पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने कालूघाट इंटरमॉडल टर्मिनल को पीपीपी ऑपरेटर को सौंपा; जल मार्ग विकास परियोजना के तहत हल्दिया एमएमटी पर कार्गो का परिचालन शुरू

Posted On: 07 NOV 2025 4:59PM by PIB Delhi

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत  भारत के अंतर्देशीय जल परिवहन से संबंधित इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के क्रम में दो प्रमुख उपलब्धियां हासिल की हैं।

बिहार स्थित कालूघाट इंटरमॉडल टर्मिनल को परिचालन और रखरखाव के लिए औपचारिक रूप से एसएपीएल - समिट अलायंस पोर्ट ईस्ट गेटवे (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया है। इस बीच, पश्चिम बंगाल स्थित हल्दिया मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी), जिसका संचालन आईआरसी नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, पर कार्गो का परिचालन शुरू हो गया है। इस टर्मिनल से टाटा स्टील से ग्रैनुलेटेड ब्लास्ट फर्नेस स्लैग (जीबीएफएस) की पहली खेप असम के पांडु, गुवाहाटी के लिए रवाना हो चुकी है।

कुल मिलाकर, ये उपलब्धियां जेएमवीपी के तहत विकसित टर्मिनलों के भरोसेमंद, कुशल और पेशेवर प्रबंधन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है - जो गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली में समेकित मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और टिकाऊ लॉजिस्टिक्स के सरकार के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।

कालूघाट आईएमटी को एसएपीएल को सौंपना

विश्व बैंक से प्राप्त वित्तीय एवं तकनीकी सहायता से आईडब्ल्यूएआई द्वारा निर्मित कालूघाट इंटरमॉडल टर्मिनल (आईएमटी) रणनीतिक रूप से बिहार के सारण जिले में स्थित है और इसे विभिन्न प्रकार के कार्गो को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

पीपीपी व्यवस्था के तहत, एसएपीएल - समिट अलायंस पोर्ट ईस्ट गेटवे (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, राजस्व-साझाकरण मॉडल पर टर्मिनल का संचालन और रखरखाव करेगा, जिसमें आईडब्ल्यूएआई को टर्मिनल संचालन से प्राप्त सकल राजस्व का 38.30 प्रतिशत प्राप्त होगा। यह मॉडल साझेदारी के एक ऐसे स्थायी ढांचे को सुनिश्चित करता है, जो वाणिज्यिक दक्षता को जनहित के साथ जोड़ता है और अंतर्देशीय जलमार्ग इकोसिस्टम की दीर्घकालिक व्यवहार्यता में सहयोग करता है। 

बिहार स्थित कालूघाट आईएमटी

 

हल्दिया मल्टी-मॉडल टर्मिनल में कार्गो परिचालन शुरू

राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में बहाव के साथ वाले छोर पर स्थित, हल्दिया मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) – जिसे जेएमवीपी के तहत ही विकसित किया गया है – ने गुवाहाटी के लिए टाटा स्टील के जीबीएफएस कार्गो की लोडिंग के साथ अपनी परिचालन यात्रा शुरू कर दी है। पिछले महीने आईआरसी नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड को सौंपे गए इस टर्मिनल की कार्गो हैंडलिंग क्षमता 3.08 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) है और यह पूर्वी भारत को पूर्वोत्तर क्षेत्र से जोड़ने वाले एक किफायती एवं पर्यावरण के अनुकूल लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों की स्थापना की दिशा में एक बड़ा कदम है।

                   हल्दिया एमएमटी में कार्गो परिचालन

टिकाऊ लॉजिस्टिक्स के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना

ये दोनों उपलब्धियां अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) को भारत के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का एक प्रमुख स्तंभ बनाने के भारत सरकार के दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करती हैं। जेएमवीपी के अंतर्गत, आईडब्ल्यूएआई ने फेयरवे विकास, मल्टी-मॉडल और इंटरमॉडल टर्मिनलों के निर्माण, आधुनिक नौवहन अवसंरचना और नदियों के तट पर बसे स्थानीय समुदायों के लाभ के लिए 60 से अधिक सामुदायिक जेटी की स्थापना के जरिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में फैले राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के 1,390 किलोमीटर लंबे हिस्से की बड़े पैमाने पर क्षमता वृद्धि का कार्य किया है।

आईडब्ल्यूएआई के प्रभारी अध्यक्ष, श्री सुनील कुमार सिंह ने कहा, “हल्दिया एमएमटी और कालूघाट आईएमटी को पीपीपी ऑपरेटरों को हस्तांतरित करना टर्मिनल संचालन को अनुकूलित करने, कार्गो हैंडलिंग संबंधी दक्षता को बेहतर बनाने और परिसंपत्तियों के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह कदम राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर एक समेकित मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क स्थापित करने के सरकार की परिकल्पना के अनुरूप है, जो नदी क्षेत्रों में व्यापार और आर्थिक विकास के नए रास्ते खोलेगा।”

कालूघाट और हल्दिया, दोनों टर्मिनलों का पीपीपी-आधारित संचालन की दिशा में बदलाव, परिचालन संबंधी उत्कृष्टता, बुनियादी ढांचे की स्थिरता और निर्बाध माल ढुलाई के प्रति आईडब्ल्यूएआई की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये पहल भारत के अंतर्देशीय जल परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने और एक हरित, अपेक्षाकृत अधिक कुशल एवं समेकित मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम से संबंधित राष्ट्र के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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पीके/ केसी/ आर /डीए


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