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Press Information Bureau
Government of India
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
26 FEB 2019 7:38PM by PIB Delhi
वैश्विक स्वास्थ्य नेताओं ने डिजिटल स्वास्थ्य पर ‘दिल्ली घोषणा’ को अपनाया

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्वनी कुमार चौबे ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य नेताओं द्वारा डिजिटल स्वास्थ्य पर ‘दिल्ली घोषणा’ को अपनाना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप है। श्री अश्वनी कुमार चौबे आज नई दिल्ली में चौथे वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में शामिल नेताओं  ने सतत विकास के लिए डिजिटल स्वास्थ्य पर ‘दिल्ली घोषणा’ को अपनाया। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन को नेतृत्व की भूमिका निभानी है और सदस्य देशों को सहायता देने के लिए केंद्रीय रूप से समन्वित डिजिटल स्वास्थ्य की विशेष व्यवस्था स्थापित करनी है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र (एसईएआरओ) की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल सिंह तथा स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सुदन उपस्थित थीं। इस सम्मेलन में स्वास्थ्य प्रणाली तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में डिजिटल टेक्नोलॉजी के प्रभाव पर विचार करने के लिए 34 से अधिक देशों के मंत्री तथा सरकारी अधिकारी शामिल हुए।

डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक अंतर-सरकारी बैठक का आयोजन  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) तथा ग्लोबल डिजिटल  हेल्थ पार्टनरशिप (जीडीएचपी) के सहयोग से किया।

श्री चौबे ने कहा कि ‘दिल्ली घोषणा’ सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा तथा आयुष्मान भारत के सपने को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य निवेश बढ़ाने के भारत के संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के बीच डिजिटल स्वास्थ्य में श्रेष्ठ व्यवहारों को साझा करने की आवश्यकता है।

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बनाने तथा प्रबंधन और गवर्नेंस में सुधार के लिए नागरिकों की साझेदारी महत्वपूर्ण है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेडरोस एथनम घेब्रिसियस ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी केवल नया रूझान नही है। डिजिटल टेक्नॉलोजी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाने, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज तथा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण औजार है। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन, दूरवर्ती स्वास्थ्य सेवा तथा मोबाइल स्वास्थ्य से हमें स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में मदद मिल रही है और अस्पतालों तथा क्लिनिक के बदले लोगों को घरों में चिकित्सा सेवा प्रदान की जा रही है।

स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सुदन ने टेक्नोलॉजी को पहुंच योग्य बनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि लोगों को डिजिटल स्वास्थ्य का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारा विजन एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म बनाना तथा भारत के 1.3 बिलियन लोगों का इलेक्ट्रोनिक स्वास्थ्य रिकोर्ड बनाना है ताकि रोग की जांच पर बार-बार लगने वाली लागत कम हो सके, लोगों को जेब से होने वाले खर्च में कमी आए और सही चिकित्सा उपलब्ध हो सके।    

 

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आर.के.मीणा/एएम/एजी/सीएल