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Press Information Bureau
Government of India
सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
14 DEC 2018 4:27PM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

 

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का उद्देश्य एक ऐसे समावेशी समाज की स्थापना करना है जिसके अंतर्गत लक्षित समूह के सदस्यगण अपने विकास और वृद्धि के लिए उपयुक्त समर्थन प्राप्त करके अपने लिए उपयोगी, सुरक्षित और प्रतिष्ठित जीवन की प्राप्ति कर सकते हैं। इसका लक्ष्य, आवश्यक जगहों पर लक्षित समूहों को शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक विकास और पुनर्वास कार्यक्रमों के माध्यम से समर्थन प्रदान करना और उनका सशक्तिकरण करना है।

 

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को समाज में सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से किनारे कर दिए गए वर्ग के लोगों का सशक्तिकरण करने का अधिकार प्राप्त है जिसमें (i) अनुसूचित जाति (ii) अन्य पिछड़ा वर्ग (iii) वरिष्ठ नागरिक (iv) शराब और मादक पदार्थ के दुरुपयोग के शिकार लोग (v) ट्रांसजेंडर व्यक्ति (vi) भिखारी (vii) विमुक्त और खानाबदोश जनजाति (डीएनटी) और (viii) आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लोग शामिल है।

 

यह विभाग अपने कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से एक समावेशी समाज का निर्माण करने का प्रयास करता है जिसके अंतर्गत लक्षित समूहों के सदस्यों को उनके वृद्धि और विकास के लिए पर्याप्त समर्थन प्रदान किया जाता है।

 

इस विभाग की नीतियों और कार्यक्रमों का उद्देश्य निम्नलिखित है: -

 

  1. अनुसूचित जातियों (एससी), अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) और विमुक्त और खानाबदोश जनजातियों (डीएनटी) का शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण।
  2. वरिष्ठ नागरिकों को उनके रखरखाव, कल्याण, सुरक्षा, स्वास्थ्य, उत्पादक और स्वतंत्र जीवन जीने में उनकी मदद और समर्थन करना।
  3. शराब और मादक पदार्थ (ड्रग्स) के दुरुपयोगों का रोकथाम और उनसे पीड़ित लोगों का उपचार।

 

 

अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति

अनुसूचित जातियों के छात्रों के लिए मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति योजना को जारी रखने का निर्णय लिया गया है, यानी 2017-18 से लेकर 2019-20 तक इसे चलाया जाएगा और इस योजना के अंतर्गत बकाया राशियों के निष्पादन के लिए अतिरिक्त राशि का आवंटन किया गया है।

 

इस योजना में, बीई के अंतर्गत वर्ष 2018-19 के लिए 3000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। ।

 

राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना

 

सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप योजना 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में संशोधन और निरंतरता के प्रस्तावों का अनुमोदन कर दिया गया है।

 

इस योजना के तहत, बीई के अंतर्गत वर्ष 2018-19 के लिए 15 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है।

 

शीर्ष स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए योजना

 

अनुसूचित जाति के छात्रों को शीर्ष स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए और ज्यादा संस्थानों को इसके अंतर्गत लाने के लिए तथा छात्रवृत्ति की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए अक्टूबर, 2018 में केंद्रीय स्तरीय छात्रवृत्ति योजना (सीएसएसएस) में संशोधन किया गया है और इस संशोधित योजना को अकादमिक सत्र 2018-19 से प्रभावशाली बना दिया गया है।

इस योजना के अंतर्गत अब आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम, एनआईएफटी, एनएलयू, एम्स, होटल प्रबंधन, विमानन प्रशिक्षण और फ्लाइंग ट्रेनिंग संस्थान सहित 220 संस्थानों को सूचीबद्ध किया गया है।

 

इस योजना के अंतर्गत कुल 1500 नई छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी। छात्राओं के लिए 30 प्रतिशत के आरक्षण का भी प्रावधान रखा गया है।

 

पात्रता के लिए पारिवारिक आय के मानदंड को बदलकर पिछले वर्ष की तुलना में 4.50 लाख रूपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 6 लाख रूपये प्रति वर्ष प्रति वर्ष कर दिया गया है।

इस योजना के लिए, बीई के अंतर्गत वर्ष 2018-19 के लिए 35 करोड़ रुपये राशि का आवंटन किया गया है।

 

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना

 

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना जिसकी शुरूआत 2009-10 (पायलट चरण) के दौरान की गई थी और उसे 2014-15 (चरण- I) के दौरान विस्तारित किया गया था, उसे आगे बढ़ा दिया गया है और इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति बहुल इलाके वाले 4484 गांव (चरण- II) शामिल होंगे। चरण- II के अंतर्गत संशोधित योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नानुसार हैं:

  1. इनमें उन जिलों को शामिल किया गया है जिनके गांवों की कुल आबादी 500 या उससे ज्यादा है और उसमें अनुसूचित जाति के 50 प्रतिशत से अधिक लोग रहते हैं।
  2. इस नए चरण में योजना को कार्यान्वयन करने के लिए इस प्रकार के जिलों में अनुसूचित जाति के आबादी वाले 10 गांवों को अवरोही क्रम में चुने जाने का प्रस्ताव किया गया है।
  3. प्रत्येक नए चयनित गांव के लिए, इस योजना के अंतर्गत कुल 21 लाख रूपये दिए जाने का प्रावधान है, जिनमें से 20 लाख रूपये 'गैप भरने' वाले घटक के रूप में और 1 लाख रूपये 'प्रशासनिक खर्च' के लिए दिए जाने का प्रावधान है जिसमें केंद्र, राज्य, जिला और ग्राम स्तर पर सहयोग का अनुपात 1:1:1:2 के रूप में है।
  4. चरण- I के गांवों को चरण- II स्तर के गांवों के स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक गांव को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।  
  5. इस योजना के अंतर्गत, व्यवधानों के बारे में जानकारी देने के लिए, 10 डोमेनों को कवर करके वाले 50 मॉनिटेबल सांकेतिक यंत्र लगाए जाएंगे।  
  6.  आवश्यक आकलन अभ्यास के एक भाग के रूप में, यह 'ग्राम विकास योजना डाटा संग्रहण पर आधारित होगा और इसमें गांवों के सुधार के लिए आवश्यक लागत और लागतहीन प्रयासों की सूची शामिल होगी।
  7. इस योजना में, परियोजना की बेहतर निगरानी और कार्यान्वयन के लिए, केंद्र और राज्य स्तर पर सलाहकार और निगरानी समितियों के अलावा राज्य, जिला और ग्राम स्तर पर अभिसरण समितियों की स्थापना की जाएगी।
  8. वर्ष 2018-19 में इस योजना के लिए 70 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।

 

 

आर.के.मीणा/अर्चना/अभय