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राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन
“भारत में उपभोक्ता संरक्षण की अग्रिम पंक्ति”
Posted On:
16 OCT 2025 12:51PM by PIB Delhi

परिचय


ये सिर्फ़ सफलता की एकाध कहानियां नहीं हैं, बल्कि इस बात के स्पष्ट उदाहरण हैं कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन किस तरह आम नागरिकों के लिए जीवन रेखा का काम करती है। हेल्पलाइन उपभोक्ता मामलों के विभाग की एक प्रमुख पहल है जो उपभोक्ताओं का मार्गदर्शन करती है, शिकायतों का समाधान करती है और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करती है। यह consumerhelpline.gov.in पोर्टल के माध्यम से संचालित होता है और एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र के रूप में कार्य करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म उपभोक्ताओं, सरकारी एजेंसियों, नियामकों, लोकपालों, कंपनियों और कॉल सेंटरों को एक ही सिस्टम पर लाता है।
इस व्यवस्था के माध्यम से, उपभोक्ता ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं और सुनवाई से पहले के चरण में ही समाधान प्राप्त कर सकते हैं। यदि वे संतुष्ट नहीं होते हैं, तो उनके पास उपभोक्ता आयोगों से संपर्क करने का विकल्प भी है। यह पोर्टल नागरिकों को उनके अधिकारों की रक्षा करते हुए उनकी ज़िम्मेदारियों के बारे में जानकारी देने के लिए एक ज्ञानवर्धक मंच के रूप में भी कार्य करता है।
उपभोक्ता शिकायत निवारण में प्रगति
तकनीक का लाभ उठाने से हेल्पलाइन की पहुंच और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कॉल की संख्या दस गुना से भी ज़्यादा बढ़ गई है। कॉल की संख्या दिसंबर 2015 में 12,553 से बढ़कर दिसंबर 2024 में 1,55,138 हो गई है। वर्तमान में इस प्लेटफ़ॉर्म पर प्रति माह एक लाख से अधिक शिकायतें बढ़ते उपभोक्ता विश्वास को दर्शाता है। मासिक शिकायत पंजीकरण की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2025 में 1,70,585 हो गई है। डिजिटल माध्यमों की शुरुआत के साथ, हेल्पलाइन पर लगभग 65 प्रतिशत उपभोक्ता शिकायतें ऑनलाइन और डिजिटल माध्यमों से दर्ज की जाती हैं। व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो मार्च 2023 में 3 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 में 20 प्रतिशत हो गई है।


राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने जुलाई 2025 में 27 विभिन्न क्षेत्रों में 7,256 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान करके 2.72 करोड़ रुपये के कुल रिफंड की सफलतापूर्वक सुविधा प्रदान की। अप्रैल 2025 में 1079 उपभोक्ता शिकायतों के निपटारे के साथ 62 लाख रुपये की कुल रिफंड प्रदान की गई थी। जुलाई 2025 के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र में रिफंड से संबंधित शिकायतों की सबसे बड़ी संख्या थी। इसमें 3,594 मामलों के परिणामस्वरूप 1.34 करोड़ रुपये की रिफंड हुई। यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में रिफंड की राशि 31 लाख रुपये थी।
कन्वर्जेंस पहल के तहत, कंपनियां स्वैच्छिक और निःशुल्क आधार पर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के साथ साझेदारी करती हैं ताकि ग्राहकों की शिकायतों का शीघ्र और सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित किया जा सके। शिकायतें तुरंत भेजी जाती हैं और कंपनियों से 30 दिनों के भीतर जवाब देने की अपेक्षा की जाती है।
अभिसरण भागीदारों की संख्या 2017 में 263 से बढ़कर सितंबर, 2025 तक 1,142 कंपनियों तक पहुंच गई है। इससे समय पर शिकायत निवारण के लिए सहयोगी तंत्र मजबूत हुआ है।
एनसीएच के साथ साझेदारी करने से कई लाभ
- कम्पनियां उपभोक्ताओं की शिकायतों का सक्रियतापूर्वक समाधान कर सकती हैं, जिससे विवादों को बढ़ने से रोका जा सकता है।
- यह दृष्टिकोण तीव्र एवं पारस्परिक रूप से संतोषजनक समाधान को संभव बनाता है, जिससे ग्राहक और कंपनी दोनों को लाभ होता है।
- यह बेहतर सेवा के माध्यम से ग्राहक प्रतिधारण में सुधार और वफादारी बनाने में मदद करता है।
- भागीदारी मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन को बढ़ावा देती है और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है।


राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन छात्रों को धन वापसी संबंधी विवादों में सशक्त बनाती है
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने फरवरी 2025 तक 1.56 करोड़ रुपये का रिफंड सुरक्षित कर लिया है। कोचिंग सेंटरों द्वारा रिफंड की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के बाद, सिविल सेवा, इंजीनियरिंग और अन्य पाठ्यक्रमों में नामांकित 600 से ज़्यादा छात्रों के लिए यह कदम उठाया गया। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के माध्यम से की गई इस कार्रवाई से अधूरी सेवाओं, रद्द की गई कक्षाओं और अनुचित व्यवहार जैसे मुद्दों का समय पर समाधान सुनिश्चित हुआ। साथ ही कोचिंग संस्थानों के लिए पारदर्शी, छात्र-हितैषी रिफंड नीतियां अपनाना भी अनिवार्य हो गया।
एनसीएच को अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों, 2025 के साथ एकीकृत किया
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन को अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार, 2025 के साथ एकीकृत किया है। सुधारों को सितंबर 2025 में केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में अनुमोदित किया गया था। ये प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2025 के संबोधन में उल्लिखित दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। 22 सितंबर 2025 से संशोधित जीएसटी शुल्क, दरें और छूट लागू होने के बाद उपभोक्ताओं के प्रश्नों और शिकायतों में संभावित वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए, INGRAM पोर्टल पर एक समर्पित श्रेणी बनाई गई है। इस श्रेणी में ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं, ई-कॉमर्स, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स और अन्य जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं, जहां उपभोक्ता सीधे जीएसटी संबंधी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार 2025 के कार्यान्वयन के बाद से, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर 2 अक्टूबर 2025 तक जीएसटी मुद्दों से संबंधित 3,981 कॉल दर्ज की गई। इनमें से 31 प्रतिशत प्रश्न थे और 69 प्रतिशत औपचारिक शिकायतें थीं, जिन पर आगे की कार्रवाई के लिए विचार किया गया।

कुल शिकायतों में से 1,992 शिकायतों को आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भेज दिया गया है, जबकि 761 शिकायतों को सीधे समाधान के लिए संबंधित कन्वर्जेंस पार्टनर कंपनियों को तत्काल भेज दिया गया है।
कई ऐसे प्रमुख क्षेत्र उभरे हैं, जहां उपभोक्ता जीएसटी परिवर्तनों के बाद स्पष्टता और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं:
- शिकायतों का एक बड़ा हिस्सा दूध की कीमतों से संबंधित था। कई उपभोक्ता एनसीएच पहुंचे। उनका मानना था कि दूध कंपनियों को संशोधित जीएसटी दरों के मद्देनजर दूध की कीमतें कम करनी चाहिए, लेकिन उन्हें स्पष्ट किया गया कि ताज़ा दूध पहले से ही जीएसटी से मुक्त है और अब यूएचटी दूध को भी छूट दे दी गई है।
- शिकायतों का एक और बड़ा समूह ऑनलाइन खरीदे गए इलेक्ट्रॉनिक सामानों से संबंधित था। उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि जीएसटी में कटौती के बावजूद कोई लाभ नहीं दिया गया। जांच में यह बात सामने आई कि दरों में कटौती (28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत) टीवी, एसी, मॉनिटर और डिशवॉशर जैसी वस्तुओं पर लागू होती है, जबकि लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन जैसी कुछ वस्तुओं पर पहले से ही 18 प्रतिशत कर लगता था।
- घरेलू रसोई गैस सिलेंडर को लेकर भी शिकायतें आई। लोगों ने कहा कि कीमतें कम नहीं हुई हैं। यह स्पष्ट किया गया कि घरेलू रसोई गैस पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत ही रहेगी।
- कुछ शिकायतें पेट्रोल की कीमतों को लेकर थीं, जहां लोगों को कीमतों में कटौती की उम्मीद थी। हालांकि पेट्रोल पूरी तरह से जीएसटी व्यवस्था से बाहर है।
जीएसटी से संबंधित शिकायत रिपोर्टिंग के पहले सप्ताह से पता चलता है कि उपभोक्ता निवारण प्रणाली में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं, जो उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा स्थापित तंत्र में बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।
कोई व्यक्ति अपनी शिकायत कैसे दर्ज करा सकता है?
उपभोक्ता विभिन्न माध्यमों से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं:
- टोल-फ्री नंबर 1800 11 4000 पर कॉल करें और सीधे एजेंट से बात करें। टोल-फ्री नंबर 1915 के जरिए 17 भाषाओं में शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं।
- consumerhelpline.gov.inपोर्टल पर पंजीकरण करें। एक बार साइन-अप और ईमेल सत्यापन के बाद, एक यूज़र आईडी और पासवर्ड बनाया जाएगा। इन क्रेडेंशियल्स के साथ, उपभोक्ता लॉग इन कर सकते हैं, शिकायत दर्ज कर सकते हैं और सहायक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं।
- 8800001915 पर एसएमएस भेजें और टीम उपभोक्ता से संपर्क करेगी।
- शिकायत दर्ज करने के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करें।
- एनसीएच मोबाइल ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करें।
- उमंग ऐप पर सेवा का उपयोग करें।
इसके अलावा, एक समर्पित फीडबैक तंत्र https://consumerhelpline.gov.in/public/feedback शुरू किया गया है, जो उपभोक्ताओं को सुझाव साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्राप्त फीडबैक की व्यवस्थित रूप से समीक्षा और विश्लेषण किया जाता है, जो उपभोक्ता की आवश्यकताओं के अनुरूप निरंतर सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में कार्य करता है।

निष्कर्ष
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और निष्पक्ष व्यावसायिक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में अपनी पहचान बनाई है। समय पर शिकायत निवारण प्रदान करके, उपभोक्ताओं, कंपनियों और अधिकारियों के बीच सहयोग को सुगम बनाकर और अधिक दक्षता के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, एनसीएच व्यक्तियों को लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के बिना न्याय पाने में सक्षम बनाता है। इसका सक्रिय दृष्टिकोण पारदर्शिता को मज़बूत करता है, व्यवस्था में विश्वास पैदा करता है और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देता है, जिससे यह भारत के उपभोक्ता संरक्षण ढांचे में एक अनिवार्य उपकरण बन जाता है।
संदर्भ
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन
https://consumerhelpline.gov.in/public/about
https://consumerhelpline.gov.in/public/convergenceprogram
https://consumerhelpline.gov.in/public/dashboard/refundReport?from=2025-04-01&to=2025-04-30
पीआईबी प्रेस विज्ञप्ति
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2159698
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2168858
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2105466
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2174242
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