सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति केंद्र का विशाल सम्मेलन 17 सितंबर को बोधगया में
बिहार में 2000 से अधिक कारीगरों के साथ भव्य प्रधानमंत्री विश्वकर्मा वर्षगांठ सम्मेलन का आयोजन, ऋण और टूलकिट वितरण
केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी बिहार में मेगा कॉन्क्लेव के साथ प्रधानमंत्री विश्वकर्मा की दूसरी वर्षगांठ मनाएंगे
Posted On:
16 SEP 2025 9:30PM by PIB Delhi
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार 17 सितंबर 2025 को बिहार के बोधगया स्थित अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति हब मेगा कॉन्क्लेव' का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री जीतन राम मांझी कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे और केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। बिहार सरकार उद्योग विभाग मंत्री श्री नीतीश मिश्रा, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग मंत्री श्री जनक राम भी इस विशाल सम्मेलन की शोभा बढ़ाएँगे।
एमएसएमई मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी, डीसीएमएसएमई कार्यालय, केवीआईसी, एनएसआईसी और बिहार सरकार इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, एनएसएसएच और पीएमईजीपी के 2000 से अधिक लाभार्थी शामिल होंगे। कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों की प्रदर्शनी और प्रदर्शन/बिक्री के लिए दो दिनों तक 100 स्टॉल लगाए जाएँगे। इसके अलावा प्रतिभागियों को सहायता प्रदान करने के लिए मार्केटिंग, ब्रांडिंग, पैकेजिंग पर तकनीकी सत्र भी आयोजित किए जाएँगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की। इसका उद्देश्य 18 क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना है ताकि उन्हें सफल उद्यमी बनाया जा सके। योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों को मान्यता, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता जैसे लाभ प्रदान किए जाते हैं।
दो वर्षों के भीतर तीन चरणों के सत्यापन के बाद प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 30 लाख लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया है। इस योजना का शत प्रतिशत पंजीकरण लक्ष्य है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा एनएसडीसी के माध्यम से 22 लाख 70 हज़ार से अधिक विश्वकर्माओं को बुनियादी कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
इसके अलावा, 5 लाख विश्वकर्माओं को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की गई है। इसकी कुल राशि 4,166 करोड़ रुपये है। इसके अलावा भारतीय डाक ने उनके घर तक 8 लाख टूलकिट पहुँचाए हैं।
बिहार में कुल 1.62 लाख लाभार्थियों ने तीन चरणों का सत्यापन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। 1.05 लाख को बुनियादी कौशल प्रशिक्षण दिया गया है, 18,769 लाभार्थियों को 161.3 करोड़ रुपये के रियायती ऋण प्राप्त हुए हैं और 29 हज़ार विश्वकर्माओं को भारतीय डाक के माध्यम से उनके घर पर आधुनिक टूलकिट प्राप्त हुए हैं।
इसके अलावा समावेशी विकास के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अक्टूबर 2016 में 'राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति हब (एनएसएसएच) योजना' शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति-जनजाति उद्यमियों की क्षमता को बढ़ाना और उन्हें सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सशक्त बनाना तथा अनुसूचित जाति-जनजाति सूक्ष्म और लघु उद्यमों से 4 प्रतिशत सार्वजनिक खरीद के अनिवार्य लक्ष्य को पूरा करना था। कौशल/क्षमता निर्माण, बाजार संपर्क, वित्तीय सुविधा, निविदा बोली भागीदारी आदि में अनुसूचित जाति/जनजाति के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं। इस योजना के अंतर्गत 1.5 लाख से अधिक अनुसूचित जाति/जनजाति लाभान्वित हुए हैं। इस योजना के कारण अनुसूचित जाति/जनजाति सूक्ष्म और लघु उद्यमों से सार्वजनिक खरीद में 36 गुना वृद्धि हुई है।
इस मेगा कॉन्क्लेव में पीएम विश्वकर्मा को ऋण प्रमाणपत्र और टूलकिट वितरित किए जाएँगे, ग्रामोद्योग विकास योजना (जीवीवाई) के लाभार्थियों को सिलाई मशीनें वितरित की जाएँगी और पीएमईजीपी लाभार्थियों को ऋण वितरित किए जाएँगे। कॉन्क्लेव में पीएम विश्वकर्मा मार्केटिंग समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी होगा। यह कारीगरों और शिल्पकारों के लिए बेहतर बाज़ार अवसर प्रदान करने हेतु एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
यह मेगा कॉन्क्लेव महत्वाकांक्षी और वर्तमान उद्यमियों को अपने क्षितिज का विस्तार करने के लिए एक संवादात्मक मंच प्रदान करेगा। बिहार के अन्य जिलों तथा आसपास के राज्यों से पीएम विश्वकर्मा, पीएमईजीपी और एनएसएसएच के अंतर्गत बड़ी संख्या में लाभार्थियों के इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है।
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पीके/केसी/एसके
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