वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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ऑटो रिटेल क्षेत्र, उपभोक्ताओं और उद्योग के बीच महत्वपूर्ण सेतु: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल


सरकार उद्योग जगत को बाजार का विस्तार करने, आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने और उदार बनाने में सहायता करेगी: श्री गोयल

Posted On: 10 SEP 2025 9:27PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज एफएडीए के सातवें ऑटो रिटेल कॉन्क्लेव और चौथे वित्त एवं बीमा शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि ऑटोमोबाइल रिटेल क्षेत्र, उपभोक्ताओं और उद्योग के बीच एक कड़ी है, जो नैतिक विपणन, उच्च-गुणवत्ता वाली सेवा, उचित वित्तपोषण और बीमा शर्तों, और सुचारू पंजीकरण प्रक्रियाओं के लिए उत्‍तरदायी है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह क्षेत्र ग्राहकों और ऑटोमोबाइल कंपनियों के बीच एक सेतु का काम करता है और कंपनियों की विश्वसनीयता इस बात पर निर्भर करती है कि डीलर कैसे काम करते हैं तथा उपभोक्ताओं को कैसी सेवा प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल के अधिक किफायती होने के कारण, जीएसटी कटौती का लाभ 22 सितंबर से उपभोक्ताओं को दिया जाएगा।

श्री गोयल ने बिक्री के बाद सेवा, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और ग्राहकों के लिए निरंतर समर्थन के उल्‍लेखनीय महत्व को रेखांकित किया, यहां तक ​​कि उन स्थितियों में भी जहां कंपनियां विशिष्ट मॉडल बंद करने या भारतीय बाजार से पूरी तरह से बाहर निकलने का फैसला करती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कंपनियां भारत में परिचालन स्थापित करती हैं, लेकिन कुछ समय बाद बंद हो जाती हैं और चली जाती हैं, जिससे उनके उत्पाद खरीदने वाले ग्राहकों के लिए चुनौतियां पैदा होती हैं। ऐसे मामलों में, उपभोक्ता चिंताओं को दूर करने की जिम्मेदारी अक्सर डीलरों पर आ जाती है। व्यवधान को रोकने और खरीदारों की सुरक्षा के लिए, उन्होंने एक ढांचा या चार्टर बनाने का सुझाव दिया, जिसके तहत भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों को स्थानीय उपस्थिति बनाए रखने और परिचालन बंद करने की अनुमति देने से पहले एक निश्चित अवधि के लिए बिक्री के बाद समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि ग्राहक असमंजस में न रहें और ऑटोमोबाइल क्षेत्र की विश्वसनीयता और भरोसा बना रहे।

उन्होंने कहा कि भारत कई विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है और भारतीय बाज़ार के आकार के कारण वैश्विक कंपनियों से महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित कर रहा है। घरेलू उद्योग और निर्माताओं का समर्थन करते हुए, उन्होंने कहा कि निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा भी होनी चाहिए, क्योंकि प्रतिस्पर्धा से दक्षता, उत्पाद की गुणवत्ता और उपभोक्ता विकल्प में सुधार होता है। उन्होंने बताया कि विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि तब होगी जब वैश्विक कंपनियां अपने उत्पादों का भारतीय बाज़ार में परीक्षण करेंगी, जिससे बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य बाज़ारों का विस्तार करना, आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करना और उदारपूर्ण बनाने के साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि घरेलू विनिर्माण को मज़बूत समर्थन मिलता रहे।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत सरकार ने देश में व्यापार को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण और गंभीर प्रयास किए हैं। इसमें अनावश्यक उत्पीड़न को कम करना, विभिन्न सरकारी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, अनुपालन आवश्यकताओं को सरल बनाना और नौकरशाही प्रक्रियाओं को न्यूनतम करना शामिल है जो इस क्षेत्र के लिए व्‍यवधान पैदा कर सकती हैं। उन्होंने उद्योग के हितधारकों को केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर सुझाव संकलित करने और प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया कि कैसे व्यावसायिक संचालन को और अधिक सुगम बनाया जा सकता है। ये सुझाव अनुपालन बोझ को कम करने, मोटर वाहन अधिनियम जैसे वर्तमान कानूनों को सरल बनाने, या उन छोटे अपराधों को गैर-अपराधीकरण करने से संबंधित हो सकते हैं जो वर्तमान में कंपनियों के लिए बाधाएं पैदा करते हैं। श्री गोयल ने क्षेत्र को आश्वासन दिया कि सभी सिफारिशों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जाएगी और सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसका उद्देश्य ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक अधिक सुचारू, अधिक कुशल और अधिक सहायक कारोबारी वातावरण बनाना है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत सरकार का ध्यान ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास को बढ़ावा देने, रोज़गार के अधिक अवसरों का सृजन करने और बाज़ार के आकार व पहुंच का विस्तार करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुक्त व्यापार समझौतों के साथ, भारत में कारों, मॉडलों और वैश्विक कंपनियों की एक विस्तृत श्रृंखला बाज़ार में प्रवेश करेगी, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पूर्ण ग्राहक संतुष्टि सुनिश्चित करना अंततः इस क्षेत्र पर ही निर्भर करता है, क्योंकि डीलर और निर्माता गुणवत्तापूर्ण उत्पाद, सेवाएं और बिक्री के बाद सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उद्योग को आश्वासन दिया कि भारी उद्योग मंत्रालय और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग इस क्षेत्र के विकास को समर्थन देने, चुनौतियों से निपटने में मदद करने और भारत के उभरते बाज़ार में अपनी पूरी क्षमता हासिल करने में इसे सक्षम बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

श्री गोयल ने इस क्षेत्र से स्वदेशी और भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पुर्जों और ऑटो कंपोनेंट्स के भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को मज़बूत करके, यह क्षेत्र आयात पर निर्भरता कम कर सकता है, उदारपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाएं बना सकता है और भारत को और अधिक आत्मनिर्भर बना सकता है।

अपने वक्तव्य के समापन पर उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जो महत्वाकांक्षी भारतीयों द्वारा संचालित है तथा इसमें आने वाले वर्षों में मजबूती से आगे बढ़ने की क्षमता है।

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पीके/केसी/एसएस/वाईबी


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