हिंदी विज्ञप्तियां
तिथि |
|
माह |
|
वर्ष |
|
- प्रधानमंत्री कार्यालय
- प्रधानमंत्री ने सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर उन्हें याद किया
- रक्षा मंत्रालय
- पंजाब के राज्यपाल श्री विजेंद्र पाल सिंह बदनौर ने हलवारा एयरफोर्स स्टेशन का दौरा किया
|
  |
खान मंत्रालय25-फरवरी, 2014 20:50 IST
दिनशा जे.पटेल ने दिये राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार
|
केन्द्रीय खान मंत्री श्री दिनशा जे.पटेल ने आज खान मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार-2012 प्रदान किये। ये पुरस्कार मूलभूत और व्यवहारिक भू-विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए दिये गये है।
आज जिन 27 भू-वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया गया है, उन्होंने भूमिगत जल, पर्यावरण और खनिजों की खोज जैसे सामयिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवीनतम कार्य किया है। इस मौके पर खान मंत्री ने पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों का ध्यान खनन और खनिजों के क्षेत्र में काम करते समय और प्रदूषण नियंत्रण और निगमित सामाजिक दायित्वों की और भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि समाज और देश के विकास के साथ-साथ आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार को प्रमुखता दी जानी चाहिए।
खान मंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में भारत में विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है जिसका प्रभाव खनिज और खनन क्षेत्र में भी महसूस किया जा रहा है।
खान मंत्री ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों और खनिज सम्पन्न राज्यों से इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए अधिक से अधिक निवेश करने और राष्ट्रीय विकास में भागीदार बनने का आग्रह किया।
खनन सचिव श्री आर एच ख्वाजा ने पुरस्कार पाने वालों में तीन महिला वैज्ञानिकों के शामिल होने पर खुशी जताई। उन्होंने भू-वैज्ञानिकों द्वारा भूमिगत जल अध्ययन, ब्लास्टिंग की नई पर्यावरण के लिए सुरक्षित तकनीक के विकास और खानों के बचे-खुचे और निम्न श्रेणी के अयस्कों से धातु निकालने के लिए बायो-ब्लीचिंग जैसी प्रक्रिया के इस्तेमाल जैसे सामयिक मुद्दों पर गंभीर रवैया अपनाने पर संतोष व्यक्त किया।
भारत ने 2010-2020 को आविष्कार का दशक घोषित किया है। खान सचिव ने बताया कि विज्ञान, तकनीकी और आविष्कार (एसटीआई) के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय नवोन्मष परिषद का गठन करने के साथ-साथ नई नीति (एसटीआई-2013) लागू की है जोकि आविष्कारों पर नए आयामों को बढ़ावा देगी।
खान सचिव ने जीएसआई के काम काज की सराहना की और उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बार-बार प्रभावित होने वाले तीन क्षेत्रों में तीन ग्रहन अध्ययन कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होंगे। और खान मंत्री द्वारा फरवरी 2014 के दौरान 53वीं सीजीपीवी बैठक के दौरान उद्घाटन किया जाएगा।
विके/एनटी/आरके-949
(Release ID 27137)
विज्ञप्ति को कुर्तिदेव फोंट में परिवर्तित करने के लिए यहां क्लिक करें |
|