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एम्स रायपुर में स्कोपस-एम्बेस डेटाबेस कार्यशाला, शोध संस्कृति को मिला नया आयाम

प्रविष्टि तिथि: 26 AUG 2025 5:56PM by PIB Raipur

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के केंद्रीय पुस्तकालय ने एल्सेवियर के सहयोग से स्कोपस एवं एम्बेस डाटाबेस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग के प्रति जागरूक करना और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना था, ताकि उन्हें शैक्षणिक और नैदानिक शोध में अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ले. जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने की। अपने संबोधन में उन्होंने चिकित्सकों से केवल रोगी देखभाल तक सीमित न रहते हुए शोध को भी प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने संकाय को सलाह दी कि वे हर एक से दो महीने में उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र प्रकाशित करने का लक्ष्य निर्धारित करें, अस्वीकृत शोध पत्रों के कारणों का विश्लेषण करें और आंतरिक सहकर्मी समीक्षा (peer review) को सुनिश्चित करें।


कार्यशाला का शुभारंभ केंद्रीय पुस्तकालय समिति के अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ नंदा के स्वागत भाषण से हुआ। वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष एवं कार्यशाला संयोजक डॉ. शिवेन्द्र सिंह ने “रिटर्न्स ऑन लाइब्रेरी इन्वेस्टमेंट (ROI)” पर अपने शोध निष्कर्ष साझा किए। तकनीकी सत्रों का संचालन एल्सेवियर की सुश्री नताशा गुलाटी ने किया, जिन्होंने स्कोपस एवं एम्बेस डाटाबेस के प्रभावी उपयोग पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया।
इस अवसर पर एम्स रायपुर के शीर्ष शोधकर्ताओं डॉ. पुघझेन्थन टी, डॉ. नरेंद्र कुबर बोढे और डॉ. सत्यकी गांगुली को उनके उत्कृष्ट शोध प्रकाशनों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, छात्र और नर्सिंग स्टाफ शामिल थे।


कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि एम्स रायपुर में नैदानिक कार्य को उच्च गुणवत्ता वाले शोध और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों से जोड़कर एक मजबूत शोध संस्कृति विकसित की जाएगी।



आरडीजे/एसके/केआरवी/पीजे


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