प्रो. एमएस स्वामीनाथन को कृषि में योगदान के लिए ‘मुप्पावरापू वेंकैया नायडू राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान किया गया
प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को आज चेन्नई में कृषि में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘मुप्पावरापू वेंकैया नायडू राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने चेन्नई राजभवन में आयोजित पोंगल समारोह के दौरान उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया।
यह पुरस्कार मुप्पावरापू फाउंडेशन ने शुरू किया, जिसकी घोषणा हाल में हैदराबाद में फाउंडेशन की 10वीं वर्षगांठ के दौरान की गई थी। पुरस्कार के तहत पांच लाख रुपये नकद और प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।
उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने श्री स्वामीनाथन को ‘भारत में हरित क्रांति का जनक और कृषि विज्ञान का पुरोधा’ बताया। उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन में सुधार करने और कृषि की उन्नति में श्री स्वामीनाथन ने युगान्तरकारी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ‘टाइम’ पत्रिका ने उन्हें 20वीं सदी के बीस अत्यंत प्रभावशाली हस्तियों में शामिल किया है। वे इस सूची में शामिल तीन भारतीयों में से एक हैं। श्री नायडू ने युवा कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे प्रो. स्वामीनाथन की खूबियों तथा किसानों के विकास के प्रति उनके समर्पण से प्रेरणा लें तथा कृषि क्षेत्र को लाभप्रद और व्यावहारिक बनाएं।
भारतवासियों को पोंगल की बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह त्योहार प्राकृतिक सम्पदा का त्योहार है, जिसके माध्यम से हम जीवन को पोषण देने के लिए प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
पर्यावरण के क्षरण और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें प्राकृतिक संरक्षण की पारम्परिक समझ को प्रेरणा के रूप में लेना चाहिए और इसके अनुसार समावेशी तथा सतत् विकास का रोडमैप तैयार करना चाहिए।
पुरस्कार समारोह के बाद उपराष्ट्रपति, उनकी पत्नी श्रीमती ऊषाअम्मा और पारिवारिक सदस्यों में अन्य विशिष्टजनों के साथ पोंगल के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा।
भारत का ‘उत्सवों की भूमि’ के रूप में उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में सांस्कृतिक आधारशिला की बदौलत धर्म और सम्प्रदाय से इतर उत्सवों को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत के उत्सव सबको एकजुटता के सूत्र में बांधते हैं और पूरा देश हर्षोल्लास, प्रेम और भाईचारे के साथ त्योहार मनाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम युवा पीढ़ी को अपने अनोखे त्योहारों के प्रति जागरूक करें, ताकि वे हमारी भव्य सभ्यता की विरासत को आगे बढ़ाएं।
इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित, तेलंगाना के राज्यपाल डॉ. तमिलीसाई सौंदराजन, तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर डॉ. पी. धनपाल और तमिलनाडु सरकार के मंत्री श्री डी जयकुमार, श्री पांडिराजन, श्री पी. बेंजामिन और अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एकेपी/एमएस – 5290