राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
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एनएचआरसी, भारत का दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम - नवंबर 2025 से शुरू


देश के विभिन्न भागों और विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आए 900 से अधिक आवेदकों में से विश्वविद्यालय स्तर के 80 छात्रों का चयन

शुरुआती संबोधन में एनएचआरसी के महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि ऑनलाइन इंटर्नशिप के माध्यम से आयोग देश के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचकर मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता का निर्माण कर रहा है

एनएचआरसी महासचिव ने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे गहराई से चिंतन करें, उद्देश्यपूर्ण जीवन जिएं और संवैधानिक आदर्शों को व्यवहार में उतारें तथा न्याय, सहानुभूति एवं गरिमा के दूत बनें

Posted On: 11 NOV 2025 5:58PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने नवंबर 2025 के लिए अपना दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम (ओएसटीआई) शुरू किया। इस संबंध में कुल 906 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से देश भर के 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विभिन्न शैक्षणिक विषयों का प्रतिनिधित्व करने वाले 80 छात्रों को इसमें भाग लेने के लिए चुना गया है। इस इंटर्नशिप का उद्देश्य कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण की व्यापक समझ प्रदान करना है।

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अपने शुरुआती संबोधन में एनएचआरसी महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि आयोग अपने अधिदेश के अनुरूप, ऑनलाइन इंटर्नशिप के माध्यम से मानव अधिकार जागरूकता पैदा करने के लिए देश के हर हिस्से तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है। इसका उद्देश्य युवा मस्तिष्कों को मानवाधिकारों को गरिमापूर्ण जीवन मूल्यों के रूप में बनाए रखने के लिए संवेदनशील बनाना, शिक्षित करना और प्रेरित करना है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सम्मान सभी मानवाधिकारों का केंद्र है, उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का इनकार, चाहे वह भेदभाव के माध्यम से हो या बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण, मानव अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे गहराई से चिंतन करें, उद्देश्यपूर्ण जीवन जिएं और संवैधानिक आदर्शों को अपने व्यवहार में उतारें तथा न्याय, सहानुभूति और गरिमा के दूत बनें।

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श्री लाल ने कहा कि मानव अधिकार बहुत गतिशील है और समय के साथ विकसित होता रहता है तथा नयी चुनौतियां लेकर आता है। साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), जलवायु, स्वच्छ वायु और जल जैसे मुद्दे मानव अधिकारों को प्रभावित करने वाले नए मुद्दे हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं से अनुरोध किया कि वे इस अवसर का सर्वोत्तम उपयोग करें और दूसरों के जीवन पर प्रभाव डालकर अपने जीवन को सार्थक एवं उद्देश्यपूर्ण बनाएं तथा एक स्थायी और सकारात्मक छाप छोड़ें।

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इंटर्नशिप पाठ्यक्रम का विवरण देते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की संयुक्त सचिव श्रीमती सैदिंगपुई छकछुआक ने कहा कि 34 विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा 43 सत्रों में प्रशिक्षुओं को अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार, हाथ से मैला ढोने की प्रथा में शामिल लोगों के अधिकार, मानव अधिकार के रूप में मानसिक स्वास्थ्य, किशोर न्याय जैसे महत्वपूर्ण विषयों से अवगत कराया जाएगा। प्रशिक्षुओं को दिल्ली में तिहाड़ जेल, पुलिस थाना और आशा किरण आश्रय गृह का ऑनलाइन दौरा भी कराया जाएगा ताकि उन्हें उनकी कार्यप्रणाली की व्यावहारिक जानकारी मिल सके। इसके अलावा, पुस्तक समीक्षा प्रतियोगिता, मानव अधिकार मुद्दों पर समूह शोध परियोजना प्रस्तुति और भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।

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