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Press Information Bureau
Government of India
सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
01 OCT 2018 5:32PM by PIB Delhi
उपराष्‍ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों एवं संस्थानों को 'वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान - 2018' प्रदान किया

भारत के उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 'अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस' के अवसर पर प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों एवं संस्थानों को 'वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान-2018' प्रदान किया ताकि बुजुर्ग लोगों के लिए की गई उनकी सेवाओं को मान्‍यता मिल सके। वर्ष 2005 से हर वर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है।

केंद्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री कृष्‍णपाल गुर्जर, श्री रामदास अठावले एवं श्री विजय सांपला, सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव श्रीमती नीलम साहनी, मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्‍या में वरिष्‍ठ नागरिक उपस्थित थे।

इस अवसर पर एनएफडीसी के जरिये सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा पुरस्‍कार विजेताओं की उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्‍म 'ये जिंदगी सबक है' भी प्रदर्शित की गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने 1 अक्‍टूबर 1999 को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन वर्ष के रूप में मनाने और 'सभी उम्र के लिए एक समाज' की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्‍ताव पारित किया। तभी से हर वर्ष 1 अक्‍टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस' के रूप में मनाया जाता है। उन्‍होंने सुझाव दिया कि 'ओल्‍ड एज होम' का नाम बदलकर 'एल्‍डरली होम' कर दिया जाना चाहिए और वृद्धजनों को बुजुर्ग व्‍यक्ति कहा जाना चाहिए।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि हर समाज अपनी नई पीढ़ी को बुजुर्गों का सम्‍मान और आदर करना सिखाता है। इस बेहतरीन संबंध को पीढ़ी दर पीढ़ी बनाए रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें इस बात की सराहना करनी चाहिए कि आयु से संबंधित समस्‍याएं गंभीर हैं और उन्‍हें लंबे समय तक इलाज एवं उपचार के बाद पुनर्वास की आवश्यकता होती है। बुजुर्गों की देखभाल के लिए एक अलग चिकित्सा, नर्सिंग एवं फिजियोथेरेपी होनी चाहिए। उन्‍होंने सुझाव दिया कि अस्‍पतालों में बुजुर्गों की देखभाल के लिए विशेषज्ञों एवं प्रशिक्षित पैरामेडिकल कर्मचारियों के साथ एक अलग वार्ड एवं विभाग होना चाहिए। सरकार दूरदराज के क्षेत्रों एवं गांवों में अल्‍जाइमर एवं डिमेंशिया रोगियों के लिए ओल्‍ड एज होम एवं डे केयर, फिजियोथेरेपी क्‍लीनिक और मोबाइल हेल्‍थ क्‍लीनिक स्‍थापित करने के लिए सहायता कर रही है। बीपीएल श्रेणी से ताल्‍लुक रखने वाले वरिष्‍ठ नागरिकों को भौतिक सामग्री एवं उपकरणों के मुफ्त वितरण के लिए 2017 से 'राष्‍ट्रीय वयोश्री योजना' शुरू की गई है।

उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि इन सरकारी योजनाओं के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता निश्चित तौर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए और उसका दायरे का विस्तार किया जाना चाहिए। इस प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए। हम यह उम्‍मीद नहीं कर सकते कि बुजुर्ग नागरिक इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उस उम्र में दफ्तर का चक्‍कर लगा सकते हैं। संबंधित एजेंसियों और अस्पतालों को डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल करना चाहिए ताकि लोग आसानी से इन योजाओं का लाभ उठा सकें। इस योजना का लाभ लेने में बुजुर्ग की मदद के लिए सरकार स्वयंसेवकों, स्कूल के छात्रों की सेवाएं ले सकती है।

श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय 'अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस' के अवसर ​​पर दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करता है - (क) वरिष्ठ नागरिकों के लिए वाकथन और (ख) वरिष्‍ठ नागरिकों एवं संस्‍थानों को 'वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान' प्रदान करना ताकि बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए उनकी सेवाओं को प्रोत्‍साहित किया जा सके। भारत में बुजुर्गों के सम्मान और उनकी देखभाल करने की पुरानी समृद्ध परंपरा है। संयुक्त परिवार व्‍यवस्‍था के तहत वृद्ध व्यक्तियों की भूमिका युवा पीढ़ियों को मार्गदर्शन एवं सलाह देते हुए काफी सम्‍मानित एवं प्रभावशाली रहा है। लेकिन धीरे-धीरे संयुक्त परिवार के विघटन के साथ ही पीढि़यों के बीच का बंधन कमजोर हुआ है। अंतरराष्‍ट्रीय वृद्धजन दिवस युवा पीढ़ी के लिए बुजुर्ग व्यक्तियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का एक अवसर है। सभी लोगों को अपने माता-पिता और परिवार के बुजुर्गों की सेवा करने का अवसर प्राप्त नहीं होता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए कई उपयोगी कार्यक्रम एवं योजनाएं शुरू की है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में मंत्रालय ने 'राष्ट्रीय वयोश्री योजना' के नाम से एक नया कार्यक्रम शुरू किया जिसका उद्देश्‍य गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में जीवन यापन करने वाले बुजुर्गों को व्हील चेयर, सुनने में सहायक उपकरण, चश्मा, छड़ी आदि भौतिक वस्‍तु एवं जीवन सहायक उपकरण प्रदान करना है। अब तक इस योजना के तहत 53,000 से अधिक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं। शुरू में इसके लिए 305 जिलों का चयन किया गया है और उनमें से 55 जिलों में इसे लागू गया है। उन्होंने सभी वरिष्ठ नागरिकों एवं बुजुर्गों से कहा कि वे उन्‍हें बुजुर्गों के कल्याण के लिए सुझाव दें।

श्री विजय सांपला ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि बुजुर्ग व्‍यक्तियों के कल्‍याण के लिए कई पुराने कानूनों में संशोधन किया गया है और सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय वरिष्‍ठ नागरिकों के कल्‍याण के लिए समर्पित है।

वयोश्रेष्‍ठ सम्मान मूल रूप से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता विभाग) द्वारा 2005 में शुरू की गई एक राष्ट्रीय पुरस्‍कार योजना है और बुजुर्ग व्‍यक्तियों की भलाई के लिए अनूठी सेवा से जुड़े प्रतिष्ठित नागरिकों एवं संस्‍थानों की सेवाओं/उपलब्धियों को मान्‍यता देने के लिए 2013 में इसे राष्ट्रीय पुरस्‍कार का दर्जा दिया गया। ये पुरस्कार 1 अक्टूबर को अंतरराष्‍ट्रीय वृद्धजन दिवस (आईडीओपी) के अवसर पर प्रदान किए जाते हैं।

इस राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार की चिंता और समाज में उनकी वैधानिक स्थिति को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाना है। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में बुजुर्गों के योगदान को समझने के लिए एक अवसर प्रदान करना भी है। ये पुरस्‍कार बुजुर्ग व्यक्तियों, विशेष रूप से गरीब वरिष्ठ नागरिकों की भलाई के लिए उत्‍कृष्‍ट सेवा प्रदान करने वाले प्रमुख वरिष्ठ नागरिकों एवं संस्थानों को प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्‍कार हासिल करने वाले लोग विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं। ये पुरस्कार देश के किसी भी हिस्‍से के संस्थानों/संगठनों/व्यक्तियों दिए जा सकते हैं। इसके लिए नामांकन सरकारी एवं गैर-सरकारी एजेंसियों से आमंत्रित किए जाते हैं।

इस योजना के अनुसार, नामांकन भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों और उनके स्वायत्त संगठनों, राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों, पद्म पुरस्कार, वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान एवं अन्‍य राष्‍ट्रीय सम्‍मान से सम्‍मानित लोगों से व्यक्तिगत एवं संस्थागत दोनों श्रेणियों में आमंत्रित किए जाते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों, फिक्की, सीआईआई, एसोचैम, नैसकॉम, पीएचडीसीसीआई आदि जानेमाने शीर्ष चैम्‍बरों से भी इसके लिए नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं।

 

सभी श्रेणियों में वयोश्रेष्‍ठ पुरस्‍कार विजेताओं की सूची

क्रम संख्‍या

                  श्रेणी

संस्‍थान/व्‍यक्ति का नाम

 संस्‍थागत श्रेणी

 

1.

बढ़ती उम्र के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए बेहतरीन संस्‍थान

कोई नहीं

2.

वरिष्‍ठ नागरिकों को सेवाएं मुहैया कराने एवं जागरूकता फैलाने के लिए बेहतरीन संस्‍थान

सार्वजनिक शिक्षोन्‍ययन संस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश

3.

वरिष्‍ठ नागरिकों को सेवाएं एवं सुविधाएं मुहैया कराने में बेहतरीन जिला पंचायत

मदुरै जिला पंचायत, तमिलनाडु

4.

वरिष्‍ठ नागरिकों को सेवाएं एवं सुविधाएं मुहैया कराने में बेहतरीन शहरी स्‍थानीय निकाय

कोई नहीं

5

वरिष्‍ठ नागरिकों को सेवाएं एवं सुविधाएं मुहैया कराने और एमडब्‍ल्‍यूपीएससी ऐक्‍ट लागू करने में बेहतरीन राज्‍य

छत्‍तीसगढ़

6

वरिष्‍ठ नागरिकों की भलाई एवं कल्‍याण में बेहतरीन निजी क्षेत्र का संगठन

बेंगलोर बैपटिस्‍ट हॉस्पिटल, बेल्‍लारी रोड, हेब्‍बल, बेंगलूरु, कर्नाटक

7.

वरिष्‍ठ नागरिकों की भलाई एवं कल्‍याण को प्रोत्‍साहित करने में बेहतरीन सार्वजनिक क्षेत्र का संगठन

कर्नाटक राज्‍य महिला विकास कॉरपोरेशन, बेंगलूरु

व्‍यक्तिगत श्रेणी

8.

                          शतायु

  1. डॉ. (श्रीमती) वाईजी पार्थसारथि, चेन्‍नई
  2. श्री नागिन्‍दास हरगोविंद सांघवी, मुंबई

9.

                        आदर्श माता

  1. श्रीमनी मुनियाम्‍मा, टुमकुर जिला, कर्नाटक
  2. श्रीमती मनबीर नारंग, मध्‍य प्रदेश

10.

              लाइफटाइम अचीवमेंट

  1. प्रो. पी. वेणुगोपाल, फरीदाबाद, हरियाणा

11.

              क्रिएटिव आर्ट

  1. श्री नादोजा बेलागल्‍लु वीरन्‍ना, बेल्‍लारी, कर्नाटक
  2. (ii) श्री वारेप्‍पा नाबा, इंफाल प‍श्चिम, मणिपुर

12.

खेल एवं रोमांच ( पुरुष एवं महिला में एक-एक)

पुरुष के लिए:

(i) डॉ. राजपाल सिंह, बागपत, उत्‍तर प्रदेश

महिला के लिए:

कोई नहीं

13

साहस एवं बहादुरी (पुरुष एवं महिला में एक-एक)

कोई नहीं

 

 

 

 

 

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आर.के.मीणा/अर्चना/संजीत/एनआर-10836