
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डेवलपमेंट कमेटी प्लेनरी की 101वीं बैठक में भाग लिया। एजेंडा के प्रमुख मुद्दों में कोविड-19 संटक पर विश्व बैंक समूह की प्रतिक्रिया और कोविड-19 डेट इनिशिएटिव: इंटरनेशनल कॉल फॉर एक्शन इन सपोर्ट ऑफ आईडीए कंट्रीज पर अपडेट शामिल था।
इस सत्र के दौरान अपने संबोधन में श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी जनसंख्या के आकार के मद्देनजर भारत एक प्रमुख कोविड हॉटस्पॉट बन सकता है। लेकिन इसके प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने हरसंभव प्रयास किया। स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किए हैं। महत्वपूर्ण उपायों में सामाजिक दूरी पर जोर, यात्रा पर प्रतिबंध, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में घर से काम करने पर जोर, लोगों को घरों पर रहने के लिए निर्देश शामिल हैं और इन उपायों के अलावा परीक्षण, स्क्रीनिंग एवं उपचार पर केंद्रित प्रत्यक्ष स्वास्थ्य हस्तक्षेप के कारण इस महामारी के प्रभाव को कम करने में मदद मिली है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने 23 अरब डॉलर के राहत उपायों की घोषणा की है जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा, नकद हस्तांतरण, मुफ्त भोजन एवं गैस वितरण और प्रभावित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा संबंधी उपाय शामिल हैं।
कंपनियों विशेष रूप से एसएमई फर्मों की मदद और अचानत आर्थिक अवसर के नुकसान से निपटने में मदद करने के लिए सरकार ने आयकर, जीएसटी, सीमा शुल्क, वित्तीय सेवाओं और कॉर्पोरेट मामलों से संबंधित वैधानिक और नियामकीय अनुपालन मामलों में राहत प्रदान की है। केंद्रीय बैंक ने भी कई अनुकूल उपाय किए हैं। नियामक बाजार की अस्थिरता को कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं। सरकार मानवीय सहायता के रूप में अतिरिक्त राहत प्रदान करने और आने वाले दिनों में आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ बड़े पैमाने पर काम कर रही है।
श्रीमती सीतारमण ने यह भी उल्लेख किया कि वैश्विक समुदाय के जिम्मेदार नागरिक के तौर पर हम जरूरतमंद देशों को महत्वपूर्ण दवाइयां प्रदान कर रहे हैं और यदि जरूरत पड़ी तो इसे आगे भी जारी रखेंगे। उसने फास्ट ट्रैक कोविड-19 रिस्पॉन्स फैसिलिटी को शुरू करने में विश्व बैंक समूह की त्वरित प्रतिक्रिया और दक्षता की सराहना की।
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एएम/एसकेसी