इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

सरकार पारंपरिक ई-मेल प्रणाली को उन्नत कर क्लाउड-आधारित, सुरक्षित एवं स्केलेबल प्रणाली में परिवर्तित कर रही है


ई-मेल प्लेटफ़ॉर्म की सुरक्षा संरचना को अत्यंत कड़ाई से परिभाषित किया गया है, ताकि सरकार के महत्वपूर्ण डेटा की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके; साथ ही डेटा संप्रभुता के सिद्धांतों का कड़ाई से पालन भी किया जा रहा है

प्रविष्टि तिथि: 05 DEC 2025 4:11PM by PIB Delhi

भारत सरकार ईमेल को आधिकारिक संचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम मानती है। सरकार पुरानी ईमेल प्रणाली को क्लाउड-आधारित, सुरक्षित और स्केलेबल प्रणाली में उन्नत कर रही है। यह उन्नयन एक प्रतिष्ठित भारतीय सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता, मेसर्स ज़ोहो कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है, जिसका चयन एक खुली प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है।

यह मॉडल समय पर अपग्रेड, त्वरित स्केलिंग, मौजूदा खातों का निर्बाध स्थानांतरण, तथा आधुनिक कार्यालय उत्पादकता उपकरणों - जैसे वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर का ईमेल सेवा के साथ एकीकरण सुनिश्चित करता है।

महत्वपूर्ण सरकारी डेटा की सुरक्षा के लिए ईमेल प्लेटफॉर्म की सुरक्षा संरचना को कड़ाई से परिभाषित किया गया है। समाधान के अनुसार, सभी ईमेल डेटा को स्थिर और पारगमन दोनों अवस्थाओं में एन्क्रिप्ट किया जाना चाहिए, और आरएसए 256 और टीएलएस 1.3 मानकों का उपयोग करते हुए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की विशिष्ट आवश्यकताएं हैं।

सेवा प्रदाता को कठोर नियंत्रण मानकों और प्रमाणपत्रों का अनुपालन करना आवश्यक है, जिनमें आईएसओ 27001, आईएसओ /आईईसी 27017 और आईएसओ 27018 शामिल हैं। प्रमुख तकनीकी सुरक्षा आवश्यकताओं में सभी प्रोटोकॉल (वेब, आईएमएपी, एसएमटीपी, पीओपी और कैलेंडर) में उपयोगकर्ता पहचान के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) का कार्यान्वयन, जियो-फेंसिंग और आईपी-आधारित प्रतिबंधों का अनुप्रयोग, और ईमेल स्पूफिंग से निपटने के लिए उद्योग मानकों और नीतियों का उपयोग शामिल है।

यह सेवा एनआईसी-सीईआरटी सुरक्षा सूचना एवं घटना प्रबंधन (एसआईईएम) प्रणाली के साथ एकीकृत है। इसके अलावा, इस प्रणाली को फिशिंग, मैलवेयर और डेटा हानि (डीएलपी) से बचाव के लिए बहु-कारक प्रमाणीकरण (एमएफए), मोबाइल डिवाइस प्रबंधन (एमडीएम), और उन्नत ख़तरा सुरक्षा तंत्र की आवश्यकता होती है।

सेवा प्रदाता के साथ अनुबंध डेटा संप्रभुता का कठोरता से पालन सुनिश्चित करता है। सेवा प्रदाता ने यह सुनिश्चित करेगा कि प्राथमिक और आपदा पुनर्प्राप्ति डेटा केंद्रों सहित क्लाउड-आधारित समाधान, भौतिक रूप से भारत के भीतर स्थित हों, और देश के बाहर कोई भी डेटा साझा या प्रतिरूपित नहीं किया जा सकता।

मेसर्स ज़ोहो एक पंजीकृत भारतीय संस्था है जो भारतीय कानूनों और क्षेत्राधिकार के अधीन है। यह अनुबंध "मेक इन इंडिया" उत्पादों पर ज़ोर देता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सरकार का डिजिटल संचार बुनियादी ढाँचा संप्रभु है, और अनुबंध के दौरान सृजित सभी डेटा और बौद्धिक संपदा का पूर्ण स्वामित्व सरकार के पास रहेगा।

यह सेवा उच्च विश्वसनीयता के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसमें 24x7x365 आधार पर कम से कम 99.9 प्रतिशत सेवा उपलब्धता अपटाइम अनिवार्य है।

उच्च विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए, सेवा प्रदाता को अलग-अलग भूकंपीय क्षेत्रों में कम से कम 500 किलोमीटर की दूरी पर आपदा रिकवरी साइटों को बनाए रखना आवश्यक है, जिसमें आकस्मिकताओं के दौरान डेटा हानि को न्यूनतम करने के लिए सख्त रिकवरी समय उद्देश्य (आरटीओ) और रिकवरी बिंदु उद्देश्य (आरपीओ) शामिल हैं।

मेसर्स ज़ोहो द्वारा विकसित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, अराटाई, ई-मेल समाधान का हिस्सा नहीं है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने 05 दिसम्बर, 2025 को राज्यसभा में यह जानकारी प्रस्तुत की।

****

 पीके/केसी/केएल/एनजे


(रिलीज़ आईडी: 2199577) आगंतुक पटल : 42
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu