विद्युत मंत्रालय
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उत्तर क्षेत्र की विद्युत कंपनियों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला लखनऊ में आयोजित

विद्युत कंपनियों ने साइबर खतरों का मुकाबला करने के उपाय खोजे

प्रविष्टि तिथि: 12 SEP 2025 5:10PM by PIB Lucknow

उत्तर क्षेत्र की विभिन्न विद्युत कंपनियों के पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता पर एक क्षेत्रीय सम्मेलनएवंकार्यशाला 12 सितंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित की गई।

इस कार्यक्रम का आयोजन कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीमपावर (CSIRT-Power), विद्युत मंत्रालय द्वारा एनटीपीसी लिमिटेड के सहयोग से किया गया, जिसे एनटीपीसी उत्तर क्षेत्र मुख्यालय, लखनऊ द्वारा होस्ट किया गया। यह कार्यक्रम साइबर खतरों के खिलाफ जागरूकता और लचीलापन बढ़ाने के मंत्रालय के प्रयासों का हिस्सा था।

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, एनटीपीसी, पावरग्रिड, एनएचपीसी, टीएचडीसी, एसजेवीएनएल, पीएफसी, एसईसीआई, आरईसी सहित अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र से वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और 150 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रतिनिधियों ने विद्युत क्षेत्र में बढ़ती साइबर सुरक्षा चुनौतियों पर विचारविमर्श किया और साइबर हमलों का पता लगाने, उन्हें रोकने और कम करने में AI जैसी उन्नत तकनीकों की भूमिका पर चर्चा की। कार्यशाला में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और पूरे विद्युत क्षेत्र में तैयारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

इस तरह की पहल के महत्व को उजागर करते हुए, श्री एल.के.एस. राठौर, निदेशक (साइबर सुरक्षा), CSIRT-पावर, विद्युत मंत्रालय ने विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की रणनीतिक महत्ता पर बात की और मजबूत सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सहयोग, प्रशिक्षण और तकनीक-आधारित समाधान की आवश्यकता पर बल दिया ताकि जटिल साइबर हमलों का मुकाबला किया जा सके।

श्री नरेंद्र भूषण, IAS, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, उत्तर प्रदेश सरकार एवं अध्यक्ष, UPNEDA ने राज्य की ऊर्जा अवसंरचना को साइबर खतरों से सुरक्षित बनाने की प्रतिबद्धता पर बात की और विद्युत मंत्रालय द्वारा साइबर सुरक्षा क्षेत्र में अपनाए गए दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए रचनात्मक सोच की आवश्यकता पर बल दिया और भारत के युवा, ऊर्जावान दिमागों के साथ मिलकर नवाचारी समाधान विकसित करने का आह्वान किया।

डॉ. आशीष कुमार गोयल, IAS, अध्यक्ष, UPPCL ने बताया कि कैसे सक्रिय शासन और नीति आधारित हस्तक्षेप साइबर सुरक्षा के लिए तकनीक अपनाने में मदद कर सकते हैं। भारतीय विद्युत क्षेत्र पर लक्षित और बढ़ती दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का हवाला देते हुए उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने UPPCL की साइबर तैयारियों और इस दिशा में हो रहे सक्रिय प्रयासों पर भी चर्चा की।

श्रीमती ऋषिका शरण, सदस्य सचिव, NRPC ने विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की गंभीरता पर ज़ोर दिया और घटना प्रतिक्रिया तंत्र को बेहतर बनाने के लिए क्षेत्रीय इकाइयों के बीच निरंतर समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया।

श्री गौतम देव, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर), एनटीपीसी ने साइबर सुरक्षा तैयारी और परिचालन सुरक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे महत्वपूर्ण अवसंरचना की रक्षा की जा सके, और इस कार्यक्रम की मेजबानी का अवसर प्रदान करने के लिए विद्युत मंत्रालय का धन्यवाद किया। उन्होंने आज की आपस में जुड़ी और डिजिटल ऊर्जा दुनिया पर बात करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा वैकल्पिक नहीं हैयह अनिवार्य है।

अपने प्रस्तुतीकरण में, श्री .के. पटेल, जीएम (आईटी) एवं CISO, एनटीपीसी ने एनटीपीसी के साइबर रक्षा ढांचे और घटना प्रतिक्रिया रणनीतियों का अवलोकन प्रस्तुत किया और सभी विद्युत कंपनियों से उन्नत साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने का आग्रह किया।

कार्यशाला में CSIRT-पावर और CERT-In की भूमिका, घटना प्रतिक्रिया प्रथाओं, फॉरेंसिक विश्लेषण, नियामक ढांचे, क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर सत्र आयोजित किए गए, साथ ही साइबर सुरक्षा क्विज़ का आयोजन कर पेशेवरों को व्यावहारिक ज्ञान और उपकरण उपलब्ध कराए गए। CSIRT-पावर, CERT-In और NCIIPC के विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी प्रस्तुतियों ने प्रतिनिधियों को व्यावहारिक जानकारी और उन्नत खतरा पहचान तकनीकों से लैस किया।

धन्यवाद ज्ञापन और समापन टिप्पणी में, श्री आशीष लोहिया, उप निदेशक, CSIRT-पावर ने इस क्षमता निर्माण हेतु उत्कृष्ट पहल के लिए विद्युत मंत्रालय की सराहना की और कार्यक्रम की मेजबानी के लिए  एनटीपीसी उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय का धन्यवाद किया। उन्होंने कार्यक्रम में सम्मिलित माननीय अतिथियों का आभार व्यक्त किया और सक्रिय भागीदारी के लिए प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया।

कार्यक्रम का समापन इस प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि सभी हितधारक भारत की ऊर्जा संपत्तियों को साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।

उत्तर क्षेत्र की विभिन्न विद्युत कंपनियों के पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता पर एक क्षेत्रीय सम्मेलनएवंकार्यशाला 12 सितंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित की गई।

इस कार्यक्रम का आयोजन कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीमपावर (CSIRT-Power), विद्युत मंत्रालय द्वारा एनटीपीसी लिमिटेड के सहयोग से किया गया, जिसे एनटीपीसी उत्तर क्षेत्र मुख्यालय, लखनऊ द्वारा होस्ट किया गया। यह कार्यक्रम साइबर खतरों के खिलाफ जागरूकता और लचीलापन बढ़ाने के मंत्रालय के प्रयासों का हिस्सा था।

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, एनटीपीसी, पावरग्रिड, एनएचपीसी, टीएचडीसी, एसजेवीएनएल, पीएफसी, एसईसीआई, आरईसी सहित अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र से वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और 150 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रतिनिधियों ने विद्युत क्षेत्र में बढ़ती साइबर सुरक्षा चुनौतियों पर विचारविमर्श किया और साइबर हमलों का पता लगाने, उन्हें रोकने और कम करने में AI जैसी उन्नत तकनीकों की भूमिका पर चर्चा की। कार्यशाला में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और पूरे विद्युत क्षेत्र में तैयारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

इस तरह की पहल के महत्व को उजागर करते हुए, श्री एल.के.एस. राठौर, निदेशक (साइबर सुरक्षा), CSIRT-पावर, विद्युत मंत्रालय ने विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की रणनीतिक महत्ता पर बात की और मजबूत सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सहयोग, प्रशिक्षण और तकनीक-आधारित समाधान की आवश्यकता पर बल दिया ताकि जटिल साइबर हमलों का मुकाबला किया जा सके।

श्री नरेंद्र भूषण, IAS, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, उत्तर प्रदेश सरकार एवं अध्यक्ष, UPNEDA ने राज्य की ऊर्जा अवसंरचना को साइबर खतरों से सुरक्षित बनाने की प्रतिबद्धता पर बात की और विद्युत मंत्रालय द्वारा साइबर सुरक्षा क्षेत्र में अपनाए गए दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए रचनात्मक सोच की आवश्यकता पर बल दिया और भारत के युवा, ऊर्जावान दिमागों के साथ मिलकर नवाचारी समाधान विकसित करने का आह्वान किया।

डॉ. आशीष कुमार गोयल, IAS, अध्यक्ष, UPPCL ने बताया कि कैसे सक्रिय शासन और नीति आधारित हस्तक्षेप साइबर सुरक्षा के लिए तकनीक अपनाने में मदद कर सकते हैं। भारतीय विद्युत क्षेत्र पर लक्षित और बढ़ती दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का हवाला देते हुए उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने UPPCL की साइबर तैयारियों और इस दिशा में हो रहे सक्रिय प्रयासों पर भी चर्चा की।

श्रीमती ऋषिका शरण, सदस्य सचिव, NRPC ने विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की गंभीरता पर ज़ोर दिया और घटना प्रतिक्रिया तंत्र को बेहतर बनाने के लिए क्षेत्रीय इकाइयों के बीच निरंतर समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया।

श्री गौतम देव, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर), एनटीपीसी ने साइबर सुरक्षा तैयारी और परिचालन सुरक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे महत्वपूर्ण अवसंरचना की रक्षा की जा सके, और इस कार्यक्रम की मेजबानी का अवसर प्रदान करने के लिए विद्युत मंत्रालय का धन्यवाद किया। उन्होंने आज की आपस में जुड़ी और डिजिटल ऊर्जा दुनिया पर बात करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा वैकल्पिक नहीं हैयह अनिवार्य है।

अपने प्रस्तुतीकरण में, श्री .के. पटेल, जीएम (आईटी) एवं CISO, एनटीपीसी ने एनटीपीसी के साइबर रक्षा ढांचे और घटना प्रतिक्रिया रणनीतियों का अवलोकन प्रस्तुत किया और सभी विद्युत कंपनियों से उन्नत साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने का आग्रह किया।

कार्यशाला में CSIRT-पावर और CERT-In की भूमिका, घटना प्रतिक्रिया प्रथाओं, फॉरेंसिक विश्लेषण, नियामक ढांचे, क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर सत्र आयोजित किए गए, साथ ही साइबर सुरक्षा क्विज़ का आयोजन कर पेशेवरों को व्यावहारिक ज्ञान और उपकरण उपलब्ध कराए गए। CSIRT-पावर, CERT-In और NCIIPC के विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी प्रस्तुतियों ने प्रतिनिधियों को व्यावहारिक जानकारी और उन्नत खतरा पहचान तकनीकों से लैस किया।

धन्यवाद ज्ञापन और समापन टिप्पणी में, श्री आशीष लोहिया, उप निदेशक, CSIRT-पावर ने इस क्षमता निर्माण हेतु उत्कृष्ट पहल के लिए विद्युत मंत्रालय की सराहना की और कार्यक्रम की मेजबानी के लिए  एनटीपीसी उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय का धन्यवाद किया। उन्होंने कार्यक्रम में सम्मिलित माननीय अतिथियों का आभार व्यक्त किया और सक्रिय भागीदारी के लिए प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया।

कार्यक्रम का समापन इस प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि सभी हितधारक भारत की ऊर्जा संपत्तियों को साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।

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(रिलीज़ आईडी: 2166032) आगंतुक पटल : 29
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