योग प्रमाणन बोर्ड की संचालन समिति की पहली बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक में आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और पतंजलि योग पीठ के अध्यक्ष स्वामी रामदेव ने भाग लिया।
आयुष मंत्रालय ने 22 जून 2015 को योग पेशेवरों और संस्थानों की दक्षता को निर्धारित मानकों के आधार पर प्रमाणित करने के उद्देश्य से 'योग पेशेवरों के स्वैच्छिक प्रमाणन एवं योग संस्थानों को मान्यता देने के लिए योजना' की घोषणा की थी। शुरू में भारतीय गुणवत्ता परिषद प्रमाणीकरण, प्रक्रिया एवं परिचालन के मानक निर्धारित के लिए नोडल एजेंसी थी। जनवरी 2018 में आयुष मंत्रालय ने एमडीएनआईवाई के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित योग प्रमाणन बोर्ड को यह योजना सौंपने का निर्णय लिया। वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव (आयुष) की अध्यक्षता वाले इस योग प्रमाणन बोर्ड में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हैं। एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. वी. बासवरेड्डी वाईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सदस्य सचिव हैं। बोर्ड के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
• समग्र स्वास्थ्य एवं मानव मूल्यों को बढ़ावा देने के उपाय के तौर पर योग को प्रोत्साहित करना।
• करियर कौशल के तौर पर योग को बढ़ावा देना।
• विभिन्न स्तरों पर योग पेशेवरों की दक्षता का आकलन एवं प्रमाणीकरण के लिए मानकों एवं मानदंडों को निर्धारित करना।
• योग स्कूलों/संस्थानों/केंद्रों की दक्षता का आकलन एवं मान्यता देने के लिए मानकों एवं मानदंडों को निर्धारित करना।
• पूरे भारत और विश्व में संचालित योग पाठ्यक्रमों में एकरूपता एवं मानक स्थापित करना।
• योग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना।
योग प्रमाणन की यह योजना बुनियादी स्तर के प्रमाणीकरण के साथ-साथ विशेष प्रमाणीकरण प्रदान करने के लिए 3 श्रेणियों में योग पेशेवरों के प्रमाणन की पेशकश करेगी:
· योग शिक्षा एवं प्रशिक्षण-
o पहला स्तर (योग प्रोटोकॉल प्रशिक्षक)- आईडीवाई स्तर के सामान्य योग प्रोटोकॉल पढ़ाने के लिए योग प्रशिक्षक। ऐसे योग प्रमाणित पेशेवर पार्कों, सोसायटी एवं अन्य जगहों पर आयोजित योग कक्षाओं के लिए प्रशिक्षक हो सकते हैं ताकि स्वस्थ जीवन के लिए योगाभ्यास संबंधी लोगों की जरूरतें पूरी हो सके।
o दूसरा स्तर (योग वेलनेस प्रशिक्षक)- बीमारी की रोकथाम के लिए योग सिखाने और स्कूलों (प्राथमिक एवं माध्यमिक)/ योग केंद्रों/ संस्थानों में वेलनेस सुनिश्चित करने के लिए योग प्रशिक्षक।
o तीसरा स्तर (योग शिक्षक एवं मूल्यांकनकर्ता) - योग में शैक्षणिक पाठयक्रमों एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मास्टर प्रशिक्षक के तौर पर कार्य करना। वे मूल्यांकनकर्ता और योग पेशेवरों के आकलनकर्ता के तौर पर भी काम कर सकते हैं। कॉलेजों/ विश्वविद्यालयों/ उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ा भी सकते हैं।
o चौथा स्तर (योग मास्टर) - योग शैक्षणिक कार्यक्रमों एवं पाठ्यक्रमों और कुशल योग पेशेवरों के लिए मास्टर शिक्षक/ प्रशिक्षक के रूप में कार्य करना।
· योग चिकित्सा-
o योग चिकित्सक- ऐसे प्रमाणित योग पेशेवर किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सक या मान्यता प्राप्त योग सलाहकार के चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत काम कर सकते हैं।
o योग सलाहकार- मान्यता प्राप्त योग सलाहकार बीमारियों के इलाज के लिए किसी चिकित्सा संस्थान अथवा स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस कर सकते हैं।
· कुशल योग पेशेवर-
o शत कर्म तकनीशियन- चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत क्लीनिकल सेटअप में काम करना। इस तरह की क्रियाओं पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए संबंधित व्यक्ति के तौर पर काम करना।
o ध्यान विशेषज्ञ- विशेष रूप से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाओं एवं संगोष्ठियों के विभिन्न मंच पर प्रदर्शनकर्ता के तौर पर काम करना।
प्रमाण पत्रों के नवीनीकरण के लिए संशोधित योजना निरंतर योग शिक्षा (सीवाईई) कार्यक्रम को लागू करेगी जिसका उद्देश्य कैरियर विकास में उम्मीदवारों की मदद करना और प्रमाणित योग पेशेवरों के कौशल को बेहतर बनाना है।
इस योजना का दूसरा घटक योग संस्थानों/स्कूलों को उनके परिचालन दायरा, क्षमता, अनुभव वर्ष आदि के आधार पर निम्नलिखित चार श्रेणियों में मान्यता देना है:
• अग्रणी योग संस्थानों को प्रत्यायन एवं मान्यता
- योग स्कूलों को मान्यता
- योग प्रशिक्षण केंद्रों को मान्यता
• योग थेरेपी केंद्रों को मान्यता
वाईसीबी किसी एक वर्ष के दौरान संस्थान/ स्कूल/ केंद्रों द्वारा प्रशिक्षित योग पेशेवरों की नियुक्ति की स्थिति के आधार पर योग स्कूलों/ संस्थानों की ग्रेडिंग भी करेगा।
यह योजना तीसरे पक्ष के माध्यम से लगातार जारी रहेगी जहां कार्मिक प्रमाणन निकाय और मान्यता प्राप्त अग्रणी योग संस्थान एवं मान्यता प्राप्त योग स्कूलों को वाईसीबी की देखरेख में योग पेशेवरों के आकलन के लिए अधिकार दिया जाएगा। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार एससी/ एसटी/ ओबीसी/ आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को शुल्क में रियायत देने का प्रावधान भी कर रहा है।
वाईसीबी नामांकन, मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए कुछ नई सुविधाएं भी शुरू कर रहा है। इनमें गतिशील वेबसाइट सह ईआरपी पैकेज भी शामिल है जिसमें ऑनलाइन केंद्रीकृत पंजीकरण, ऑनलाइन भुगतान गेटवे, परीक्षा कार्यक्रम के बारे में केंद्रीकृत जानकारी, ऑनलाइन कार्मिक प्रमाणन निकायों प्रबंधन मॉड्यूल, सुरक्षा सक्षम प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड, परीक्षा केंद्रों के लिए सीसीटीवी कैमरा आदि के लिए मॉड्यूल होगा।
आर.के.मीणा/अर्चना/संचित