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प्रधानमंत्री गतिशक्ति के तहत नेटवर्क योजना समूह की 103वीं बैठक में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया


एनपीजी ने रेल मंत्रालय की 3 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया

प्रविष्टि तिथि: 28 NOV 2025 7:35PM by PIB Delhi

बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए आज नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की 103वीं बैठक आज आयोजित की गई। बैठक में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस एनएमपी) के अनुरूप, मल्टीमॉडल संपर्क और लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

एनपीजी ने 3 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया, जिनमें 3 रेल परियोजनाएँ शामिल थीं, जो एकीकृत मल्टीमॉडल बुनियादी ढाँचे, आर्थिक और सामाजिक केंद्रों तक अंतिम-मील संपर्क और 'संपूर्ण सरकार' दृष्टिकोण के पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों के अनुरूप थीं। इन पहलों से लॉजिस्टिक्स दक्षता में वृद्धि, यात्रा समय में कमी और परियोजना के तहत आने वाले क्षेत्रों को ज़रुरी सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के मूल्यांकन और अनुमानित प्रभावों का विवरण नीचे दिया गया है:

रेल मंत्रालय (एमओआर)

  1. बारबेंडा-डमरुघुटू दोहरीकरण और डमरुघुटू-बोकारो तीसरी और चौथी लाइन (पश्चिम बंगाल और झारखंड): रेल मंत्रालय ने बारबेंडा और डमरुघुटू के बीच तीसरी और चौथी रेलवे लाइन के निर्माण का प्रस्ताव रखा है, जो पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य में 51.761 किलोमीटर लंबी होगी। इस परियोजना में बढ़ती यातायात माँगों को पूरा करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए, दक्षिण पूर्व रेलवे के तहत मौजूदा बारबेंडा-डमरुघुटू-बोकारो स्टील सिटी कॉरिडोर का विस्तार शामिल है।

इस योजना के कार्यों में एक प्रमुख पुल, 18 छोटे पुल, एक रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) का निर्माण और एक मौजूदा लेवल क्रॉसिंग का विस्तार शामिल है। तीसरी लाइन के विकास के हिस्से के रूप में, ब्लॉक केबिन सहित 5 स्टेशन यार्डों का आधुनिकीकरण कार्य किया जाएगा, साथ ही 5 प्रमुख पुलों, 52 छोटे पुलों, 5 आरयूबी और 5 अतिरिक्त लेवल क्रॉसिंग का विस्तार भी किया जाएगा।

यह कॉरिडोर बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल), टाटा स्टील लिमिटेड, डालमिया सीमेंट और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसे प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए माल ढुलाई का एक अहम मार्ग है। प्रस्तावित विस्तार से माल ढुलाई में खासा सुधार होगा, भीड़भाड़ और देरी कम होगी, क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और बीबीडीए-डीआरजीयू-बीकेएससी रेलवे कॉरिडोर की समग्र विश्वसनीयता मज़बूत होगी।

  1. जमालपुर-मुंगेर-सबदलपुर दोहरी लाइन, जिसमें गंगा नदी पर पुल और जमालपुर अवॉइडिंग लाइन भी शामिल है (बिहार): रेल मंत्रालय ने बिहार में पूर्वी और पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत गंगा नदी पर एक नए पुल और जमालपुर अवॉइडिंग लाइन के साथ जमालपुर-मुंगेर दोहरी लाइन के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। 15 किलोमीटर लंबी इस परियोजना, जिसमें दोहरी लाइन, गंगा पुल और बाईपास अलाइनमेंट शामिल है, को जुलाई 2030 तक पूरा करने की योजना है।

यह गलियारा मुंगेर और बेगूसराय के घनी आबादी वाले गंगा के मैदानों से होकर गुजरता है और उत्तर बिहार तथा बिहार और झारखंड के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क के रूप में रणनीतिक महत्व रखता है। इस मार्ग से आईटीसी लिमिटेड (भारत तंबाकू प्रभाग, डेयरी प्लांट, और पैकेजिंग तथा प्रिंटिंग यूनिट), सीताकुंड औद्योगिक क्षेत्र, आयुध गन फैक्टरी, जमालपुर रेलवे वर्कशॉप, भागलपुर मेगा हैंडलूम क्लस्टर, कहलगांव और बरौनी थर्मल पावर स्टेशन, बरौनी रिफाइनरी, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड, और कांति थर्मल पावर प्लांट सहित प्रमुख औद्योगिक केंद्रों के लिए संपर्क में इजाफा होगा।

इस परियोजना से तेज़, सुरक्षित और निर्बाध रेल संपर्क प्रदान करके आर्थिक और सामाजिक विकास की रफ्तार तेज़ होने की उम्मीद है। यह औद्योगिक और खनन क्षेत्रों के बीच एक अहम कड़ी के रूप में भी काम करेगा, परिवहन लागत को कम करेगा और भारतीय उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा। इसके अलावा, यह परियोजना निर्माण और संचालन दोनों के दौरान, खास तौर पर लोडिंग और अनलोडिंग सुविधाओं, औद्योगिक क्षेत्रों और रेलवे यार्डों में, पर्याप्त प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करेगी।

  1.  संतरागाछी-पंसकुरा-खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) के बीच चौथी लाइन: रेल मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में संतरागाछी और खड़गपुर के बीच चौथी रेलवे लाइन के निर्माण का प्रस्ताव रखा है, जिसका मकसद इस क्षेत्र के सबसे ज़रुरी और अत्यधिक उपयोग किए जाने वाले गलियारों में से एक को मज़बूत करना है। यह मार्ग वर्तमान में पर्याप्त माल और यात्री यातायात को संभालता है, जिससे खाद्यान्न, कोयला, सीमेंट, क्लिंकर और स्टील जैसी ज़रुरी वस्तुओं की आवाजाही आसान होती है, साथ ही रोज़ाना करीब 115 कोच ट्रेनें भी चलती हैं।

प्रस्तावित चौथी लाइन 110.919 किलोमीटर लंबी होगी, जिसकी कुल लंबाई 133.781 किलोमीटर होगी। यह हावड़ा जिले में 50.319 किलोमीटर, पूर्वी मेदिनीपुर में 26.70 किलोमीटर और पश्चिमी मेदिनीपुर में 33.9 किलोमीटर तक जाएगी। परियोजना के दायरे में 30 स्टेशन यार्डों का आधुनिकीकरण और एक महत्वपूर्ण पुल, 15 बड़े पुल, 100 छोटे पुल और 12 रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) का निर्माण शामिल है। माल ढुलाई की मात्रा पहले वर्ष में 20.37 एमटीपीए से 11वें वर्ष तक 28.12 एमटीपीए तक बढ़ने का अनुमान है, इसलिए भीड़भाड़ कम करने, परिचालन क्षमता बढ़ाने और माल एवं यात्रियों की अधिक विश्वसनीय आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए यह विस्तार बेहद ज़रुरी है। इस परियोजना से इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर रेल परिवहन की दक्षता और मज़बूती में खासा सुधार होने की उम्मीद है।

बैठक की अध्यक्षता उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव, लॉजिस्टिक्स ने की।

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पीके/केसी/एनएस


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