रक्षा मंत्रालय
कमांडर्स कॉन्फ्रेंस -2025 पश्चिमी वायु कमान
प्रविष्टि तिथि:
28 NOV 2025 8:05PM by PIB Delhi
नई दिल्ली में 27 और 28 नवंबर, 2025 को आयोजित दो दिवसीय पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) के कमांडरों का सम्मेलन आज संपन्न हो गया। इसका विषय “विकासशील सक्षम भारतीय वायु सेना” था। वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यवाही की अध्यक्षता की। इस मौके पर डब्ल्यूएसी के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल जितेन्द्र मिश्रा ने वायु सेना प्रमुख का स्वागत किया साथ ही उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
कमांडरों को संबोधित करते हुए वायु सेनाध्यक्ष ने वायु योद्धाओं के प्रशिक्षण में निवेश के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही नेतृत्व, कल्याण और जीवन की गुणवत्ता संबंधी पहलों पर जोर दिया जो मनोबल और लक्ष्य की प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं। उन्होंने डब्ल्यूएसी के मानवीय राहत प्रयासों की भी सराहना की, जो 'हर काम देश के नाम' की भावना का उदाहरण है। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए वायुसेनाध्यक्ष ने सभी वायु योद्धाओं से मिशन, अखंडता और उत्कृष्टता के मूल मूल्यों को बनाए रखने का आह्वान किया।
दो दिवसीय कमांडरों के सम्मेलन में डब्ल्यूएसी के सभी कमांडरों के साथ-साथ डीएमए के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, सिविलि अधिकारियों और सैन्य मामलों के विशेषज्ञों के बीच गहन विचार-विमर्श, चर्चा और मंथन किया गया।
इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पश्चिमी वायु कमान के कमांडरों को संबोधित किया और पेशेवर क्षमता और परिचालन तत्परता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विकसित सुरक्षा वातावरण में निरंतर संयोजन, सामरिक नवाचार और रणनीतिक दूरदर्शिता का आह्वान किया। मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति को प्रमुख शक्ति बताते हुए उन्होंने परिचालन तैयारियों पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने पश्चिमी वायु कमान कमांडरों के सम्मेलन 2025 को संबोधित किया। प्रौद्योगिकी और संप्रभुता पर अपनी बात कहते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के संप्रभु हितों की रक्षा के लिए एक आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत भारतीय वायु सेना आवश्यक है।
सम्मेलन के दौरान डीआरडीओ की महानिदेशक (एयरो) डॉ. के राजलक्ष्मी मेनन ने हवाई निगरानी प्रणाली में भविष्य की प्रौद्योगिकियों पर व्याख्यान दिया और स्वायत्त हवाई प्रणालियों, लंबे समय तक चलने वाले प्लैटफॉर्मों और अंतरिक्ष-सक्षम आईएसआर के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया।
परिचालन संबंधी विचारों के सभी पहलुओं में 'आत्मनिर्भरता' को अपनाने और एक सच्चे 'मेड इन इंडिया' और 'मेड फॉर इंडिया' बल बनने की दिशा में राष्ट्र और भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने की दिशा में भी चर्चा और विचार-विमर्श किया गया।
पश्चिमी और उत्तरी वायुक्षेत्र की सुरक्षा का भारी दायित्व पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) के पास है। हाल के अभियानों ने परिचालन तैयारियों और व्यावसायिकता के उच्च मानकों को प्रदर्शित किया है जो पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) की पहचान रही है।





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पीके/केसी/आरकेजे
(रिलीज़ आईडी: 2196216)
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