अणु ऊर्जा विभाग
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संसद प्रश्न: परमाणु ऊर्जा संयंत्र एवं सुरक्षा मानक

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 6:17PM by PIB Delhi

18 नए रिएक्टर कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं, जिनकी कुल क्षमता 13.6 GW है, जिन्हें 2031-32 तक क्रमिक रूप से पूरा किए जाने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, दो फ्लीटों में 700 मेगावाट के 20 स्वदेशी प्रेशराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर), प्रत्येक में 10 रिएक्टर (एक मौजूदा और स्वीकृत स्थलों पर तथा दूसरा नए स्थल पर) और विदेशी सहयोग से मौजूदा स्थलों पर लाइट वाटर रिएक्टरों के साथ योजना बनाई गई है। न्यूक्लियर एनर्जी मिशन के तहत, बीएआरसी ने डीएई स्थलों पर 200 मेगावाट-इलैक्ट्रिक भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर-200) और 55 मेगावाट-इलैक्ट्रिक स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर-55) की प्रदर्शन इकाइयां स्थापित करने की योजना बनाई है।

2025–26 के केंद्रीय बजट में घोषित न्यूक्लियर एनर्जी मिशन के तहत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) के अनुसंधान, डिज़ाइन, विकास और परिनियोजन के लिए कुल ₹20,000 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है। यह आवंटन भारत के इस उद्देश्य का समर्थन करने के लिए है कि साल 2033 तक कम से कम पाँच स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए एसएमआर विकसित और परिचालित किए जा सकें।

इस पहल के भाग के रूप में, बीएआरसी ने पहले ही निम्नलिखित एसएमआर पर डिज़ाइन और विकास कार्य शुरू कर दिया है:

    1. 200 मेगावाट-इलैक्ट्रिक भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर-200)
    2. 55 मेगावाट-इलैक्ट्रिक स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर-55) और
    3. हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 5 मेगावाट-थर्मल तक का उच्च तापमान गैस-कूल्ड रिएक्टर

प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए इन रिएक्टरों की लीड यूनिट्स डीएई स्थल पर निर्मित करने का प्रस्ताव है। प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी प्राप्त होने के बाद, प्रदर्शन रिएक्टरों का निर्माण 60 से 72 महीनों में पूरा होने की संभावना है।

एसएमआर स्थापित करने के लिए बीएआरसी द्वारा आवंटित निधियों के अनुमानित उपयोग का विवरण निम्नलिखित है:

 

रिएक्‍टर

लागत प्रावधान (₹ करोड़)

बीएसएमआर-200 (लीड यूनिट)

5960

एसएमआर-55 (2 यूनिट)

7000

एचटीजीसीआर (लीड यूनिट)

320

डिज़ाइन, अभियांत्रिकी एवं विकास कार्य (सभी के लिए समान)

800

 

परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली और संयंत्र तथा नियामक प्राधिकरण, दोनों में कई स्तरों पर सुरक्षा समीक्षाओं के लिए एक मजबूत नियामक तंत्र स्थापित किया गया है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा की निरंतर निगरानी और समीक्षा एईआरबी द्वारा की जाती है। इसके अलावा, सुरक्षा स्थिर नहीं होती और वैश्विक मानकों, घटनाओं तथा संचालन अनुभव से प्राप्त फीडबैक के आधार पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, जिसमें पुराने संयंत्र भी शामिल हैं, में सुधार/उन्‍नयन किए जाते रहते हैं। जहां तक परमाणु सुरक्षा का प्रश्न है, सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थलों पर भौतिक सुरक्षा (सीआईएसएफ़ कवरेज), इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सिस्टम पर आधारित कई सुरक्षा तंत्र मौजूद हैं। इन सिस्टम का समय-समय पर ऑडिट, समीक्षा और आवश्यक उन्‍नयन किया जाता रहता है।

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पीके/केसी/पीके


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