लक्ष्‍य और उपलब्धियां

प्रधानमंत्री का स्‍वतंत्रता दिवस 15 अगस्‍त, 2017 का संबोधन

क्र.सं.

वादे

उपलब्धि

 

 

01

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जंग

बेनामी संपत्ति रखने वाले, कितने सालों तक कानून लटके पड़े थे। अभी-अभी तो हमने कानून की विधिवत रूप से व्यवस्था आगे बढ़ाई। इतने कम समय में 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बेनामी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली है। जब ये चीज होती है तब सामान्य मानव के मन में एक विश्वास पैदा होता है कि ये देश ईमानदार लोगों के लिए है।

सरकार द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई से काले धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।

बेनामी लेन-देन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 को 1 नवंबर, 2016 से प्रभावी किया जा चुका है।

● 1600 से भी अधिक मामलों में 4300 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेनामी संपत्तियां कुर्क की गई हैं (30.06.2018 तक)।

बेनामी संपत्तियों की पहचान करने और प्रभावकारी कदम उठाने के उद्देश्य से सूचनाएं एकत्रित करने के लिए देश भर में 24 समर्पित बेनामी निषेध इकाइयां (बीपीयू) स्थापित की गई हैं।

काले धन को बाहर निकालने और कर चोरी में कमी लाने के लिए यूआईटी विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से लोगों को जोड़ने के लिए नई बेनामी लेन-देन मुखबिर इनामी योजना, 2018 शुरू की गई।

वर्ष 2017-18 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले नए करदाताओँ की संख्या में लगभग 1 करोड़ की वृद्धि दर्ज। आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की कुल संख्या पिछले वर्ष के 5.43 करोड़ से 26 प्रतिशत बढ़कर 6.84 करोड़ के उच्च स्तर पर पहुंच गई।

पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2013-14 में दाखिल किए गए 3.79 करोड़ आईटीआर की तुलना में वित्त वर्ष 2017-18 में दाखिल किए गए आईटीआर की संख्या में 80.5 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

जीएसटी से जुड़े आंकड़ों से अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ जाने के बारे में जानकारी मिली है।

विमुद्रीकरण के आंकड़ों पर आधारित प्रवर्तन संबंधी कार्रवाइयों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

● 1.37 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की कर चोरी के बारे में पता चला है (अप्रैल, 2017)

● 1 मार्च, 2018 को भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 पारित हो गया जिसका उद्देश्य भारतीय न्यायालयों के क्षेत्राधिकार से निरंतर बाहर रहकर भारत की कानूनी प्रक्रिया से बचने के प्रयास करने वाले आर्थिक अपराधियों की नकेल कसना है।

भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश 21 अप्रैल, 2018 को जारी किया गया। इसके तहत भारतीयों अधिकारियों को आर्थिक अपराधियों के अपराध से जुड़ी धनराशि और आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों को कुर्क एवं जब्त करने का अधिकार दिया गया है।

वर्ष 2017-18 के दौरान 2,26,000 से भी अधिक मुखौटा कम्पनियों का पंजीकरण रद्द किया गया है, जबकि 3 लाख से भी अधिक निदेशकों को अयोग्य करार दिया गया है।

चालू वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान द्वितीय अभियान शुरू किया जाएगा। कम्पनी अधिनियम की धारा 248 के तहत 2,25,910 से भी अधिक कम्पनियों के नामों को पंजीकरण सूची से हटाने के उद्देश्य से उनकी पहचान की गई है।

 

02

मेरे प्‍यारे देशवासियों यह वर्ष आजाद भारत के लिए एक विशेष वर्ष है। अभी पिछले सप्‍ताह ही Quit India Movement का 75 साल हमने स्‍मरण किया। यह वर्ष है, जब चम्‍पारण सत्‍याग्रह की शताब्‍दी मना रहे हैं। यह वर्ष है जब साबरमती आश्रम की शताब्‍दी का भी वर्ष है।

(i) वर्ष 2017 में भारत छोड़ो आंदोलन और आईएनए के गठन की 75वीं वर्षगांठ मनाई गई।

(ii) साबरमती आश्रम का शताब्दी समारोह वर्ष 2017 में मनाया गया।

(iii) चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी समारोह 10 अप्रैल, 2017 से लेकर 10 अप्रैल, 2018 तक की अवधि के दौरान मनाया गया।

(iv) “फ्रीडम - 70” को मनाए जाने के तहत 55 देशों में स्थित भारतीय मिशनों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

(v) महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर, 2018 से लेकर 2 अक्टूबर, 2020 तक की अवधि के दौरान राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाई जाएगी।

(vi) गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती वर्ष 2019 के दौरान मनाई जाएगी।

 

 

 

03

जीएसटी

भाइयों बहनों, एक के बाद एक कदम और मुझे विश्वास है GST के बाद उसमें और बढ़ोतरी होने वाली है। और Transparency आने वाली है। अकेले Transportation हमारा ट्रक वाला एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता था। ये GST के बाद तीस प्रतिशत उसका समय बच गया है। check-post खत्म होने के कारण हजारों करोड़ रुपयों की तो बचत हुई है। सबसे बड़ी बचत समय की हुई है। एक प्रकार से उसकी तीस प्रतिशत Efficiency बढ़ रही है। आप कल्पना कर सकते हैं हिन्दुस्तान के Transport जगत में तीस प्रतिशत Efficiency बढ़ने का मतलब क्या होता है। एक GST के कारण इतना बड़ा परिवर्तन आया है।

 

एक राष्ट्र, एक कर; एक राष्ट्र-एक बाजार का आगाज 30 जून, 2017 की मध्य रात्रि में किया गया और यह 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी हुआ।

 

जीएसटी से सहकारी संघवाद की भावना को बढ़ावा मिला है।

एकल कर प्रणाली से करों की बहुलता समाप्त हो गई है।

● 28 प्रतिशत के सर्वाधिक कर वाले स्लैब में केवल 35 वस्तुएं ही हैं।

इस प्रणाली से कारोबार में सुगमता को बढ़ावा मिला है, कर चोरी की रोकथाम होने से राजस्व में इजाफा हुआ है, दक्षता बढ़ी है।

जीएसटी लागू होने के बाद 68,000 से भी अधिक कम्पनियों को पंजीकृत कराया गया है (जुलाई, 2017 से फरवरी, 2018 तक)

जीएसटी के आंकड़ों से अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ जाने के बारे में पता चला है।

अगस्त, 2017- मार्च, 2018 के दौरान जीएसटी के तहत संग्रहीत कुल राजस्व = 7.19 लाख करोड़ रुपये।

 

कर चोरी की रोकथाम करने और राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि करने के उद्देश्य से जीएसटी के तहत ई-वे बिल प्रणाली 3 अप्रैल, 2018 को लागू की गई।

 

 

04

आधुनिक संरचना

नई व्यवस्थाएं जन्म लेती हैं। आज दुगुनी रफ्तार से सड़के बन रही हैं, आज दुगुनी रफ्तार से रेलवे की पटरियां बिछाई जा रही हैं, आज 14 हजार से ज्यादा गांव, जो आजादी के बाद भी अंधेरे में पड़े हुए थे, वहां तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है और देश उजाले की तरफ बढ़ रहा है वो हम साफ देख रहे हैं। 29 करोड़ गरीबों के जब Bank Accounts खुलते हैं, किसानों के नौ करोड़ से ज्यादा Soil Health Card निकलते हैं, दो करोड़ से ज्यादा गरीब माताओं-बहनों को लकड़ी के चूल्हे से मुक्ति मिलकर के, गैस का चूल्हा मिलता है। गरीब आदिवासी का एक हौसला बुलंद हो जाता है। गरीब व्यक्ति मुख्यधारा में जुड़ता है और देश प्रगति की ओर आगे बढ़ रहा है।

हमने infrastructure पर बल दिया है। अभूतपूर्व खर्च infrastructure पर दिए जा रहे हैं। रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण हो, छोटे शहर में, चाहे एयरपोर्ट बनाना हो, चाहे water-way की व्यवस्था करनी हो, चाहे roadways की व्यवस्था करनी हो, चाहे गैस grid बनानी हो, चाहे पानी की grid करानी हो, चाहे optical fibre network करना हो, हर प्रकार के आधुनिक infrastructure पर हम पूर्ण बल दे रहे हैं।

मेरे प्यारे देशवासियों, सरकार की कुछ योजनाएं ऐसी हैं, जो हिन्दुस्तान के सामान्य मानव की जेब में पैसे बचा सकें। अगर आप LED Bulb लगाते हैं, तो साल भर का हजार दो हजार पांच हजार रुपया आपका बचने वाला है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग

 

सड़कों का निर्माण 28 किलोमीटर प्रति दिन की दर से किया जा रहा है जो वर्ष 2013-14 की लगभग 12 किलोमीटर प्रति दिन की निर्माण दर से दोगुनी से भी अधिक है।

पिछले चार वर्षों में 51073 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों के ठेके दिए गए जो 2010-14 के दौरान ठेके पर दिए गए 25158 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।

पिछले चार वर्षों में 28531 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया, जबकि 2010-14 के दौरान 16505 किलोमीटर लम्बे राषट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया था।

 

वर्ष 2018-19 के लिए 16,418 किलोमीटरका अब तक का सर्वाधिक निर्माण लक्ष्य तय किया गया है।

अक्टूबर, 2017 में शुरू की गई भारतमाला परियोजना के तहत लगभग 66,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा, ताकि आर्थिक गतिविधि वाले क्षेत्रों, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों, सीमावर्ती क्षेत्रों, पिछड़े एवं जनजातीय क्षेत्रों, तटवर्ती क्षेत्रों और पड़ोसी देशों के साथ जुड़े व्यापार मार्गों पर कनेक्टिविटी संबंधी जरूरतें पूरी हो सकें। 5,35,000 करोड़ रुपये के निवेश से वर्ष 2021-22 तक 34,800 किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

दिल्ली में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के एक हिस्से का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अन्य जैसे कि वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे, बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और कई अन्य निर्माणाधीन हैं।

सुदूरवर्ती क्षेत्रों और दुर्गम इलाकों में पुलों एवं सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, जम्मू-कश्मीर में उधमपुर एवं रामबाण के बीच 9 किलोमीटर लम्बी, ट्विन-ट्यूब, बारहमासी चेनानी-नाशरी सुरंग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर 9.15 किलोमीटर लम्बा भूपेन हजारिका पुल, जो भारत का सबसे लम्बा पुल है।

चारधाम महामार्ग विकास परियोजना का शुभारंभ 27 दिसंबर, 2016 को किया गया जिसका उद्देश्य हिमालय क्षेत्र में स्थित चारधाम तीर्थस्थलों की कनेक्टिविटी बेहतर करना और इन तीर्थस्थलों तक होने वाली यात्रा को सुरक्षित, त्वरित और अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक बनाना है।

सेतु भारतम परियोजना का शुभारंभ किया गया जिसका उद्देश्य रेलवे ओवरब्रिज/अंडरपास का निर्माण करके वर्ष 2019 तक समस्त राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे लेवल क्रॉसिंगों से मुक्त करके सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

● 7101.24 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 90 रेलवे ओवरब्रिज को मंजूरी दी गई है। 35 से भी अधिक कार्य ठेके पर दिए गए हैं।

देश भर में समस्त 1,72,519 पुलों और ढांचों की विस्तृत सूची तैयार की गई है।

 

जलमार्ग

● 106 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू) घोषित किया गया है।

एनडब्ल्यू-1 गंगा नदी पर 5369 करोड़ रुपये की लागत वाली जलमार्ग विकास परियोजना से वाराणसी और हल्दिया के बीच नदीजहाजों के चलने लायक हो जाएगी।

 

विद्युत

 

गणना से जुड़े 597,464 गांवों में से समस्त 597,464 गांवों (100 प्रतिशत) में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत 86 लाख से भी ज्यादा घरों में बिजली पहुंचाई गई है।

उजाला (सभी के लिए किफायती रोशनी द्वारा उन्नत ज्योति)

उजाला योजना के तहत 30 करोड़ से भी अधिक एलईडी बल्बों का वितरण किया गया है। इससे लागत में प्रति वर्ष 15,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की बचत संभव होगी। इस योजना के तहत एक बल्ब की कीमत 70 रुपये है।

 

मृदा स्वास्थ्य कार्ड: मृदा स्वास्थ्य कार्डों पर अलग-अलग खेतों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों एवं उर्वरकों की फसलवार अनुशंसाएं होती हैं जिससे किसानों को कच्चे माल के उचित उपयोग के जरिए उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है।

.

 

सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने चक्र-I (2015-16 और 2016-17) को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। देश भर में किसानों को 10.73 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं।

द्वितीय चक्र (2017-19) का शुभारंभ 1 मई, 2017 से कर दिया गया है और अब तक किसानों के बीच 4.56 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं।

 

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस-

 

उज्ज्वला

बीपीएल परिवारों की महिलाओँ को 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराए गए हैं।

रेलवे

 

रेलवे ट्रैकों में नवीकरणीय पुरानी पटरियां- वर्ष 2017-18 के दौरान रेलवे ट्रैकों में अब तक की सर्वाधिक 4,405 किलोमीटर लम्बी पुरानी पटरियों का नवीकरण किया गया है।

● 2014-18 के दौरान रेलवे के विद्युतीकरण के लिए कुल बजट उपयोग 10475 करोड़ रुपये का हुआ और वर्ष 2018-19 में 6302 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।

रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरणः 'सुगम्य भारत अभियान'- अब तक 184 स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाए गए हैं और 150 स्टेशनों पर लिफ्ट लगाई गई हैं।

भारतीय रेलवे दुनिया की पहली ऐसी प्रमुख रेलवे हो गई है जिसने अपने समस्त रेलवे स्टेशनों पर 100 प्रतिशत एलईडी रोशनी की व्यवस्था की है। यह उपलब्धि 31 मार्च, 2018 तक हासिल की गई है।

भारतीय रेलवे ने वर्ष 2022 तक 1000 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता और 200 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लिए प्रमुख हरित पहल कार्यक्रम शुरू किया है।

 

नागरिक उड्डयन

उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) -

  1. क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) का उद्देश्य आम आदमी के लिए भारत के टियर-II और टियर-III शहरों के हवाई सफर को किफायती बनाना है।
  2. अक्टूबर, 2016 में शुरू की गई 'उड़ान' के तहत प्रति घंटे 2,500 रुपये के रियायती किराये पर उन हवाई अड्डों को क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी सुलभ कराई जाती है जहां या तो उड़ानों का संचालन नहीं हो रहा है अथवा अपेक्षा से कम उड़ानों का संचालन हो रहा है।
  3. अब तक 109 हवाई अड्डों और हेलीपैड को कनेक्ट किया गया है।

वर्ष 2017 में पहली बार घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या ने 100 मिलियन का आंकड़ा पार किया।

प्रथम व्यापक राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति-2016 प्रस्तुत की गई।

नए हवाई अड्डे- नई ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नीति के तहत नए हवाई अड्डेः नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर), मोपा (गोवा), पुरंदर एयरपोर्ट (पुणे), भोगापुरम एयरपोर्ट (विशाखापत्तनम), धोलेरा एयरपोर्ट (अहमदाबाद), हीरासर एयरपोर्ट (राजकोट)।

दिल्ली, बेंगलुरू और हैदराबाद हवाई अड्डों का उन्नयन एवं विस्तारीकरण।

वित्त वर्ष 2018 के दौरान 2 नए हवाई अड्डों यथा पैकयोंग और शिरडी एयरपोर्ट का निर्माण करने, उड़ान संचालनों से वंचित/अपेक्षा से कम उड़ान संचालन वाले हवाई अड्डों के पुनरुत्थान और अन्य मौजूदा हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण के लिए एयरपोर्ट क्षेत्र में 5700 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया गया। एयरपोर्ट क्षेत्र ने अगले चार वर्षों में 105000 करोड़ रुपये की ठोस पूंजीगत खर्च योजना बनाई है।

 

आवास

आजादी के 75 साल पूरे होने यानी वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास का लक्ष्य

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)

● 20.11.2016 को शुभारंभ हुआ।

वर्ष 2019 तक एक करोड़ मकान बनाए जाएंगे। दो लाख अतिरिक्त मकानों (आईएवाई के तहत शेष अधूरे मकान) का निर्माण किया जाएगा। अतः वर्ष 2017-18 में 51 लाख मकान और वर्ष 2018-19 में भी 51 लाख मकान बनाने का लक्ष्य है।

मार्च 2018 तक, वर्ष 2017-18 में 51 लाख मकानों के लक्ष्य की तुलना में कुल मिलाकर 34.99 लाख मकानों (पीएमएवाई, ग्रामीण के तहत 29.33 लाख मकान और आईएवाई के तहत 5.66 लाख अधूरे मकान) का निर्माण कार्य पूरा किया गया।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)

● 25.6.2015 को शुभारंभ हुआ।

वर्ष 2022 तक 'सभी के लिए आवास', जिसका लक्ष्य एक बढ़िया पक्का मकान सुलभ कराना है।

जुलाई, 2018 तक 51 लाख मकानों को मंजूरी दी गई। 8 लाख से अधिक मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो गया और लगभग 8 लाख मकानों में लाभार्थी रहने भी लगे हैं।

पीएमएवाई (यू) के त्वरित क्रियान्वयन के उद्देश्य से विभिन्न चरणों में बजटेतर संसाधन (ईबीआर) जुटाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये का एक राष्ट्रीय शहरी आवास कोष बनाया गया।

 

 

05

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एक सुरक्षा कवच मेरे किसान भाईयों को मिला है। तीन साल पहले सिर्फ सवा तीन करोड़ किसान इस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जो पहले दूसरे नाम से चलती थी उसका लाभ लेते थे। आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इतने कम समय में कई नये किसान इसके साथ जुड़ गए हैं और करीब-करीब ये संख्‍या आगे चलकर के पौने छह करोड़ पर पहुंची है।

● 13.1.2016 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत की गई इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों एवं रोगों के कारण किसी अधिसूचित फसल के खराब होने की स्थिति में किसानों को व्यापक बीमा कवर प्रदान करना है।

इसका उद्देश्य बीमित किसानों के सकल फसल क्षेत्र (जीसीए) को मौजूदा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2018-19 में 50 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचाना है।

वर्ष 2017-18 के दौरान 4.84 करोड़ किसान आवेदकों को कवर किया गया और 25182 करोड़ रुपये के सकल प्रीमियम पर 197302 करोड़ रुपये की राशि के लिए 514 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा किया गया।

खरीफ 2017 के सीजन के लिए 15987 करोड़ रुपये के कुल अनुमानित दावों में से 11112 करोड़ रुपये के दावों को स्वीकृति दी गई है और 9264 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।

 

 

06

जीईएम

सरकार में भी खरीदी करने में अब छोटा-सा व्‍यक्ति भी हजारों किलोमीटर दूर बैठा गांव का व्‍यक्ति भी सरकार को अपना माल supply कर सकता है, अपने product supply कर सकता है। उसको बड़े की जरूरत नहीं है, बिचौलिए की जरूरत नहीं है। GEM नाम का एक पोर्टल बनाया है, GEM उसके द्वारा government procure कर रही है। बहुत सारी मात्रा में transparency लाने में सफलता मिली है।

 

केन्द्र सरकार के सभी विभाग और 32 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश खरीद के लिए 'जेम' का उपयोग कर रहे हैं।

जुलाई 2018 तक 25,203 क्रेता संगठन;1,28,345 विक्रेता एवं सेवा प्रदात्ता और 3,73,099 उत्पाद 'जेम' पोर्टल पर पंजीकृत कराए गए।

जेम के जरिए खरीद 9,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई है और पेशकश किए गए उत्पादों की संख्या 3 लाख से अधिक हो गई है।

मूल्य की दृष्टि से जेम पर 46 प्रतिशत लेन-देन राज्य करते हैं और 37 प्रतिशत लेन-देन एमएसएमई विक्रेताओं के साथ होते हैं।

जेम की बदौलत सरकारी खरीद में औसतन लगभग 20-25 प्रतिशत की बचत हो रही है।

● 22 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश 'जेम' के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करके जेम के औपचारिक साझेदार बन गए हैं।

 

 

07

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना

हर साल लाखों-करोड़ों रुपयों की हमारी सब्‍जी, हमारे फल, हमारी फसल बर्बाद हो जाती है और इसलिए उसको बदलने के लिए एक तो Foreign Direct Investment को बढ़ावा दिया ताकि food processing के अंदर दुनिया हमारे साथ जुड़े। Infrastructure बनाने के लिए बढ़ावा दिया और भारत सरकार नेप्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ लागू की है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

● 3 मई, 2017 को मंजूरी दी गई।

● 6,000 करोड़ रुपये के आवंटन से वर्ष 2019-20 तक 31,400 करोड़ रुपये के निवेश का लाभ उठाए जाने, 1,04,125 करोड़ रुपये मूल्य की 334 लाख एमटी कृषि-उपज का संचालन होने, 20 लाख किसानों के लाभान्वित होने और देश में 5,30,500 प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है।

अब तक 15 मेगा फूड पार्कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

पिछले चार वर्षों में मंत्रालय द्वारा सृजित 15.94 लाख एमटी वार्षिक की संरक्षण एवं प्रसंस्करण क्षमता में 351 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

शीत भंडारण क्षमता में 720 प्रतिशत की दमदार वृद्धि दर्ज की गई है।

मंत्रालय द्वारा संचालित परियोजनाओं के जरिए प्रसंस्कृत कृषि उपज के मूल्य में 180 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है।

मेगा फूड पार्कों में संरक्षण एवं प्रसंस्करण क्षमता में 351 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत कुल मिलाकर 122 परियोजनाओं को तीन योजनाओं यथा कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज और यूनिट स्कीम के तहत मंजूरी दी गई है जिससे 2300 करोड़ रुपये के निवेश का लाभ मिलेगा। इससे लगभग 3.4 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है।

सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में स्वतः रूट के तहत 100 प्रतिशत तक एफडीआई को अनुमति दी है।

अकेले पिछले एक साल में 1,00,000 करोड़ रुपये के निवेश एमओयू किए गए जिनमें से 73000 करोड़ रुपये का निवेश आना शुरू हो गया है।

 

 

 

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में प्राप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह का वर्ष-वार विवरण नीचे दिया गया हैः

 

वर्षएफडीआई इक्विटी प्रवाह (मिलियन अमेरिकी डॉलर में)

2014-15 515.86

2015-16 505.88

2016-17 727.22

2017-18(अप्रैल-मई) 187.90

 

08

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

हमारा नौजवान अपने पैरों पर खड़ा हो, वो रोजगार पाने वाला रहे, रोजगार देने वाला बने, और पिछले तीन साल में देखा है कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के कारण करोड़ों नौजवान अपने पैरों पर खड़े हुए हैं। इतना ही नहीं, एक नौजवान एक या दो तीन और लोगों को भी रोजगार दे रहा है

 

  • सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र के विकास (विकसित एवं पुनर्वित्त करना) के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • बैंकों द्वारा तीन श्रेणियों यथा शिशु, किशोर और तरुण के तहत बिना गारंटी के आसानी से ऋण दिए जाते हैं। उप-योजना 'शिशु' के तहत 50000 रुपये तक के ऋण, उप-योजना 'किशोर' के तहत 50000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के ऋण और उप-योजना 'तरुण' के तहत 5 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते हैं।

Ø वित्त वर्ष 2015-16 में 137449 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।

Ø वित्त वर्ष 2016-17 में 180528 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।

Ø वित्त वर्ष 2017-18 में 253677.10 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।

वित्त वर्ष 2018-19(20 जुलाई, 2018 तक) में 56405.66 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।

 

 

 

09

शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में World Class Universities बनाने के लिए हमने बंधनों से मुक्‍ति देने का एक बड़ा अहम कदम उठाया है। 20 यूनिवर्सिटियों का आह्वान किया है कि आप अपने भाग्‍य का फैसला कीजिए, सरकार कहीं बीच में नहीं आएगी। ऊपर से सरकार 1000 करोड़ रुपये तक की मदद करने के लिए भी तैयार है। आह्वान किया है, मुझे विश्‍वास है मेरे देश की शिक्षा संस्‍थाओं में जरूर आगे आएंगे, इसको सफल करेंगे।

पिछले तीन वर्ष में 6 IIT, 7 नए IIM, 8 नए IIIT, इसका निर्माण किया है और शिक्षा को नौकरी के अवसरों के साथ जोड़ने का भी इस को काम हमने किया है।

 

उत्कृष्ट संस्थान (आईओई)

पहली बार उत्कृष्ट संस्थान (आईओई) के रूप में अधिसूचना के लिए छह संस्थानों को मंजूरी दी गई हैं।

● 'उत्कृष्ट संस्थान' के रूप में चयनित प्रत्येक सार्वजनिक संस्थान यथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई को इस योजना के तहत पांच वर्षों की अवधि में 1000 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।

 

 

नए संस्थान:

 

सात नए आईआईएम

o 5 नए आईआईएम- सिरमौर (हिमाचल प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र), संभलपुर (ओडिशा), अमृतसर (पंजाब) और बोधगया (बिहार) आईआईएम को खोलने की घोषणा वर्तमान सरकार के प्रथम बजट अर्थात जुलाई, 2014 में पेश किए गए बजट में की गई थी।

o 2 नए आईआईएम- विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) और जम्मू (जम्मू-कश्मीर) आईआईएम की घोषणा वर्ष 2015 में पेश किए गए बजट में की गई थी।

6 नए आईआईटी

o 5 नए आईआईटी- जम्मू (जम्मू-कश्मीर), भिलाई (छत्तीसगढ़), गोवा, तिरुपति (आंध्र प्रदेश) और पलक्कड़(केरल) आईआईटी खोलने की घोषणा वर्तमान सरकार के प्रथम बजट अर्थात जुलाई, 2014 में पेश किए गए बजट में की गई थी।

o 1 नया आईआईटी-धारवाड़ (कर्नाटक) में एक आईआईटी खोलने की घोषणा वर्ष 2015 में पेश किए गए बजट में की गई थी।

दो नए आईआईएसईआर- तिरुपति (2015) में एक आईआईएसईआरऔर बेरहामपुर (2016) में एक आईआईएसईआरने अपना परिचालन शुरू कर दिया है।

एक नया आईआईआईटी कुरनूल में खोला गया है।

नौ नए आईआईआईटी को पीपीपी मोड में खोला गया है।

 

 

 

 

10

महिला सशक्ति करण

हमारी माताएं, बहनें परिवार की भी एक अहम इकाई हैं। हमारा भविष्‍य निर्माण करने के लिए हमारी माताओं, बहनों का योगदान बहुत बड़ा होता है, और इसलिए Maternity Leave जो 12 सप्‍ताह की थी, वो 26 सप्‍ताह, उसमें आय चालू रहेगी, इस प्रकार से देने का काम किया है।

मैं आज हमारी महिलाओं के सशक्तिकरण के काम के संबंध में, मैं खास करके, मैं उन बहनों का अभिनंदन करना चाहता हूं जो तीन तलाक के कारण बहुत ही दुर्दव्‍य जिंदगी जीने के लिए मजबूर हुई हैं। इस आंदोलन को चलाने वाली उन मेरी बहनों को, जो तीन-तलाक के खिलाफ लडाई लड़ रही हैं, मैं हृदय से उनका अभिनदंन करता हूं और मुझे विश्‍वास है, कि माताओं-बहनों को अधिकार दिलाने में, उनकी इस लड़ाई में हिन्‍दुस्‍तान उनकी पूरी मदद करेगा। हिन्‍दुस्‍तान पूरी मदद करेगा और Women Empowerment के इस महत्‍वपूर्ण कदम में वो सफल होके रहेगी; ऐसा मुझे पूरा भरोसा है।

मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम 2017 को 31.03.2017 से प्रभावी किया जा चुका है जिसके तहत 26 हफ्तों का सवेतन मातृत्व अवकाश दिया जाता है।

इसके तहत 50 अथवा उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में क्रेच का भी अनिवार्य प्रावधान किया गया है और इसके साथ ही 'घर से कार्य करने' का भी प्रावधान किया गया है।

पहली बार, सरोगेट का उपयोग करने वाली माताओं के साथ-साथ शिशु को गोद लेने वाली माताओं के लिए भी 12 हफ्तों के सवेतन मातृत्व अवकाश का प्रावधान किया गया है।

मातृ मृत्यु अनुपात में उल्लेखनीय कमीः

भारत में मातृ मृत्यु में उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2013 से लेकर अब तक इसमें 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

भारत में मातृ मृत्यु अनुपात 2011-2013 के 167 से घटकर 2014-2016 में 130 के स्तर पर आ गया है।

 

पोषण अभियान- समग्र पोषण के लिए प्रधानमंत्री की व्यापक योजना (राष्ट्रीय पोषण मिशन)

● 08.03.2018 को शुरू किए गए पोषण अभियान (एनएनएम) का लक्ष्य 2017-18 से शुरू अगले तीन वर्षों के दौरान तय लक्ष्यों के साथ समयबद्ध ढंग से 0-6 साल के बच्चों, गर्भवती महिलाओँ औरस्तनपान कराने वाली माताओंमें पोषण की स्थिति को बेहतर करना है।

एनएफएचएस IV बनाम एनएफएचएस III

अपेक्षा से कम वजन वाले बच्चों (5 साल से कम उम्र) का अनुपात 42.5 प्रतिशत से घटकर 35.7 प्रतिशत रह गया।

अवरुद्ध विकास वाले बच्चों (5 साल से कम उम्र) का अनुपात 48 प्रतिशत से घटकर 38.4 प्रतिशत रह गया।

लम्बे समय से ताकत में कमी वालों का अनुपात घटकर 22.9 प्रतिशत रह गया, जबकि पहले यह अनुपात 35.5 प्रतिशत रहने की जानकारी दी गई थी।

 

 

तीन तलाक

तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया गया है और सरकार अब 'निकाह हलाला' को भी अवैध घोषित करने के लिए प्रयासरत है।

 

 

 

 

11

डिजिटल लेनदेन

 

दुनिया में हमारी पहचान IT के द्वारा है, Digital World के द्वारा है।हम नेतृत्व करें, हम जिम्मेवारी लें, हम Digital Transaction की ओर जाएं। हम BHIM APP को अपनाएं, आर्थिक कारोबार का हिस्सा बनाएं। हम Prepaid के द्वारा भी काम करें। और मुझे खुशी है कि Digital लेनदेन बढ़ी है। पिछले साल के मुकाबले उसमें 34 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और Prepaid भुगतान में करीब 44 प्रतिशत का। और इसलिये कम cash वाली अर्थव्यवस्था, उसको लेकर के हमें आगे बढ़ना चाहिए।

‘BHIM-AADHAR App’ दुनिया के अंदर Digital Transaction के लिये एक अजूबा बना हुआ है। RuPay Card ...हिन्दुस्तान में RuPay Card करोड़ों की तादाद में है।

 

डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भीम(भारत इंटरफेस फॉर मनी)एप को प्रधानमंत्री द्वारा 30 दिसंबर, 2016 को लांच किया गया।

 

डाउनलोड:

एंड्रायड पर : 29.41 मिलियन(29 जून,2018 तक)

आईओएस पर: 1.47 मिलियन(29 जून,2018 तक)

 

सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने डिजिटल लेन-देन में ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ वॉल्यूम दर्ज किया। 28 मार्च, 2018 को 98, 19,026 लेन-देन के लिए पीएफएमएस पोर्टल के जरिए 71,633.45 करोड़ रुपये की राशि का डिजिटल ढंग से लेन-देन किया गया/भेजा गया।

रुपे कार्डः

 

भारत में जारी किए गए रुपे कार्डों की संख्या किसी भी अन्य अंतर्राष्ट्रीय कार्ड योजना से आगे निकल गई है।

○ 1000 से भी अधिक जारीकर्ता बैंकों द्वारा अब तक 500 मिलियन से भी ज्यादा रुपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

 

 

 

 

12

जन औषधि

 

जन औषधि केन्द्रों’ के द्वारा सस्ती दवाई की दुकान गरीब के लिये एक बहुत बड़ा आशीर्वाद बनी है। हमारे यहां Operation के पीछे, stent के पीछे जो खर्च होते थे वो कम हुए हैं। आने वाले दिनों में Knee के Operation के लिए भी सारी सुविधाएं मिलेंगी। हमारी कोशिश है कि गरीब और मध्यमवर्ग के मानव के लिये ये खर्च कम हो और उसके लिये हम एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं।

पहले हमारे देश में राज्यों के मुख्यालय में Dialysis हुआ करता था। हमने तय किया हिन्दुस्तान के जिला केन्द्रों तक Dialysis पहुंचाएंगे। करीब साढ़े तीन सौ, चार सौ जिलों तक पहुंचा दिया और मुफ्त में Dialysis करके गरीब की जिन्दगी बचाने का काम हम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी)

इसका उद्देश्य 'प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों' नामक विशिष्ट विक्रय केन्द्रों के जरिए सभी को किफायती मूल्यों पर बेहतरीन दवाएं मुहैया कराना है।

 

देश भर में 3851जनऔषधि केन्द्र कार्यरत हैं। 700 से अधिक दवाएं और 154 सर्जिकल एवं उपभोग्य सामग्री उपलब्ध हैं।

कोरोनरी स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण के मूल्य की सीमा तय करने से नागरिकों को काफी बचत हो रही हैः

 

स्टेंट-लगभग4,450करोड़ रुपये (स्टेंट की कीमतों में लगभग 85 प्रतिशत की कमी)

घुटना प्रत्यारोपण- लगभग1,500करोड़ रुपये (प्रत्यारोपण की कीमतों में लगभग 69 प्रतिशत की कमी)

 

 

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएम-एनडीपी)

 

यह योजना देश भर में वर्ष 2016 में 219 जिलों में शुरू की गई थी और अब इसका दायरा बढ़ाकर 356 जिलों को कवर किया जा रहा है।

सेवाएं 3268 कार्यरत मशीनों के साथ 369 सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में मुहैया कराई जा रही हैं (अप्रैल, 2018 तक)।

17 जुलाई, 2018 तक 2.82 लाख से भी अधिक मरीजों ने इन सेवाओं का लाभ उठाया और 25.68 लाख से भी अधिक डायलिसिस सत्रों का प्रावधान किया गया था।

 

 

13

जम्‍मू कश्‍मीर की उन्‍नति

जम्मू-कश्मीर का विकास, जम्मू-कश्मीर की उन्नति, जम्मू-कश्मीर के सामान्य नागरिक के सपनों को पूरा करने का प्रयास, ये जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ-साथ, हम देशवासियों का भी संकल्प है। फिर से एक बार इस स्वर्ग को हम अनुभव करें, उस स्थिति में लाने के लिये हम प्रतिबद्ध हैं, हम कटिबद्ध हैं।

 

जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री का विकास पैकेज - 80,068 करोड़ रुपये

आईआईटी/आईआईएम/दो एम्स/स्मार्ट सिटी सरकारी अस्पताल।

जम्मू और श्रीनगर शहरों में प्रमुख सड़कों एवं नई सुरंगों, सेमी रिंग रोड के विकास के जरिए हर मौसम के लिए उपयुक्त कनेक्टिविटी।

विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण, झेलम एवं इसकी सहायक नदियों में सुधार।

डल एवं नागिन झीलों का संरक्षण।

पर्यटन, खेल-कूद, बागवानी, युवाओं के लिए रोजगार, 'पीओजेके' से आए विस्थापित लोगों और छम्ब, जम्मू एवं कश्मीरी प्रवासियों को सहायता।

 

 

शांति के लिए वार्तालाप-

जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित प्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों और संबंधित लोगों के साथ वार्तालाप शुरू करने एवं इसे आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने प्रतिनिधि नियुक्त किया।