स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा ने दिल्ली और एनसीआर में डेंगू की तैयारियों पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
"जन भागीदारी के माध्यम से जन चेतना": श्री नड्डा ने डेंगू नियंत्रण में सामुदायिक भूमिका पर बल दिया
राज्यों से विशेष रूप से दीर्घकालिक बरसात के मौसम और कुछ क्षेत्रों में जलभराव को देखते हुए अपनी तैयारियों का पुनर्मूल्यांकन करने का आग्रह किया
राज्यों को वेक्टर नियंत्रण तेज करने, दिल्ली और एनसीआर में निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया को मजबूत बनाने की सलाह दी गई
अस्पतालों की तैयारी, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और सामुदायिक सहभागिता डेंगू की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण: श्री जेपी नड्डा
Posted On:
15 SEP 2025 9:30PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव, दिल्ली नगर निगम के महापौर श्री राजा इकबाल सिंह और गाजियाबाद नगर निगम की महापौर श्रीमती सुनीता दयाल भी शामिल हुईं।

यह बैठक महामारी की स्थिति, नगर निकायों, अस्पतालों और राज्य सरकारों की तैयारियों की व्यापक समीक्षा करने और निगरानी, मामले प्रबंधन एवं वेक्टर नियंत्रण में कमियों की पहचान करने के लिए आयोजित की गई थी। बैठक में अत्यधिक वर्षा, लंबे समय तक मानसून से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने और केंद्र, राज्य तथा स्थानीय अधिकारियों के बीच अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया गया।
एक प्रस्तुति में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को देश भर में डेंगू की स्थिति और तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। वर्ष 2024 के दौरान, देश भर में डेंगू के कुल 2,33,519 मामले और 297 मृत्यु दर्ज की गईं। वर्ष 2025 (31 अगस्त तक) में 49,573 मामले और 42 मृत्यु दर्ज की गईं। दिल्ली में इस वर्ष 31 अगस्त तक 964 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1,215 मामले सामने आए थे। पड़ोसी एनसीआर राज्यों में, उत्तर प्रदेश से 1,646, हरियाणा से 298 और राजस्थान से 1,181 मामले सामने आए हैं।

श्री नड्डा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डेंगू के मामले फिलहाल कम हैं, फिर भी उन्होंने राज्यों को मामलों में संभावित वृद्धि के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी। उन्होंने राज्यों से विशेष रूप से लंबे समय तक चलने वाले बरसात के मौसम और कुछ इलाकों में जलभराव को देखते हुए अपनी तैयारियों का पुनर्मूल्यांकन करने का आग्रह किया।
उन्होंने राज्यों से किसी भी संभावित महामारी का पूर्वाभास करने और अपनी तैयारी को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करके उसके लिए सक्रिय रूप से तैयार रहने का भी आग्रह किया। एक व्यापक सूचना एवं संचार अभियान के महत्व पर बल देते हुए, उन्होंने समुदाय में डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नवीन रणनीतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, जैसे कि स्कूलों, श्रमिक शिविरों और डेंगू-प्रवण क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाना। "जन भागीदारी के माध्यम से जन चेतना" के संदेश का उल्लेख करते हुए, उन्होंने राज्यों से वार्ड आयुक्तों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) को जागरूकता और रोकथाम के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल करने का आह्वान किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डेंगू की तैयारियों को मज़बूत करने के लिए कई प्रमुख कार्य क्षेत्रों के निर्देश दिए। उन्होंने स्रोत में कमी लाकर वेक्टर नियंत्रण को तेज़ करने पर ज़ोर दिया, जिसमें बाढ़ का पानी कम होने पर वर्षा आधारित कंटेनरों को हटाना या उनका उपचार करना, और बुखार के बढ़ते मामलों वाले क्षेत्रों में कीटनाशकों का छिड़काव शामिल है। हॉटस्पॉट की पहचान के लिए कीट विज्ञान निगरानी को मज़बूत करने और सभी प्रभावित क्षेत्रों में बुखार की निगरानी को तेज़ करने पर भी बल दिया गया।
श्री नड्डा ने समर्पित वार्ड, पर्याप्त बिस्तर, रक्त घटक, निदान, दवाइयां और कीटनाशक उपलब्ध कराकर अस्पतालों की तैयारी सुनिश्चित करने और सेंटिनल सर्विलांस अस्पतालों (एसएसएच) के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक और निजी अस्पतालों को भी सतर्क करने का आह्वान किया। तत्काल निवारक कार्रवाई के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (रैपिड रिस्पांस टीम) तैयार रखने सहित एक त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करने पर बल दिया गया। इसके अतिरिक्त, निजी अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों से आईएचआईपी-वीबीडी के मामलों की समय पर रिपोर्टिंग और प्रकोपों और प्रतिक्रियाओं पर नज़र रखने के लिए दैनिक जिला-स्तरीय समीक्षा बैठकें आयोजित करना अनिवार्य किया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रभावी स्वच्छता और वेक्टर नियंत्रण अभियान सुनिश्चित करने के लिए नगर निकायों, रेलवे, स्थानीय सरकारी संस्थानों, आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई विभागों, गैर-सरकारी संगठनों और राज्य स्वास्थ्य विभागों के बीच अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को सुदृढ़ करने के महत्व को भी रेखांकित किया। आगामी "स्वस्थ नारी सशक्त परिवार" अभियान के दौरान, सूचना और संचार (आईईसी) गतिविधियों के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने का भी आग्रह किया गया ताकि समय पर और पारदर्शी रूप से जानकारी दी जा सके, मच्छरदानी और पूरी बाजू के कपड़ों के उपयोग जैसे निवारक उपायों को बढ़ावा दिया जा सके, और जागरूकता अभियानों के लिए स्कूलों, आरडब्ल्यूए, बाज़ार संघों, सामुदायिक प्रमुकों, स्वयं सहायता समूहों और युवा क्लबों का उपयोग किया जा सके।
बैठक में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डेंगू की तैयारियों का समेकित मूल्यांकन किया गया, रोकथाम, प्रकोप प्रतिक्रिया और वेक्टर प्रबंधन के लिए तत्काल कार्रवाई बिंदुओं की पहचान की गई, तथा वर्तमान मौसम के दौरान बढ़े हुए जोखिम के मद्देनजर अस्पताल की तैयारी और निगरानी बढ़ाने के लिए कदमों की समीक्षा की गई।
बैठक में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय रणनीति से भी अवगत कराया गया, जिसे दिल्ली और एनसीआर सहित पूरे देश में लागू किया जा रहा है। 'ऑक्टालॉग' के नाम से जानी जाने वाली यह रणनीति आठ स्तंभों निगरानी, मामले प्रबंधन, वेक्टर प्रबंधन, प्रकोप प्रतिक्रिया, क्षमता निर्माण, व्यवहार परिवर्तन संचार, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और निगरानी एवं पर्यवेक्षण पर आधारित है। यह भी बताया गया कि भारत सरकार पहले ही कई कदम उठा चुकी है, जिनमें सलाह जारी करना, उच्च-स्तरीय समीक्षाएं, केस प्रबंधन पर प्रशिक्षण, निःशुल्क निदान सुविधाओं का प्रावधान, सामुदायिक जागरूकता अभियान, अंतर-मंत्रालयी समन्वय और एनएचएम के तहत वित्तीय सहायता शामिल हैं।
बैठक में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय; संयुक्त सचिव श्री पुष्पेन्द्र राजपूत, उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, दिल्ली के सचिव श्री निखिल कुमार; दिल्ली की विशेष सचिव डॉ. तपस्या राघव; शहरी विकास सचिव श्री विजय कुमार बिधूड़ी; हरियाणा के शहरी विकास सचिव श्री विकास गुप्ता; राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) की निदेशक डॉ. तनु जैन; एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास; दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद के आयुक्त; नोएडा के सीईओ; केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, एनसीआर राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और सफदरजंग आरएमएल तथा एलएचएमसी के अस्पताल प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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