सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान


वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया

द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में 8.0 की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर्ज की

प्रविष्टि तिथि: 28 NOV 2025 4:00PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने प्रेस नोट में वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमानों के साथ-साथ इसके व्यय घटकों को स्थिर (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर जारी किया है। विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के लिए मूल मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के तिमाही अनुमान, वर्ष-दर-वर्ष प्रतिशत परिवर्तन, वित्त वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 की तिमाही के लिए स्थिर और वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी के व्यय घटकों को अनुबंध ए के विवरण 1 से 8 में दिया गया है।

मुख्य बातें:

  • वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया।
  • वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में नाममात्र जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • द्वितीयक (8.1 प्रतिशत) और तृतीयक क्षेत्र (9.2 प्रतिशत) ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी विकास दर में 8.0 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की।
  • द्वितीयक क्षेत्र में विनिर्माण (9.1 प्रतिशत) और निर्माण (7.2 प्रतिशत) ने दूसरी तिमाही में स्थिर मूल्यों पर 7.0 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की।
  • तृतीयक क्षेत्र में वित्त, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं (10.2 प्रतिशत) ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में स्थिर मूल्यों पर पर्याप्त वृद्धि दर्ज की।
  • कृषि और संबद्ध (3.5 प्रतिशत) और विद्युत, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवा क्षेत्र (4.4 प्रतिशत) में वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के दौरान वास्तविक विकास दर में कमी देखी गई।
  • वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के दौरान 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की थी।
  • वास्तविक जीडीपी ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 8.0 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत थी।

I. तिमाही अनुमान और विकास दर

वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्यों पर अनुमानित जीडीपी 48.63 लाख करोड़ रुपए है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह 44.94 लाख करोड़ रुपए थी, जो 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में नाममात्र जीडीपी या वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी 85.25 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह 78.40 लाख करोड़ रुपये थी, जो 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है।

वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीवीए 44.77 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह 41.41 लाख करोड़ रुपये था, जो 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में नाममात्र जीवीए 77.69 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह 71.45 लाख करोड़ रुपये था, जो 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

चित्र 1: स्थिर मूल्यों पर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही से वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही तक वार्षिक वृद्धि दर के साथ तिमाही जीडीपी और जीवीए अनुमान

 

चित्र 2: तिमाही जीवीए की क्षेत्रीय संरचना और वृद्धि दर

वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में नाममात्र जीवीए की क्षेत्रीय संरचना

चित्र 3: व्यापक क्षेत्रों में तिमाही जीवीए की संरचना एवं वृद्धि दर

II. अर्धवार्षिक अनुमान एवं वृद्धि दर

2025-26 के अप्रैल-सितंबर (2025-26 की पहली छमाही) में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 96.52 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि 2024-25 की पहली छमाही में यह 89.35 लाख करोड़ रुपये थी, जो 8.0 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। 2025-26 की पहली छमाही में नाममात्र जीडीपी या वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी 171.30 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि 2024-25 की पहली छमाही में यह 157.48 लाख करोड़ रुपये थी, जो 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है।

2025-26 की पहली छमाही में वास्तविक जीवीए 89.41 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2024-25 की पहली छमाही में यह 82.88 लाख करोड़ रुपये थी, जो 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। 2025-26 की पहली छमाही में नाममात्र जीवीए 155.94 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2024-25 की पहली छमाही में यह 143.39 लाख करोड़ रुपये थी, जो 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है।

चित्र 4: स्थिर मूल्यों पर 2022-23 की पहली छमाही से 2025-26 की पहली छमाही तक वार्षिक  वृद्धि दर के साथ अर्ध-वार्षिक जीडीपी एवं जीवीए अनुमान

चित्र 5: अर्धवार्षिक (एच1, वित्त वर्ष 2025-26) वास्तविक जीवीए की क्षेत्रीय वृद्धि दरें

[प्राथमिक क्षेत्र : कृषि, पशुधन, वानिकी एवं मत्स्य पालन तथा खनन एवं उत्खनन

द्वितीयक क्षेत्र : विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं और निर्माण

तृतीयक क्षेत्र : व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं, वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं और लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं]

III. कार्यप्रणाली और प्रमुख डेटा स्रोत:

जीडीपी के तिमाही अनुमान बेंचमार्क-संकेतक पद्धति का उपयोग करके संकलित किए जाते हैं, अर्थात, पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) की इसी तिमाही के लिए उपलब्ध अनुमानों को विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाने वाले प्रासंगिक संकेतकों का उपयोग करके निकाला जाता है। विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/निजी एजेंसियों से प्राप्त आंकड़े इन अनुमानों के संकलन में मूल्यवान इनपुट के रूप में काम करते हैं।

जीडीपी के तिमाही अनुमान बेंचमार्क-संकेतक पद्धति का उपयोग करके संकलित किए जाते हैं, अर्थात, पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) की इसी तिमाही के लिए उपलब्ध अनुमानों को विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाने वाले प्रासंगिक संकेतकों का उपयोग करके निकाला जाता है। विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/निजी एजेंसियों से प्राप्त आंकड़े इन अनुमानों के संकलन में मूल्यवान इनपुट के रूप में काम करते हैं।

क्षेत्रवार अनुमान संकेतकों का उपयोग करके संकलित किए गए हैं, जैसे (i) कृषि वर्ष (एवाई) 2025-26 के लिए फसल उत्पादन लक्ष्य और एवाई 2024-25 के लिए खाद्यान्न, तिलहन और अन्य वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान, (ii) एवाई 2024-25 के लिए बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान, (iii) वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रमुख पशुधन उत्पादों के ग्रीष्मकालीन सीजन के अनुमान, (iv) वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए मछली उत्पादन अनुमान, (v) वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए इन कंपनियों के उपलब्ध तिमाही वित्तीय परिणामों के आधार पर सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन, (vi) कोयला, कच्चे पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, सीमेंट का उत्पादन और इस्पात की खपत, (vii) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), (viii) रेलवे के लिए नेट टन किलोमीटर और यात्री किलोमीटर, (ix) हवाई यात्रियों और हवाई अड्डों पर कार्गो यातायात प्रमुख और छोटे समुद्री बंदरगाहों पर यातायात, (xi) वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री, (xii) बैंक जमा और क्रेडिट, (xiii) जीवन और गैर-जीवन बीमा कंपनियों की प्रीमियम संबंधी जानकारी, (xiv) वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए जीएसटीएन से उपलब्ध वस्तुओं और सेवाओं की बाहरी आपूर्ति, (xv) 2025-26 की पहली तिमाही के लिए उपलब्ध केंद्र और राज्य सरकारों के खाते, (xvi) वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए माल और सेवा कर संग्रह आदि। अनुमान में उपयोग किए गए प्रमुख संकेतकों में परिलक्षित वार्षिक वृद्धि दर (प्रतिशत) अनुलग्नक बी में दी गई है।

जीडीपी संकलन के लिए उपयोग किए जाने वाले कुल कर राजस्व में गैर-जीएसटी राजस्व के साथ-साथ जीएसटी राजस्व भी शामिल है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की वेबसाइटों से जानकारी का उपयोग वर्तमान कीमतों पर उत्पादों पर करों का अनुमान लगाने के लिए किया गया है। स्थिर कीमतों पर उत्पादों पर करों के संकलन के लिए, कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा वृद्धि का उपयोग करके वॉल्यूम एक्सट्रपलेशन किया जाता है। केंद्र के लिए वर्तमान मूल्यों पर कुल उत्पाद सब्सिडी को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही तक प्रमुख सब्सिडी जैसे खाद्य, यूरिया, पेट्रोलियम और पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की जानकारी का उपयोग करके संकलित किया गया था। राज्यों के लिए वर्तमान मूल्यों पर कुल उत्पाद सब्सिडी को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही तक राज्यों द्वारा कुल सब्सिडी पर किए गए व्यय की जानकारी का उपयोग करके संकलित किया गया था।

सकल घरेलू उत्पाद के व्यय घटकों के संकलन के लिए प्रयुक्त संकेतक, उत्पादन दृष्टिकोण में प्रयुक्त संकेतकों के उपसमूह पर निर्भर करते हैं। हालांकि, वस्तुओं एवं सेवाओं का आयात, वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात, मूल्यवान वस्तुएं, पूंजीगत वस्तुओं का आयात एवं निर्यात जैसे घटकों को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राप्त मासिक आयात और निर्यात आंकड़ों के आधार पर संकलित किया जाता है। सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) का अनुमान लगाने के लिए सीजीए और कैग की वेबसाइटों से राजस्व व्यय, ब्याज भुगतान, सब्सिडी आदि पर उपलब्ध जानकारी का उपयोग किया गया। विसंगति का मतलब उत्पादन और व्यय दृष्टिकोण से सकल घरेलू उत्पाद के बीच के अंतर से है। विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के अनुमान, साथ ही विभिन्न प्रकार के डेटा स्रोतों और अपस्फीतिकारकों का उपयोग करते हुए व्यय घटक, संभवतः असंगतता की मात्रा एवं दिशा को प्रभावित करने में योगदान देते हैं।

बेहतर डेटा कवरेज और स्रोत एजेंसियों द्वारा इनपुट डेटा में किए गए संशोधन इन अनुमानों के आगामी संशोधनों पर प्रभाव डालेंगे। सूचित किया जाता है कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय वर्तमान में राष्ट्रीय लेखा के आधार वर्ष को वित्त वर्ष 2011-12 (वर्तमान श्रृंखला) से वित्त वर्ष 2022-23 (नई श्रृंखला) में संशोधित करने की प्रक्रिया में है। इसलिए, वर्तमान और स्थिर मूल्यों पर आकलन की पद्धति में परिवर्तन, अद्यतन और नए डेटा स्रोतों को शामिल करने, वार्षिक बेंचमार्क को अद्यतन करने आदि के कारण तिमाही अनुमानों में संशोधन किया जाएगा। उपयोगकर्ताओं को आगामी संशोधित अनुमानों की व्याख्या करते समय इन कारकों को ध्यान में रखना चाहिए। नई श्रृंखला पर आधारित अगला तिमाही जीडीपी अनुमान 27.02.2026 को जारी किया जाएगा।

अनुलग्नक ए

Annexure B

 

Year-on-Year Growth Rates (%) in Major Indicators

 

पीडीएफ देखने के लिए यहां क्लिक करें

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पीके/केसी/एके /डीके

 


(रिलीज़ आईडी: 2196008) आगंतुक पटल : 40
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