पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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दिल्ली यमुना में रिवर क्रूज का अनुभव लेने के लिए तैयार; केन्द्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, उपराज्यपाल ने प्रगति की समीक्षा की


जगतपुर और सोनिया विहार के बीच यमुना नौका पर्यटन तथा फेरी अवसंरचना विकास परियोजना विकसित की जा रही है

“यमुना (एनडब्ल्यू-110) में अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) दिल्ली के लिए एक रोमांचक नया अध्याय शुरू करेगा”: श्री सर्बानंद सोनोवाल

दिल्ली सरकार के जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्र भी समीक्षा दौरे  में शामिल हुए

प्रविष्टि तिथि: 18 NOV 2025 7:19PM by PIB Delhi

केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) सर्बानंद सोनोवाल, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्र ने यमुना नौका पर्यटन तथा फेरी अवसंरचना विकास परियोजना, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों एवं आगंतुकों के लिए यमुना नदी में मनोरंजक बोट क्रूज और फेरी सेवाएं शुरू करना है, की प्रगति की समीक्षा की।

सोनिया विहार और जगतपुर के बीच वजीराबाद बैराज के ऊपर स्थित इस परियोजना से एक नया हरित पर्यटन का अनुभव प्रदान करने और पर्यावरण के अनुकूल नदी यात्रा के जरिए  कनेक्टिविटी बढ़ाने की उम्मीद है। इस पहल का विकास 20 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है।

यमुना नदी, जिसे राष्ट्रीय जलमार्ग 110 (एनडब्ल्यू-110) के रूप में अधिसूचित किया गया है, दिल्ली के जगतपुर से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक 1,080 किलोमीटर तक फैली है। अंतर्देशीय जल परिवहन और कम दूरी के शहरी पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) सोनिया विहार और जगतपुर के बीच 6-7 किलोमीटर के राउंड-ट्रिप कॉरिडोर में सुविधाएं विकसित कर रहा है।

जमीनी स्तर पर प्रगति की समीक्षा के बाद, श्री सोनोवाल ने कहा कि यह पहल टिकाऊ एवं  आधुनिक जलमार्गों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, दशकों की उपेक्षा के बाद भारत के जलमार्गों का परिवर्तनकारी पुनरुत्थान हुआ है। यमुना नदी में पर्यावरण के अनुकूल क्रूज पर्यटन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो स्वच्छ, हरित एवं अपेक्षाकृत अधिक कुशल जल परिवहन का मार्ग प्रशस्त करेगा और इससे दिल्ली के मध्य में कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।”

इस परियोजना के कार्यान्वयन में सहयोग करने हेतु, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने जिनमें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) सहित दिल्ली सरकार के प्रमुख विभागों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता एनडब्ल्यू-110 के चार किलोमीटर के खंड पर क्रूज पर्यटन को विकसित करने पर केन्द्रित है।

यह गलियारा पर्यावरण के अनुकूल क्रूज संचालन के एक केन्द्र के रूप में कार्य करेगा, जो इलेक्ट्रिक-सोलर हाइब्रिड नौकाओं द्वारा संचालित होगा जिसमें 30 से 40 यात्री बैठ सकते हैं। जहाजों में लाइफ जैकेट और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली सहित सुरक्षा उपकरण उपलब्ध होंगे। आईडब्ल्यूएआई ने सोनिया विहार में पहले ही 50 यात्रियों की क्षमता वाले दो फ्लोटिंग जेटी स्थापित किए हैं। पार्किंग, बुनियादी सुविधाएं और मनोरंजन के स्थल जैसी अतिरिक्त तटवर्ती सुविधाओं से संबंधित योजनाएं भी बनायी जा रही हैं।

इस परियोजना से मनोरंजक गतिविधियों को पुनर्जीवित किए जाने, हरित आवागमन को बढ़ाने और निवासियों एवं पर्यटकों को नदी-आधारित नए अनुभव प्रदान करके दिल्ली के पर्यटन परिदृश्य को नया आकार देने की उम्मीद है।

आवागमन को आसान बनाने और आर्थिक विकास की दिशा में यमुना को एक महत्वपूर्ण माध्यम बनाने की संभावनाओं के बारे में बोलते हुए, सर्बानंद सोनोवाल ने आगे कहा, “यमुना में अंतर्देशीय जल परिवहन का विकास दिल्ली के लिए एक रोमांचक नया अध्याय शुरू करेगा। यात्रा के स्वच्छ साधनों को सक्षम बनाने के अलावा, यह परियोजना राजधानी के पर्यटन परिदृश्य में रिवर-क्रूज का एक अनूठा आयाम जोड़कर निवासियों और पर्यटकों, दोनों के अनुभव को बेहतर बनाएगी। पर्यावरण के अनुकूल नौका सेवाओं और आधुनिक यात्री सुविधाओं के साथ, यमुना न केवल एक जीवंत मनोरंजक गलियारे, बल्कि एक ऐसे गतिशील जल परिवहन संपर्क के रूप में भी उभरेगी जो शहर के मध्य में कनेक्टिविटी और आर्थिक अवसरों को मजबूत करेगी।”      

केन्द्रीय मंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग, विधायी कार्य, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, जल एवं गुरुद्वारा चुनाव मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और दिल्ली सरकार के विधि एवं न्याय, श्रम, रोजगार, विकास, कला, संस्कृति एवं भाषा, पर्यटन मंत्री कपिल मिश्र भी शामिल हुए। समीक्षा दौरे के दौरान आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष (स्वतंत्र प्रभार) सुनील कुमार सिंह सहित आईडब्ल्यूएआई के वरिष्ठ अधिकारी तथा दिल्ली सरकार के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

टर्मिनलों का विकास, फेयरवे में सुधार, रात्रि नौवहन सहायता की स्थापना और लॉक सिस्टम को उन्नत करके, आईडब्ल्यूएआई देश भर में राष्ट्रीय जलमार्गों को मजबूत कर रहा है। हरित नौका स्थिरता पहल के तहत, वाराणसी और अयोध्या में इलेक्ट्रिक कैटामरैन पहले ही शुरू  किए जा चुके हैं तथा पटना और गुवाहाटी के लिए अतिरिक्त तैनाती की योजना है। आईडब्ल्यूएआई ने हाल ही में भारत के पहले स्वदेश निर्मित हाइड्रोजन ईंधन-सेल चालित पोत का परीक्षण पूरा किया है, जिससे देश के हरित आवागमन के लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के पुनरोद्धार के बारे में बोलते हुए, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र - जो लगभग छह दशकों तक उपेक्षित और अनदेखा रहा - में 2014 से एक व्यापक बदलाव आया है। जिसे लंबे समय तक एक कम-उपयोग वाली परिसंपत्ति माना जाता था, वह आज भारत में गति, स्थिरता और दक्षता के साथ लोगों एवं वस्तुओं की आवाजाही में क्रांति ला रही है। माल ढुलाई, बुनियादी ढांचे के विस्तार और हरित आवागमन के उपायों में उल्लेखनीय वृद्धि, राष्ट्रीय प्रगति में हमारी नदियों की विशाल क्षमता के दोहन को संभव बनाने के प्रधानमंत्री मोदी जी के संकल्प का प्रमाण है।”

पिछले एक दशक में अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्र ने व्यापार और माल की आवाजाही में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। जहां कार्यरत राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या में 767 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं राष्ट्रीय जलमार्गों के रास्ते माल की ढुलाई की मात्रा में 635 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में मल्टीमॉडल टर्मिनलों में 62 प्रतिशत की वृद्धि और राष्ट्रीय जलमार्गों में निवेश में 233 प्रतिशत की वृद्धि भी दर्ज की गई है।

प्रमुख सुधारों - राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016, जिसने 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए और अंतर्देशीय पोत अधिनियम, 2021, जिसने सदियों पुराने कानून की जगह ली- ने विस्तार और आधुनिकीकरण को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आज, देश के 111 राष्ट्रीय जलमार्ग 23 राज्यों और चार केन्द्र-शासित प्रदेशों में 20,187 किलोमीटर तक फैले हैं। वर्तमान में बत्तीस राष्ट्रीय जलमार्ग शिपिंग और नौवहन के लिए कार्यरत हैं। वर्ष 2027 तक कार्यरत जलमार्गों की संख्या 76 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल की आवाजाही अप्रैल 2024 और मार्च 2025 के बीच 146 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे मजबूत प्रदर्शन है।

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पीके/केसी/आर


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