राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का नर्सिंग कर्मियों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर संबोधन
राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल समारोह के अवसर पर आज आप सभी का अभिवादन करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। सरकार ने आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक और निस्वार्थ सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल के नाम पर 1973 में इन पुरस्कारों की शुरूआत की।
मैं उन 36 नर्सिंग कर्मियों को शुभकामनाएं देता हूं, जिन्हें उनकी योग्य सेवाओं के लिए राष्ट्रीय राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। मैं समूचे नर्सिंग समुदाय को उनके सच्चे समर्पण और सेवाओं के लिए भी बधाई देता हूं। मैं स्वर्गीय श्रीमती लीनी पुथूसेरी के त्याग के प्रति भी आभार प्रकट करना चाहता हूं, जिन्हें केरल में निपाह वायरस फैलने के दौरान मरीजों की अद्वतीय समर्पित भाव से सेवाओं के लिए मरणोपरांत सम्मानित किया गया।
गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने, स्वास्थ्य संबंधी विविध चुनौतियों का मुकाबला करने और व्यक्तियों, परिवारों तथा समुदायों की स्वास्थ्य जरूरतों के मामले में उत्तरदायी होने तथा देखरेख और सहानुभूति की आवश्यकता पड़ने पर नर्सिंग की प्रमुख भूमिका है। नर्सें वास्तव में सेवा, सुश्रुषा, करूणा का प्रतीक हैं। मरीजों और उनके परिवारों के लिए नर्स स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का आइना है। आप लोगों का बहुत बड़ा योगदान है और मुझे यह जानकार खुशी हुई है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2020 को नर्स और मिडवाइफ वर्ष के रूप में घोषित किया है। संयोग से 2020 में फ्लोरेंस नाइटिंगेल की 200वीं जयंती मनाई जाएगी।
हमारी नर्सें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में सेवा कर रही हैं, उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों जैसे पोलियो, मलेरिया और एचआईवी/एड्स के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुझे यह जानकार खुशी हुई है कि इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं ने इन क्षेत्रों में सराहनीय योगदान दिया।
भारत सरकार ने सभी लोगों को गुणवत्तापूर्ण और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखरेख सेवाएं प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत पहल की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के अंतर्गत इलाज के लिए 64 लाख से अधिक लोगों को भर्ती कराया जा चुका है और 20 हजार से अधिक अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है। मुझे उम्मीद है कि ऐसे राज्य जिन्हें अभी आयुष्मान भारत कार्यक्रम को अपनाना है और उसे लागू करना है, वह उसे जल्द से जल्द लागू करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम है, जिसकी सफलता में नर्सिंग समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। मरीजों के प्रति आपकी सेवा और दयालुता हीलिंग टच प्रदान करती है, जिससे बीमार व्यक्तियों में उम्मीद की किरण जागती है।
विशेषज्ञता प्राप्त, योग्य और अत्याधिक कौशल वाली नर्सों की मांग में पर्याप्त वृद्धि हुई है। तृतीय और चतुर्थ स्तर की देखभाल के लिए मानव संसाधन की भी मांग बढ़ी है, जिसके लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण संस्थानों की आवश्यकता है। इसे हासिल करने के लिए सरकार ने अनेक पहल की हैं।
बहनों और भाइयों
हमारे यहां बुजुर्गों की संख्या भी बढ़ी है, जिन्हें उपयुक्त देखभाल की आवश्यकता है। इस सप्ताह के शुरू में स्वीडन के राजा और रानी राष्ट्रपति भवन आए। रानी ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य और उनके कल्याण से जुड़े विषयों पर अनेक कार्य किए। वृद्धावस्था संबंधी मुद्दों पर दुनिया भर में बुजुर्गों को किस प्रकार की देखभाल और सहायता की जरूरत है, उस बारे में बातचीत की। वे डिमेंशिया जैसी बीमारियों से पीडि़त हो सकते हैं। भारत में परिवार के लोग अपने बुजुर्गों की देखभाल करते हैं फिर भी बदलती जीवन शैली के साथ ही बुजुर्गों की पेशेवर देखभाल करने वालों की मांग बढ़ रही है। जरूरी नहीं है कि देखभाल करने वाली नर्सें प्रशिक्षित हों, लेकिन उन्हें बुजुर्गों की देखभाल करने का बुनियादी प्रशिक्षण लेने से निश्चित रूप से लाभ होगा। हमारे नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान इस तरह की देखभाल करने वालों के लिए लघु प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने के बारे में विचार कर सकते हैं।
सेवा की भावना और ड्यूटी के प्रति समर्पण के कारण नर्सिंग समुदाय के सभी लोगों ने, चाहे सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में हों, आपने बेहद सम्मान और आदर प्राप्त किया है। उन्हें हमारी राष्ट्रीय सीमाओं के पार भी आदर मिला है। दूसरे देशों में अपनी सेवाएं देते समय आप लोगों ने देश का नाम ऊंचा किया है। साथ ही अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आपके अनुशासनात्मक रवैये और उच्चस्तर के पेशेवर गुणों के जरिए आपने दुनिया के सभी भागों में सदभावना हासिल की है।
जहां हम देश की उत्कृष्ट सेवा करने वाली नर्सों को सम्मानित कर रहे हैं, मैं आप सभी की सफलता की कामना करता हूं। देश आपकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए आपका आभारी है। मुझे विश्वास है कि पुरस्कार विजेता पूरे नर्सिंग समुदाय को प्रेरित करेंगे।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/केपी/वाईबी – 4660