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Press Information Bureau
Government of India
पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
01 JUN 2022 2:55PM by PIB Delhi
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार ने सभी छह अनुसंधान जहाजों के संचालन,  कार्मिक आवश्यकता, रख-रखाव, खान-पान और साफ-सफाई के लिए मैसर्स एबीएस मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने मैसर्स एबीएस मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई के साथ 31 मई 2022 को सभी छह अनुसंधान जहाजों के संचालन, कार्मिक आवश्यकता, रख-रखाव (वैज्ञानिक उपकरणों के रख-रखाव और संचालन सहित), खान-पान और साफ-सफाई के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

अनुबंध पर हस्ताक्षर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन और मंत्रालय तथा एबीएस मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किए गए थे। अनुबंध में छह अनुसंधान जहाजों का रखरखाव शामिल है जिनमें सागर निधि, सागर मंजूषा, सागर अन्वेषिका और सागर तारा का प्रबंधन राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई करता है; सागर कन्या का प्रबंधन नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर), गोवा और सागर संपदा का प्रबंधन सेंटर फॉर मरीन लिविंग रिसोर्सेज एंड इकोलॉजी (सीएमएलआरई), कोच्चि करता है।

 

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ये अनुंसधान जहाज देश में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और समुद्री अनुसंधान और अवलोकन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और हमारे महासागरों और महासागर आधारित संसाधनों के बारे में ज्ञान बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इसरो, पीआरएल, एनजीआरआई, अन्ना विश्वविद्यालय आदि जैसे अन्य अनुसंधान संस्थानो और संगठनों के लिए राष्ट्रीय सुविधा के रूप में अनुसंधान जहाजों का विस्तार कर रहा है।

यह कंपनी विभिन्न एजेंसियों के साथ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मौजूदा समझौतों के विपरीत जहाज से संबंधित सभी तौर-तरीकों के लिए संपर्क का एकल बिंदु होगी। यह कदम सरकार की कारोबारी सुगमता की पहल और सरकारी अनुबंधों में निजी क्षेत्र की भागीदारी के अनुरूप है। अनुबंध पर हस्ताक्षर  03 साल की अवधि में लगभग 142 करोड़ रुपये की राशि के लिए किए गए। इस अनुबंध की एक महत्वपूर्ण विशेषता पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसंधान जहाजों और जहाज पर उच्च तकनीक वाले वैज्ञानिक उपकरण/प्रयोगशालाओं के संचालन और रख-रखाव शुल्क में मंत्रालय द्वारा की गई पर्याप्त वर्ष-वार बचत है। इसका दुनिया भर में समान सेवा प्रदाताओं और शिपिंग एजेंटों के साथ बेहतर समन्वय है जो इसे जहाज उपयोग और इसके कुशल संचालन के क्षेत्र में अत्यधिक प्रभावशाली बनाता है।

नई जहाज प्रबंधन सेवाओं की मदद से, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का लक्ष्य लागत बचाने के साथ-साथ नवीन, विश्वसनीय और लागत प्रभावी तरीकों के माध्यम से समुद्री बेड़े की उपयोगिता में वृद्धि करना है।

 

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