive, we should not generates such a public perception, की बेवजह संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति को राजनीति में घसीटा जाए, यह ठीक नहीं है।
Girls I am delighted to share with you a platform are the future, आज का दिन सौभाग्यशाली इसलिए भी है, की 80% अधिकारियों से मैंने हाथ में लाया, उनके भी बेटे और बेटियां ही है, और बेटियों की ताकत, और माता-पिता के लिए उनका प्रेम, एक अजीब तरीके का होता है।
God bless you! You are in one of the best institutes at a global level. Utilize the opportunity.
Alumni of any institution are it's spinal strength, alumni are reservoir of talent, मैं आशा करता हूं इस संस्था जितने भी Alumni हैं, इस संस्था को योग्यता अनुसार आर्थिक सहयोग देंगे, सुझाव देंगे, this will shape into an institute that will reach pinnacle at a global level. All the very best. Thank you so much!
***
MS
(Release ID: 1965110)
Visitor Counter : 1091