सहकारिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने गुजरात के वाव-थराद जिले में सहकारिता मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन के अनुरूप डेयरी सहकारिता आज किसानों के कल्याण की सक्षम शक्ति

श्वेत क्रांति 2.0 का उद्देश्य हर पंचायत में एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी बनाना और हर जिले में एक डेयरी की स्थापना

डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीन मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज बनाई गईं

त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी के ग्रैजुएट देश भर में बनास डेयरी के मॉडल को लागू करने में योगदान देंगे

इंश्योरेंस कोऑपरेटिव्स से गाँवों तक बीमा सेवाओं की सरल पहुँच सुनिश्चित होगी

प्रत्येक जिले में चार अत्याधुनिक सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित होंगी, ताकि किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता का वैज्ञानिक मूल्यांकन हो

प्रविष्टि तिथि: 06 DEC 2025 9:25PM by PIB Delhi

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के वाव-थराद जिले में स्थित बनास डेयरी में सहकारिता मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और मुरलीधर मोहोल, समिति के सदस्य सांसदगण, सहकारिता सचिव डॉ आशीष भूटानी सहित सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में भारत की डेयरी सहकारिता क्षेत्र और श्वेत क्रांति 2.0 को लेकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में संसदीय परामर्शदात्री समिति के समक्ष सहकारी डेयरी क्षेत्र पर एक व्यापक प्रस्तुति दी गई, जिसमें डेयरी क्षेत्र की संभावनाओं तथा इस क्षेत्र में सर्कुलैरिटी और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने में सहकारी डेयरी समितियों की भूमिका को उजागर किया गया।

बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों की आय वृद्धि, महिला सशक्तिकरण और देश की दुग्ध आत्मनिर्भरता की आधारशिला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न के अनुरूप डेयरी सहकारिता आज किसानों के विकास की सक्षम शक्ति बन चुकी है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि भारत में हर महिला की आय बढ़ाने और हर घर को आत्मनिर्भर बनाने का सबसे प्रभावी माध्यम डेयरी सहकारिता है। उन्होंने सहकारिता तंत्र को और सशक्त करने हेतु कई नए सुझाव और दिशा-निर्देश भी प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तरीय मंडलियों को इंश्योरेंस कोऑपरेटिव्स से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण समुदाय को बीमा सेवाओं तक सरल पहुँच मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि डेयरी सहकारी समितियों को इंश्योरेंस के साथ जोड़ा जायेगा, जिससे गाँव के लोगों को दोपहिया और चारपहिया वाहनों का बीमा सहकारिता के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सकेगा। श्री शाह ने कहा कि सहकारी संस्थाओं को अन्य सहकारी संस्थानों में भी निवेश करना चाहिए, ताकि सहकारी पारिस्थितिकी तंत्र में परस्पर मजबूती और पूँजी का विस्तार हो सके।

श्री अमित शाह ने कहा कि डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीन मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज बनाई गई हैं। इनके माध्यम से NDDB और भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने जो श्वेत क्रांति 2.0 शुरू की है, उसका उद्देश्य है कि हर पंचायत में एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी बने और पर्याप्त दूध उत्पादन होने पर हर जिले में एक डेयरी स्थापित हो। श्री शाह ने कहा कि यह एक लॉंग टर्म कार्यक्रम है, आणंद में स्थापित त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी (TSU) दुग्ध प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ साझेदारी कर बी.एससी और एम.एससी स्तर पर डेयरी प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन का पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगी। इन विषयों के ग्रैजुएट अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद देश भर के जिलों में बनास डेयरी के मॉडल को लागू करने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि किसान को उसके दूध का पूरा लाभ मिले, इसके लिए इस प्रयास को अवश्य सफल बनाना होगा।

सहकारिता मंत्री ने बनास डेयरी के उदाहरण का उल्लेख करते हुए कहा कि देशभर के प्रत्येक जिले में चार अत्याधुनिक सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएँगी, ताकि किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता का वैज्ञानिक मूल्यांकन मिल सके। उन्होंने समिति को यह भी बताया कि अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है, इसलिए किसानों को यह समझाना आवश्यक है कि कब, कौन-सा खाद—यूरिया, डीएपी, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स—का उपयोग करना उपयुक्त है, ताकि मिट्टी स्वस्थ रहे और फसल उत्पादकता बढ़े।

*****

AK/PR/PS


(रिलीज़ आईडी: 2199913) आगंतुक पटल : 154
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English