संस्‍कृति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

लुप्तप्राय लोक भाषाओं और मौखिक परंपराओं का संरक्षण और दस्तावेजीकरण

Posted On: 21 AUG 2025 4:11PM by PIB Delhi

देश भर में लोक कला और संस्कृति के विभिन्न रूपों के संरक्षण, संवर्धन और संरक्षण हेतु, भारत सरकार ने पटियाला, नागपुर, उदयपुर, प्रयागराज, कोलकाता, दीमापुर और तंजावुर में मुख्यालयों के साथ सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) स्थापित किए हैं। ये जेडसीसी अपने सदस्य राज्यों में नियमित रूप से विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

ये ज़ेडसीसी लुप्त होती कलाओं, लोककथाओं, मौखिक परंपराओं और प्रथाओं का ऑडियो, वीडियो और लिखित सामग्री के रूप में दस्तावेजीकरण भी करते हैं। दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण सतत प्रक्रियाएँ हैं।

ज़ेडसीसी द्वारा संचालित गुरु शिष्य परम्परा योजना एक ऐसी ही पहल है, जहां पारंपरिक गुरु सांस्कृतिक ज्ञान की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए युवा शिष्यों को प्रशिक्षित करते हैं, जिससे कलाकारों, शोधकर्ताओं और परंपराओं के सामुदायिक वाहकों को मदद मिलती है।

42 मौखिक परंपराओं का दस्तावेजीकरण किया गया है, अर्थात राजस्थान (17), पश्चिम बंगाल (9), ओडिशा (3), पंजाब (2), महाराष्ट्र (2), गुजरात (2), बिहार (1), झारखंड (1), मणिपुर (1), उत्तर प्रदेश (1), हरियाणा (1), गोवा (1) और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (1)

सभी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) पारंपरिक कला रूपों और मौखिक परंपराओं का दस्तावेजीकरण करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों, शोधार्थियों और सांस्कृतिक संगठनों के साथ नियमित रूप से सहयोग करते हैं। ये सहयोग अमूर्त विरासत के सटीक अभिलेखन और संरक्षण के लिए सामुदायिक भागीदारी और शैक्षणिक समर्थन पर केंद्रित हैं।

संस्कृति मंत्रालय के अधीन संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की राष्ट्रीय सूची का रखरखाव करती है, जिसमें आईसीएच तत्वों का दृश्य-श्रव्य दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण शामिल है। मेघालय की सीटी भाषा को आईसीएच की राष्ट्रीय सूची में शामिल किया गया है, जिसमें दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण शामिल है।

संगीत नाटक अकादमी का पुस्तकालय एक बहुभाषी संदर्भ पुस्तकालय है जिसका उपयोग प्रदर्शन कला के क्षेत्र के छात्रों, शोधकर्ताओं, विद्वानों और कलाकारों द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है। पुस्तकालय में हजारों समाचार पत्रों की कतरनों के अलावा, दुर्लभ पत्रिकाओं और 326 दुर्लभ पुस्तकों/पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया गया है।

अकादमी ने डेटाबेस को अद्यतन करने और कलाकार समुदाय के साथ बेहतर और प्रत्यक्ष संपर्क के लिए प्रदर्शन कला के कलाकारों/विद्वानों/आलोचकों/लेखकों/कला इतिहासकारों आदि का एक संग्रह बनाया है।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

****

पीके/केसी/एसजी


(Release ID: 2159392)
Read this release in: English , Urdu , Marathi