ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 संसद ने पारित कर दिया है। राज्य सभा ने इसे 26 नवम्बर 2019 को पारित कर दिया और लोक सभा इसे 5 अगस्त 2019 को पारित कर चुकी है।
प्रस्तावित विधेयक में निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं :-
i. किसी ट्रांसजेंडर व्यक्तिके साथ शैक्षणिक संस्थानों, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं आदि में भेदभाव नहीं किया जाएगा।
ii. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहचान को मान्यता और उन्हें स्वयं के कथित लिंग की पहचान का अधिकार प्रदान करना
iii. माता-पिता और परिवार के नजदीकी सदस्यों के साथ रहने का प्रावधान
iv. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रम बनाने का प्रावधान।
v. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें सलाह देने, उनकी देख-रेख और मूल्यांकन उपायों के लिए राष्ट्रीय परिषद का प्रावधान।
विधेयक में अंतर्निहित सिद्धांतों की पुष्टि के लिए यह विधेयक सभी हितधारकों को उत्तरदायी और जवाबदेह बनाएगा। यह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित मुद्दों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों /संघ शासित प्रदेशों के प्रशासन को और अधिक जवाबदेह बनाएगा।
विधेयक से बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लाभ मिलेगा, इससे हाशिए पर कर दिए गए इन लोगोंपर लगे लांछन, भेदभाव और इनके खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहार को कम किया जा सकेगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सकेगा। यह अधिक समावेशिता की ओर ले जाएगा और समाज के ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को उत्पादक सदस्य बनाएगा। इससे ये अधिक मिल-जुलकर रह सकेंगे तथा ट्रांसजेंडर समाज के उपयोगी सदस्य बन सकेंगे।
*****
आरकेएम/ आरएनएम/ एएम/केपी