सहकारिता मंत्रालय
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी कारखाने की विस्तारित क्षमता का लोकार्पण और पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल जी व पद्मभूषण बालासाहेब विखे पाटिल जी की प्रतिमाओं का अनावरण किया
शिवाजी महाराज के अनुयायी ही औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और अहमदनगर का नाम अहिल्यानगर रख सकते हैं, औरंगजेब के अनुयायियों में इतनी हिम्मत नहीं है
मोदी सरकार सहकारी गन्ना मिलों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाकर किसान कल्याण का कार्य कर रही है
पद्मश्री पाटिल ने पहली कोऑपरेटिव चीनी मिल शुरू की, जिसके कारण न केवल महाराष्ट्र, बल्कि अनेक राज्यों के किसान समृद्ध हुए
चीनी मिलों का मुनाफा व्यापारियों के घर में जाने के बजाय किसानों के पास जाने की व्यवस्था के पुरोधा पद्म श्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल जी थे
डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल ने कोऑपरेटिव को मज़बूत किया और शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में कोऑपरेटिव के मुनाफे से विकास की नई परंपरा शुरू की
सहकारी चीनी मिलें मल्टी-डाइमेंशनल बनें और नॉन-क्रशिंग सीज़न में भी मल्टीफीड इथेनॉल का उत्पादन, फ्रोज़न सब्जी, फ्रूट पल्प आदि बनाने के लिए विस्तार करें
मोदी सरकार ने वर्ष 2025-26 में वर्षा से प्रभावित महाराष्ट्र को 3,132 करोड़ रुपये, प्रदेश सरकार ने 2,215 करोड़ रुपये, 10,000 रुपये नगद, 35 किलो खाद्यान्न प्रदान किया, जिससे 31 लाख से अधिक किसानों को मदद मिल रही है
Posted On:
05 OCT 2025 5:29PM by PIB Delhi
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में प्रवर चीनी फैक्ट्री की विस्तारित क्षमता का लोकार्पण और पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल जी व पद्मभूषण बालासाहेब विखे पाटिल जी की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे और श्री अजित पवार और केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री मुरलीधर मोहोल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इससे पहले केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने शिरडी साईं धाम में साईं बाबा के दर्शन कर सभी देशवासियों की सुख और समृद्धि की कामना की।

अहिल्यानगर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज के अनुयायी ही औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और अहमदनगर का नाम अहिल्यानगर रख सकते हैं, औरंगजेब के अनुयायियों में इतनी हिम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार महाराष्ट्र में किसानों की 60 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि और फसल भारी वर्षा से बरबाद हो गई है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में केन्द्र के शेयर के तहत 3,132 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को दिए गए हैं, जिसमें से 1631 करोड़ रुपये मोदी सरकार ने अप्रैल माह में ही दे दिए थे। श्री शाह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की श्री देवेन्द्र फडणवीस, श्री एकनाथ शिंदे और श्री अजित पवार की त्रिमूर्ति ने भी किसानों की मदद के लिए कई सारी पहल की हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 2215 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया जिससे 31 लाख से अधिक किसानों को मदद मिली। श्री शाह ने कहा कि 10 हज़ार रूपए नकद और 35 किलो खाद्यान्न देने का इनीशियेटिव भी महाराष्ट्र सरकार ने लिया। उन्होंने कहा कि शॉर्ट टर्म फायनांस के ऋण की वसूली पर रोक लगाई, भूराजस्व और स्कूली परीक्षा में भी छुट्ट दी गई। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी की ओर से वे महाराष्ट्र सरकार को आश्वस्त करते है कि राज्य सरकार एक डिटेल्ड रिपोर्ट भेज दे और प्रधानमंत्री मोदी जी महाराष्ट्र के किसानों की मदद करने में ज़रा भी देरी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सब इसीलिए संभव हुआ है क्योंकि महाराष्ट्र की जनता ने किसानों की चिंता करने वाली सरकार चुनी है।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज यहां पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल जी और पद्मभूषण बालासाहेब विखे पाटिल जी की आदमकद प्रतिमाओं का अनावरण हुआ है। पद्मश्री विखे पाटिल जी ने अपना पूरा जीवन इस क्षेत्र और पूरे महाराष्ट्र के किसानों के कल्याण में लगा दिया। उन्होंने कहा कि डॉ विट्ठलराव विखे पाटिल जी भारत के सहकारिता के आदिपुरुषों में से एक थे। महाराष्ट्र के सहकारिता के इतिहास में पद्म श्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल, धनंजय राव गाडगिल और बैकुंठ भाई मेहता की त्रिमूर्ति ने राज्य में सहकारिता की नींव डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पद्मश्री पाटिल ने पूरी दुनिया में एक प्रकार से सबसे पहली कोऑपरेटिव चीनी मिल शुरू करने का काम किया और इसके कारण न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के किसान समृद्ध हुए। श्री शाह ने कहा कि चीनी मिलों का मुनाफा व्यापारियों के घर में जाने के बजाय किसानों के बैंक अकाउंट में जाने की व्यवस्था के पुरोधा पद्म श्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल जी थे।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि पद्म श्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल के ही सुपुत्र डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल ने न सिर्फ कोऑपरेटिव को मज़बूत किया बल्कि कोऑपरेटिव इंस्टीट्यूट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में कोऑपरेटिव के मुनाफे से विकास करने की नई परंपरा शुरू की। आठ दशकों से अधिक लंबे अपने जीवन में वे 7 बार सांसद चुनकर आए और उन्होंने अटल जी की सरकार में काम भी किया। श्री शाह ने कहा कि उनके इनिशियेटिव से भारतीय रिज़र्व बैंक ने माधोपुरा मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक को एक रिवाइवल पैकेज दिया जिसके कारण गुजरात के 225 कोऑपरेटिव बैंक को बचाया जा सका था। उन्होंने कहा कि इन दोनों विभूतियों का सहकारिता, ग्रामीण विकास और किसानों के कल्याण में बहुत बड़ा योगदान रहा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी मिल का नवीनीकरण भी हुआ है। उन्होंने कहा कि जब 1950-51 में इस मिल की स्थापना हुई तब इसकी क्षमता 500 टन गन्ना प्रतिदिन प्रोसेस करने की थी जो आज बढ़कर 7200 टन गन्ना प्रतिदिन हो गई है। आने वाले समय में इसकी प्रोसेसिंग क्षमता 7200 टन से बढ़कर 15 हज़ार टन गन्ना प्रतिदिन हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी जी ने सहकारिता मंत्रलाय की स्थापना की तब सहकारिता क्षेत्र में सहकारी चीनी मिलों को मज़बूत करने के लिए राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम (NCDC) की योजना आई और जो अच्छे यूनिट्स थे उन्हें फाइनेंस किया गया, जिनमें से आज डॉ, विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी मिल का विस्तारीकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस चीनी मिल का अल्कोहल डिस्टिलेशन संयंत्र 15 किलोलीटर प्रति दिन की क्षमता से बढ़कर 92 किलोलीटर प्रति दिन का हो गया है और इसकी क्षमता बढ़ाकर 240 किलोलीटर प्रति दिन करने की अनुमति दे दी गई है। इसी प्रकार, इथेनॉल संयंत्र 20 किलोलीटर प्रति दिन का था जो अब 150 किलोलीटर प्रति दिन का हो गया है, बायोगैस प्लांट की क्षमता 12 हज़ार क्यूबिक मीटर प्रतिदिन थी, जो अब 30 हज़ार क्यूबिक मीटर प्रतिदिन हो गई है। साथ ही, कोजेनेरेशन प्लांट की क्षमता 30 मेगावॉट से बढ़कर 68 मेगावॉट तक पहुंच गई है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में चीनी मिलों की संख्या में 67 की वृद्धि हुई है, चीनी उत्पादन में 10 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोत्तरी हुई है। डिस्टलरी 2 गुना बढ़ी है, इथेनॉल उत्पादन क्षमता 5 गुना और इसकी आपूर्ति 10 गुना बढ़ी है। इसके अलावा पेट्रोल में इथेनॉल की ब्लेंडिंग 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारी कोऑपरेटिव चीनी मिलों को कितना बड़ा फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सबसे बड़ा काम किसानों का 10 हज़ार करोड़ से अधिक का आयकर माफ करने का किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मोदी जी ने टैक्स सेटलमेंट में कोऑपरेटिव सेक्टर को कॉरपोरेट्स के समान स्थान दिलाया। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस पहल से अब सहकारी चीनी मिलों पर हर साल 4400 करोड़ रूपये का बोझ नहीं आएगा।
श्री अमित शाह ने सहकारिता चीनी मिलों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने इथेनॉल संयंत्र को मल्टीफीड इथेनॉल संयंत्र बनाएं और इसके अंदर सब्ज़ियों के कचरे, मक्का और चावल से इथेनॉल बनाने की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए ज़रूरी वित्तीय सहायता NCDC द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने इथेनॉल खरीदी में सभी कोऑपरेटिव्स को प्राथमिकता दी है। इसी प्रकार, मोदी सरकार ने NCDC की ऋण योजना से 10 हज़ार करोड़ रूपए हमने प्रदान किए हैं और शीरा पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रा ने कहा कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी जी ने 395 चीज़ों पर जीएसटी को कम किया है जिनमें खाने पीने की लगभग सभी चीज़ों पर शून्य करने से देश की जनता, विशेषकर माताओं बहनों, को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देशवासियों से आह्वान किया है कि हम सब दीपावली पर संकल्प लें कि हम सबके घर में कोई विदेशी चीज़ नहीं आएगी। श्री शाह ने कहा कि अगर 140 करोड़ भारतवासी यह संकल्प लेते हैं कि हम सिर्फ भारत में बनी चीज़ें उपयोग करेंगे तो 2047 से पहले ही भारत विश्व में सर्वोच्च स्थान पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनियाभर के लोगों को उत्पादन के लिए भारत आना पड़ेगा क्योंकि हमारे पास 140 करोड़ लोगों का बाज़ार है।
श्री अमित शाह ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को नॉन-क्रशिंग सीज़न में भी मल्टीफीड इथेनॉल का उत्पादन करना चाहिए, फ्रोज़न सब्जी, फल, जूस, फ्रूट पल्प आदि बनाने के लिए भी विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि NAFED और NCCF के साथ अनुबंध कर सहकारी चीनी मिलों को मल्टीडायमेंशनल बनाने की ज़रूरत है।
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