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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा ने टीबी मुक्त भारत की दिशा में प्रगति की रफ्तार तेज़ करने के लिए बिहार के सांसदों के साथ बातचीत की, मज़बूत राजनीतिक नेतृत्व, सामुदायिक जन आंदोलन और रोगी-केंद्रित देखभाल का आह्वान किया


बिहार के सांसद टीबी मुक्त भारत के लिए एकजुट हुए, भारत के टीबी उन्मूलन मिशन के प्रति समर्थन और प्रतिबद्धता दोहराई

टीबी मुक्त बिहार के लिए एकजुट संकल्प: श्री नड्डा ने जन आंदोलन और रोगी-केंद्रित देखभाल का आह्वान किया

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सांसदों के साथ इसी तरह की बातचीत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार के सांसदों के साथ भी चर्चा की

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 7:19PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज नई दिल्ली स्थित विस्तारित संसद भवन एनेक्सी में बिहार के सांसदों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जो 'टीबी मुक्त भारत अभियान' के तहत गहन संपर्क अभियान का हिस्सा है। पिछले दो दिनों में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सांसदों के साथ इसी तरह की बैठकों के बाद यह सत्र आयोजित किया गया और आने वाले हफ्तों में टीबी के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने के लिए राज्य-स्तरीय परामर्श की योजना भी बनाई गई है।

आज की बैठक में केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर, केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ. राज भूषण चौधरी, केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे के अलावा बिहार राज्य के सांसद भी उपस्थित थे।

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सभी दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को एक साथ लाकर, "टीबी मुक्त भारत के लिए सांसदों की भागीदारी" नामक इस कार्यक्रम ने भारत में टीबी उन्मूलन की दिशा में तेज़ी से प्रगति करने के लिए एकीकृत राजनीतिक संकल्प को और मज़बूत किया है।

समारोह को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने टीबी उन्मूलन की दिशा में तेज़ी से हो रही प्रगति पर प्रकाश डाला और बताया कि देश में 2015 और 2024 के बीच टीबी के मामलों में 21% की गिरावट दर्ज की गई है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है, साथ ही 90% उपचार सफलता दर भी है, जो विश्वव्यापी औसत से अधिक है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि स्क्रीनिंग, सामुदायिक स्तर पर पहुँच और रोगी सहायता की दिशा में हो रही बिहार की महत्वपूर्ण प्रगति, भारत की राष्ट्रीय तरक्की को और मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सांसदों से टीबी उन्मूलन के लिए जन आंदोलन को आगे बढ़ाने में नेतृत्व संभालने का आग्रह किया:

  • अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाना और सामाजिक कमियों को कम करने के प्रयास करना
  • निक्षय शिविरों और समुदाय-आधारित जाँच के ज़रिए शीघ्र पहचान को बढ़ावा देना, जिसमें लक्षणहीन संवेदनशील समूह भी शामिल हैं
  • ज़िला और ब्लॉक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण टीबी सेवाओं की निगरानी को मज़बूत करना
  • सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और टीबी रोगियों को पोषण, मनोवैज्ञानिक और रोज़गार से जुड़ी मदद देने के लिए निक्षय मित्रों को संगठित करना

श्री नड्डा ने ज़ोर देते हुए कहा कि टीबी मुक्त भारत केवल एक स्वास्थ्य पहल नहीं है, बल्कि सामूहिक इच्छाशक्ति और सक्रिय राजनीतिक नेतृत्व द्वारा संचालित एक जन-नेतृत्व वाला आंदोलन है।

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सत्र के दौरान, बिहार के सांसदों ने जागरूकता बढ़ाने, गुणवत्तापूर्ण निदान और रोगी-केंद्रित देखभाल को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसके साथ ही समुदायों को टीबी उन्मूलन के राष्ट्रव्यापी आंदोलन में भाग लेने के लिए भी प्रेरित किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने भारत की उभरती रणनीति की रूपरेखा पेश की, जिसमें एआई-सक्षम निदान का विस्तार, गहन जाँच और बेहतर परिणामों के लिए रोगी सहायता में वृद्धि शामिल है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक श्रीमती आराधना पटनायक ने 'टीबी मुक्त भारत अभियान' के तहत हासिल की गई उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया और उन क्षेत्रों पर भी प्रकाश डाला, जहाँ संसदीय नेतृत्व बिहार की प्रतिक्रिया को और मजबूत कर सकता है।

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यह चर्चा टीबी-मुक्त बिहार और टीबी-मुक्त भारत की दिशा में राजनीतिक सहमति और ज़मीनी स्तर पर रफ्तार तेज़ करने के मंत्रालय के निरंतर प्रयासों में एक और मील का पत्थर साबित हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, बिहार के सांसदों ने टीबी-मुक्त भारत की दिशा में तेज़ी से प्रगति लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई ताकि राजनीतिक इच्छाशक्ति ज़मीनी स्तर पर बदलावकारी कार्रवाई में तब्दील हो सके।

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पीके/केसी/एनएस/डीए


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