वस्त्र मंत्रालय
औद्योगिक उत्पादन में वस्त्र उद्योग का योगदान
Posted On:
19 AUG 2025 2:42PM by PIB Delhi
भारतीय वस्त्र एवं परिधान उद्योग भारत की आर्थिक वृद्धि, निर्यात को बढ़ावा देने, रोज़गार सृजन, महिलाओं को सशक्त बनाने और भारत की समृद्ध विरासत एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, 2025 के अनुसार, पिछले तीन वर्षों के दौरान, वस्त्र एवं परिधान उद्योग का औसत हिस्सा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 2 प्रतिशत और विनिर्माण सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 11 प्रतिशत रहा है। यह क्षेत्र 45 मिलियन से अधिक प्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करता है। सरकार वस्त्र क्षेत्र में रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिए, समर्थ, एनएचडीपी, पीएम-मित्र योजना, वस्त्र उद्योग के लिए पीएलआई योजना आदि जैसी विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों को क्रियान्वित करती है।
सरकार अपने विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से देश भर में कपड़ा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखती है। इनमें से कुछ पहल इस प्रकार हैं:
पीएम-मित्र पार्क योजना: इस योजना के तहत, सरकार ने आधुनिक, एकीकृत, बड़े पैमाने पर, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और प्लग एंड प्ले सुविधा के साथ 07 मेगा टेक्सटाइल पार्कों को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य कपड़ा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना और रोजगार को बढ़ावा देना है।
वस्त्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: यह योजना मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) कपड़ा, एमएमएफ परिधान और तकनीकी वस्त्रों सहित उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा देना और इन वस्त्र क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: यह मिशन (i) अनुसंधान, नवाचार और विकास, (ii) संवर्धन और बाजार विकास (iii) शिक्षा और कौशल और (iv) तकनीकी वस्त्रों में निर्यात संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि देश को तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया जा सके।
वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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(Release ID: 2157930)