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राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य मिशन के लिए वैज्ञानिक संचालन समिति की तीसरी बैठक 26 अगस्त 2025 को आयोजित

Posted On: 26 AUG 2025 9:02PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य मिशन- एनओएचएम के लिए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय के. सूद की अध्यक्षता में एक स्वास्थ्य पर वैज्ञानिक संचालन समिति की तीसरी बैठक 26 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन एनेक्सी में आयोजित की गई।

एनओएचएम एक अंतर-मंत्रालयी प्रयास है इसमें 13 मंत्रालय/विभाग समग्र सरकारी दृष्टिकोण से शामिल हैं। इस बैठक में तीन और मंत्रालयों/विभागों, अर्थात् पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और मत्स्य पालन विभाग को शामिल किया गया।

स्वास्थ्य विभाग (डीएचआर) के सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल; पीएसए कार्यालय के वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी; पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन; आयुष मंत्रालय के सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा; जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सचिव डॉ. राजेश गोखले; इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन; केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. राजन खोबरागड़े; राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. रंजन दास; स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधि; आईसीएमआर; पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ और सीसी); पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी); जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी); भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी); वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर); रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ); राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस); आयुष मंत्रालय; एनसीडीसी; राष्ट्रीय वन स्वास्थ्य संस्थान (एनआईओएच); फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी), अंतरिक्ष विभाग (डीओएस), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए); मत्स्य पालन विभाग; पीएसए कार्यालय, तथा केरल और गुजरात राज्य के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए।

अध्यक्ष महोदय ने अपने प्रारंभिक भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया कि एक स्वास्थ्य एक बहु-क्षेत्रीय मिशन है जो जन स्वास्थ्य, पशुपालन, कृषि और पर्यावरण क्षेत्रों की विविध विशेषज्ञता से प्रेरित है। उन्होंने आगे कहा कि यह मिशन एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण के माध्यम से स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए देश की तैयारियों को मज़बूत करने हेतु विभिन्न विभागों और मंत्रालयों को एक साथ लाने का एक अनूठा उदाहरण है।

समिति की पिछली बैठक के बाद से हुई प्रगति पर चर्चा शुरू हुई। डॉ. संगीता अग्रवाल, वैज्ञानिक एफ, कार्यालय पीएसए ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की सहभागिता, ज्ञान साझा करने के लिए राज्यों के बीच परस्पर संपर्क, क्षमता निर्माण और अंतर-क्षेत्रीय समन्वय पर नवीन जानकारी प्रस्तुत की। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वन हेल्थ के कार्यान्वयन हेतु एक बहु-स्तरीय शासन संरचना का सुझाव समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा, असम-उत्तर प्रदेश और गोवा-कर्नाटक राज्यों के बीच सामुदायिक सहभागिता और प्राथमिकता वाले जूनोटिक रोगों पर सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने के लिए बनाए गए अंतर-राज्यीय संपर्कों पर भी प्रकाश डाला गया।

राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत पहली राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सहभागिता कार्यशाला 09 जून, 2025 को आयोजित की गई। कार्यशाला की रिपोर्ट बैठक के दौरान जारी की गई, जिसमें प्रमुख अंतर्दृष्टि और सिफारिशें शामिल हैं, जो राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर शक्तियों, चुनौतियों और तत्काल अवसरों की स्पष्ट समझ प्रदान करती हैं।

चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में राज्य-जिला-पंचायत स्तरों पर विचार-विमर्श हेतु स्तरीय शासन मॉडल का प्रस्ताव, अंतर-राज्यीय संपर्क के लिए की गई पहल, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के लिए वन हेल्थ पर एकीकृत ई-लर्निंग मॉड्यूल का विकास, तथा क्षेत्रीय स्तर पर एक स्वास्थ्य से सम्बंधित मुद्दों का समाधान खोजने के लिए हैकथॉन/आइडियाथॉन और संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को शामिल करने के प्रयास शामिल थे।

इसके अतिरिक्त, जैव-सुरक्षा स्तर (बीएसएल) 3/4 प्रयोगशाला नेटवर्क (लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) माधुरी कानिटकर की अध्यक्षता में), प्रौद्योगिकी संवर्धित एकीकृत निगरानी और प्रकोप जांच (डॉ. एन के अरोड़ा की अध्यक्षता में), चिकित्सा प्रतिवाद पर अनुसंधान और विकास (डॉ. रेणु स्वरूप की अध्यक्षता में) और डेटाबेस का एकीकरण और डेटा साझाकरण (डॉ. विजय चंद्रू की अध्यक्षता में) एक स्वास्थ्य पर चार सलाहकार और समीक्षा (ए एंड आर) समितियों के प्रमुख अपडेट सम्बंधित समितियों के अध्यक्षों/संयोजकों द्वारा प्रस्तुत किए गए।

प्रो. सूद ने निष्कर्ष के रुप में कहा कि समिति की समृद्धि इसके सदस्यों के सामूहिक ज्ञान में निहित है। उन्होंने तालमेल की पहचान करने और कमियों को दूर करने के लिए खुली चर्चाओं को प्रोत्साहित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि मिशन ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने बताया कि सुझावात्मक शासन ढांचों के विकास, राष्ट्रीय प्रकोप डेटा संग्रह, अपशिष्ट जल निगरानी का विस्तार, निगरानी प्रणालियों को सुदृढ़ करने, क्षमता निर्माण, नेटवर्क में उपयुक्त प्रयोगशालाओं को शामिल करके प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ बनाने, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के लिए एक एकीकृत ई-लर्निंग मॉड्यूल शुरू करने और वन हेल्थ में युवाओं की भागीदारी जैसी सिफारिशों से इसे और गति मिलेगी।

इन गतिविधियों से एक ऐसा स्वास्थ्य ढांचा निर्मित होगा जो अपने दायरे में राष्ट्रीय और महत्व में वैश्विक होगा।

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पीके/केसी/वीके/एसके


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