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आयुष मंत्रालय ने 3 से 5 नवंबर 2025 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले उभरते विज्ञान क्षेत्र, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी) 2025 के लिए पूर्वावलोकन संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया


ईएसटीआईसी 2025 भारत के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान और आधुनिक प्रौद्योगिकियों के अभिसरण को दर्शाता है

Posted On: 31 OCT 2025 5:37PM by PIB Delhi

आयुष मंत्रालय ने 3 से 5 नवंबर 2025 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी) 2025 के बारे में आज नई दिल्ली के जनकपुरी स्थित केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी ने की। उन्होंने ईएसटीआईसी 2025 में मंत्रालय की भागीदारी पर एक वीडियो भी प्रदर्शित किया।

पूर्वालोकन कार्यक्रम में श्रीमती अलरमेलमंगई डी. ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ईएसटीआईसी 2025 एक प्रमुख राष्ट्रीय पहल है जो भारत की वैज्ञानिक भावना और सहयोग शक्ति का आयोजन है। उन्होंने कहा कि ईएसटीआईसी 2025 केवल आयोजन भर नहीं बल्कि भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को प्रतिबिंबित करता है कि कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मिलकर स्वस्थ और संवहनीय भविष्य निर्मित कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा‍ कि आयुष मंत्रालय को स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी के विषयगत क्षेत्र में योगदान देने पर गर्व है जो भारत के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान और अत्याधुनिक तकनीक के विशिष्ट संगम का प्रतिनिधित्व करता है।

संयुक्त सचिव ने कहा कि भारत के स्वास्थ्य सेवा तंत्र में व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि जब बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित डायग्नोस्टिक्स और सटीक चिकित्सा प्रगति आधुनिक स्वास्थ्य सेवा को नया रूप दे रही है, वहीं दुनिया एक बार फिर निवारक और समग्र स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद और अन्य आयुष प्रणालियों की ओर रुख कर रही है। ये सभी उपाय मिलकर भारत और दुनिया के लिए स्वास्थ्य सेवा को नए सिरे से परिभाषित कर सकते हैं।

उन्‍होंने कहा कि प्रौद्योगिकी एकीकरण में आयुष मंत्रालय ने अपनी आयुष ग्रिड पहल द्वारा डिजिटल प्लेटफार्मों का एक व्यापक समूह विकसित किया है जो पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा को नागरिक-केंद्रित और वैश्विक रूप से जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तित कर रहा है। प्रमुख प्रणालियों में कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए आयुष अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (ए-एचएमआईएस), डिजिटल शिक्षा और छात्र जीवनचक्र प्रबंधन के लिए ई-लर्निंग प्रबंधन प्रणाली (ई-एलएमएस), कार्यस्थल कल्याण के लिए वाई-ब्रेक ऐप, समग्र योग-संबंधी संसाधनों के लिए योग पोर्टल, और दवा नियमन और रोगी सुरक्षा के लिए ई-औषधि और आयुष सुरक्षा शामिल हैं। आयुष अनुसंधान पोर्टल, क्लिनिकल केस रिपॉजिटरी, आयुसॉफ्ट और नमस्ते पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्म देश भर में अनुसंधान, नैदानिक ​​दस्तावेज़ीकरण और मानकीकरण प्रयासों को सुदृढ़ कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से विकसित एमयोग ऐप और आयुष ग्लोबल पोर्टल जैसे उपकरणों द्वारा अपनी वैश्विक पहुंच विस्‍तारित की है, जबकि पीएम गतिशक्ति आयुष एसेट मैपिंग टूल पूरे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की योजना और निगरानी में सहायता प्रदान कर रहा है। मंत्रालय अपने डिजिटल दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, पूर्वानुमान विश्लेषण, स्‍वास्‍थ्‍य जानकारी, व्यक्तिगत सिफारिशों और वास्तविक समय निगरानी के लिए एआई-आधारित प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहा है - जिससे डेटा-संचालित, नवाचार-आधारित और वैश्विक मान्यता प्राप्त आयुष डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र स्‍थापित करने के मिशन को बल मिल रहा है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए (एवाई) सलाहकार डॉ. ए. रघु ने कहा कि ईएसटीआईसी 2025 भारत-केंद्रित नवाचारों, पॉइंट-ऑफ-केयर डायग्नोस्टिक्स, बायोमेडिकल तकनीकों और एकीकृत स्वास्थ्य सेवा समाधानों को रेखांकित करने का ष्ट्रीय मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि ईएसटीआईसी में हमारी भागीदारी आत्मनिर्भर, नवाचार-संचालित और वैश्विक स्‍तर पर मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की मंत्रालय की प्रतिबद्धता दर्शाती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकियों पर मंत्रालय का समर्पित सत्र दर्शाएगा कि पारंपरिक प्रणालियां आधुनिक बायोमेडिकल अनुसंधान के साथ तालमेल से भविष्य के लिए मापनीय स्वास्थ्य नवाचार विकसित कर सकती हैं।

आयुष मंत्रालय के संयुक्त सलाहकार (स्वास्थ्य) डॉ. श्रीनिवास राव चिंता ने ईएसटीआईसी 2025 में मंत्रालय की भागीदारी पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रौद्योगिकी के विषयगत मुद्दे के अंतर्गत इसके प्रमुख क्षेत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने ज़ोर दिया कि सम्‍मेलन के दौरान आयुष मंडप और तकनीकी सत्रों में नवीन अनुसंधान मॉडल, एकीकृत स्वास्थ्य सेवा ढांचे और पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक वैज्ञानिक नवाचार से जोड़ने वाली सहयोगी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।

ईएसटीआईसी 2025 में भागीदार मंत्रालय के तौर पर आयुष मंत्रालय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रौद्योगिकी पर समर्पित सत्र में भाग लेगा, जो एकीकृत और नवाचार-संचालित स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता रेखांकित करता है। 4 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले इस सत्र की सह-अध्यक्षता आयुष मंत्रालय सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग सचिव एवं आईसीएमआर महानिदेशक डॉ. राजीव बहल करेंगे। यह पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ने और अनुसंधान, उद्योग और नवाचार पारिस्थितिकी प्रणालियों में सहयोग को बढ़ावा देने में भारत के बढ़ते नेतृत्व को दर्शाएगा।

इस सत्र में यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान - आईएलबीएसका के निदेशक डॉ. शिव कुमार सरीन का मुख्य संबोधन होगा, जिसके बाद बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की प्रो. गगनदीप कांग,आईटीआरए जामनगर की प्रो. तनुजा नेसारी और एससीटीआईएमएसटी, तिरुवनंतपुरम के सीवी मुरलीधरन के संबोधन होंगे। आंध्र प्रदेश मेडटेक ज़ोन के प्रबंध निदेशक और संस्थापक-सीईओ डॉ. जितेंद्र शर्मा द्वारा संचालित एक पैनल परिचर्चा में पारंपरिक प्रणालियों और आधुनिक जैव चिकित्सा तकनीकों के एकीकरण पर चर्चा की जाएगी।

ईएसटीआईसी 2025 का आयोजन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मार्गदर्शन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जाता है। ईएसटीआईसी 2025 3 से 5 नवंबर 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा जिसका उद्देश्य भारत के नवाचार-आधारित विकास में तेजी लाने और विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए सरकार, शिक्षा, उद्योग, स्टार्ट-अप और नागरिक समाज के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना है।

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