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Press Information Bureau
Government of India
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
24 JAN 2019 6:26PM by PIB Delhi
श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने नए सुधारों की शुरूआत की, जन शिक्षण संस्‍थानों (जेएसएस) को मजबूत बनाने के लिए दिशा-निर्देश

देश के सुदूरवर्ती इलाकों में कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता को बढ़ावा देने का प्रयास करते हुए कौशल विकास और उद्यमिता, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (एमएसडीई) मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने जन-शिक्षण संस्‍थानों (जेएसएस) के लिए विस्‍तृत सुधारों की घोषणा की है ताकि हुनर तंत्र को मजबूत बनाकर समाज के सुविधाओं से वंचित वर्ग को लाभ पहुंचाया जा सके। यह घोषणा आज यहां आयोजित जन-शिक्षण संस्‍थान के एक राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन के दौरान की गई। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा, ‘’अर्थव्‍यवस्‍था के लिए विकास के एक महत्‍वपूर्ण इंजन के रूप में ग्रामीण उद्योगों के आर्विभाव ने हमारे लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि हम देश के सुदूरवर्ती जिलों में रह रहे युवाओं के कौशल पर विशेष ध्‍यान दें। जेएसएस कौशल प्रशिक्षण और बाजार अवसरों के बीच जानकारी में संतुलन की कमी को दूर करने में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे एक ऐसे कार्यबल का गठन किया जा सकेगा जो टेक्‍नोलॉजी से परिपूर्ण कौशल से सज्जित होगा, इसमें स्‍वास्‍थ्‍य और तंदुरुस्‍ती, पर्यटन, ई-वाणिज्‍य, खुदरा और व्‍यापार जैसे क्षेत्र शामिल हैं। जेएसएस के दिशा-निर्देशों में सुधार इन संस्‍थानों को चलाने से जुड़े विविध साझेदारों को ध्‍यान में रखकर किया गया है, और इससे अधिक लचीलापन, पारदर्शिता और समरूपता आएगी।‘’ 

पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जन-शिक्षण संस्‍थान को 2018 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को हस्‍तांतरित कर दिया गया था। आज के सम्‍मेलन में  नए दिशा-निर्देश जारी किए गए, जेएसएस को राष्‍ट्रीय कौशल योग्‍यता ढांचे (एनएसक्‍यूएफ) से जोड़ा गया। एक मंत्रालय के अंतर्गत हर प्रकार के कौशल क्रियाकलापों को मिलाने की दिशा में यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है, इससे समूचे कौशल तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सकेगी।  

जन शिक्षण संस्‍थान (जेएसएस) कौशल प्रशिक्षण और सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े तथा शिक्षा की दृष्टि से वंचित समूहों जैसे नव-साक्षरों, अर्द्धशिक्षित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं और लड़कियों, मलिन बस्तियों में रहने वालों, पलायन करके आए श्रमिकों के बीच उद्यमिता के अवसर शुरू करने में मददगार रहा है। आज के कार्यक्रम की मुख्‍य विषय वस्‍तु इन सभी को राष्‍ट्रीय कौशल ढांचे के अंतर्गत लाकर, कौशल विकास के साझा हित के लिए जिला और ग्राम स्‍तर पर सभी कौशल क्रियाकलापों को जोड़ना है।  

जेएसएस को दी जा रही दिशा का संक्षिप्‍त विवरण देते हुए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में अपर सचिव, सुश्री जूथिका पाटनकर ने कहा, ‘किसी भी देश के सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से आगे बढ़ने के लिए एक हुनरमंद समाज का होना एक आवश्‍यक पूर्व शर्त है। नई जान डालने के साथ ही जेएसएस ने अपने लिए एक अनोखा स्‍थान बनाया है और मुझे विश्‍वास है कि कौशल भारत के अंतर्गत इनके शामिल होने से हमारे ग्रामीण युवकों की सोच में बदलाव आएगा, और वे व्‍यावसायिक शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण को प्राथमिकता वाले करियर के रूप में लेंगे। हुनरमंद होने से वे न केवल आत्‍मनिर्भर बनेंगे बल्कि ग्रामीण इलाकों से भीड़भाड़ वाले महानगरों की तरफ पलायन रोकने में मदद मिलेगी।‘’            

उन्‍होंने कहा, ‘’आज 247 सक्रिय जेएसएस में से हम पहले ही नीति आयोग द्वारा पहचाने गए 42 आकांक्षापूर्ण जिलों में 43 जेएसएस स्‍थापित कर चुके हैं और हम जल्‍दी ही युवाओं में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एलडब्‍ल्‍यूई क्षेत्रों में कुछ और शुरू करेंगे और उन्‍हें अर्थव्‍यवस्‍था की मुख्‍य धारा से वापस जोड़ने में मदद करेंगे। मैं इस परिवर्तन के प्रति आशावान हूं कि जेएसएस तंत्र में शामिल हो सकेगा।‘’      

 

नए दिशा-निर्देश जारी

इन रणनीतिक दिशा-निर्देशों की शुरूआत एमएसडीई द्वारा जनशिक्षण संस्‍थानों को नई ऊर्जा प्रदान करना और उन्‍हें पुनर्जीवित करने के प्रयास से की गई है। जेएसएस को राष्‍ट्रीय कौशल ढांचे से जोड़कर, सरकार का उद्देश्‍य क्षेत्रों में मानकीकृत प्रशिक्षण प्रदान करना है। दिशा-निर्देशों की प्रमुख विशेषताएं हैं:  

  • मानकीकृत प्रशिक्षण के लिए जेएसएस कोर्स और राष्‍ट्रीय कौशल योग्‍यता ढांचे (एनएसक्‍यूएफ) के पाठ्यक्रम का संरेखण  
  • जेएसएस के लिए शक्तियों का विकेन्‍द्रीकरण- जिला प्रशासन को अधिक जवाबदेह और स्‍वतंत्र बनाना  
  • हुनर/अतिरिक्‍त हुनर के जरिए जिले में परम्‍परागत हुनरों की पहचान और उन्‍हें बढ़ावा देना;  
  • साक्ष्‍य आधारित आकलन प्रणाली  
  • आसान ऑनलाइन प्रमाणीकरण  
  • तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही को बरकरार रखने के लिए जेएसएस को पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्‍त प्रबंधन प्रणाली) से जोड़ना  
  • आजीविका संपर्क सृजित करना  
  • एनएसटीआई (राष्‍ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्‍थानों) के जरिए क्षमता विकसित करने के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण  

जेएसएस पोर्टल की शुरूआत:

मंत्रालय ने एक नई वेबसाइट (www.jss.gov.in) की शुरूआत करने की भी घोषणा की; जो कार्य योजनाओं, लाभान्वितों और साझेदारों, वित्‍त और व्‍यय के विवरणों तथा सार्वजनिक लॉग-इन पहुंच के साथ वर्तमान में चल रहे घटनाक्रमों की जानकारी के बारे में आधारभूत आंकड़े प्रदान करेगी। 

मिश्रित प्रशिक्षण प्रणाली:

आज के सम्‍मेलन में जनशिक्षण संस्‍थानों (जेएसएस) में कुछ चुने हुए हुनर पाठ्यक्रमों के लिए आवश्‍यक ई-विषय वस्‍तु के साथ अमृता विश्‍वविद्यालय की मिश्रित प्रशिक्षण प्रणाली की प्रायोगिक शुरूआत भी देखने को मिली। यह आईसीटी- आधारित विस्‍तृत मंच है जो प्रशिक्षुओं और प्रशिक्षकों को विविध लाभ प्रदान करेगा।   

 

अतिरिक्‍त घोषणा: एनएसीईआर के साथ समझौता ज्ञापन  

एमएसडीई और एनएसडीसी ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत ग्रामीण स्‍वरोजगार प्रशिक्षण संस्‍थान (आरएसईटीआई) की शीर्ष संस्‍था एनएसीईआर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। इस सहयोग का उद्देश्‍य आरएसईटीआई में 10 दिन के रिहायशी उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) के लिए पीएमकेके से हुनरमंद पीएमकेवीवाई उम्‍मीदवार प्रदान करना है। आरएसईटीआई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ऋण संपर्कों के जरिए उम्‍मीदवारों की ऋण तक पहुंच प्रदान करने में मदद करेगा और साथ ही उम्‍मीदवारों को दो वर्ष की संरक्षण मदद भी प्रदान करेगा। एनएसीईआर का मजबूत संस्‍थागत ढांचा है और वह ऋण संयोजन के बाद उम्‍मीदवार को दो वर्ष का संरक्षण और बैंकों से ऋण की सुविधा प्राप्‍त करने के लिए सुगम दस्‍तावेज प्रदान करता है।  

जन शिक्षण संस्‍थानों का संक्षिप्‍त विवरण  

इस समय हुनर और उद्यमिता के लाभ देने की दिशा में देश में 247 जेएसएस कार्यरत हैं जिनके लाभों तक समाज के वंचित तबके की पहुंच है और यह लाभान्वितों को उनके दरवाजे तक व्‍यावसायिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम पहुंचा रहा है। 

पिछले पांच वर्षों में जेएसएस योजना से आठ लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। 86,000 से अधिक पुरुषों को पंजीकृत किया जा चुका है। सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण और प्रोत्‍साहित करने वाला संकेत यह है कि महिलाओं के पंजीकरण में अभूतपूर्व तेजी आई है और इनकी संख्‍या 7 लाख से अधिक पहुंच चुकी है।  

जेएसएस ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के अंतर्गत 1 लाख से अधिक खाते खोलने में मदद की है और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) में करीब 7.5 लाख लोगों को संगठित किया है। 1 लाख से अधिक उद्यमियों के प्रतिष्‍ठानों में पर्याप्‍त बढ़ोत्‍तरी के साथ जेएसएस ने विभिन्‍न क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने में सफलता हासिल की है। पूर्व में श्रमिक विद्यापीठ और अप्रैल 2000 में जन शिक्षण संस्‍थान के नाम से मशहूर यह योजना       पिछले 50 वर्षों से सफलतापूर्वक काम कर रही है।  

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आर.के.मीणा/अर्चना/केपी-113