पर्यटन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पर्यटन से जुड़ी अवसंरचना का विस्तार

Posted On: 18 AUG 2025 5:31PM by PIB Delhi

जनजातीय और पहाड़ी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पर्यटन से जुड़ी अवसंरचना का विकास मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकार/केन्द्र-शासित प्रदेश के प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसके अलावा, स्थानीय एवं देशी भाषाओं में पर्यटन सामग्री और संकेतक भी संबंधित राज्य सरकार/केन्द्र-शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा विकसित किए जाते हैं।

हालांकि, पर्यटन मंत्रालय अपनी केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं स्वदेश दर्शन (एसडी)’, ‘स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0)’, ‘चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)’ – स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना और तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)योजनाओं के जरिए राज्य सरकारों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के प्रशासनों/केन्द्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करके पर्यटन से जुड़ी अवसंरचना के विकास के प्रयासों को पूरा करता है। यह सहायता धन की उपलब्धता, योजना के दिशानिर्देशों के पालन, राज्य सरकार द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पेश करने आदि के अधीन है। इसके अलावा, भारत सरकार ने अपनी ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई)’ पहल के तहत भी पर्यटन से जुड़ी परियोजनाओं के विकास हेतु राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। इन योजनाओं के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में हरित आवागमन, संकेतक आदि से संबंधित परियोजनाओं सहित कई घटक शामिल हैं ताकि आगंतुकों और पर्यटकों को पर्यटन से जुड़ी  बेहतर सुविधाएं एवं अनुभव प्रदान किए जा सकें।

इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के परामर्श से, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत ‘जनजातीय गृह-स्थलों के विकास’ की पहल की है। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन से जुड़ी संभावनाओं का दोहन करना और जनजातीय समुदाय को वैकल्पिक आजीविका प्रदान करना है। इस पहल में जनजातीय घरों व गांवों  को निम्नलिखित बातों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है:

(a) ग्राम समुदाय की आवश्यकता के लिए 5 लाख रुपये तक

(b) प्रत्येक घर के लिए दो नए कमरों के निर्माण हेतु 5 लाख रुपये तक

(c) प्रत्येक घर के लिए मौजूदा कमरों के नवीनीकरण हेतु 3 लाख रुपये तक

तदनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने जनजातीय क्षेत्रों में गृह-स्थलों (होमस्टे) के विकास हेतु योजनाबद्ध दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये योजनाबद्ध दिशानिर्देश विशेष रूप से पंचायतों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार (पेसा) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख नहीं करते हैं। हालांकि, उक्त योजनाबद्ध दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य सरकारों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के प्रशासन को गृह-स्थलों (होमस्टे) के निर्माण/नवीनीकरण हेतु जनजातीय क्षेत्रों में उपयुक्त जनजातीय गांवों व जनजातीय लाभार्थियों की पहचान करनी होगी और यह कार्य स्थानीय समुदाय के परामर्श से किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश इस योजना के अंतर्गत मंत्रालय को परियोजना प्रस्तुत करेंगे और संबंधित राज्य/ केन्द्र-शासित प्रदेश की कार्यान्वयन एजेंसी को धनराशि जारी की जाएगी, जो आगे चलकर व्यक्तिगत लाभार्थियों/ग्राम समुदायों को एक सुपरिभाषित और पारदर्शी तरीके से धनराशि वितरित करने के लिए जिम्मेदार होगी। योजनाबद्ध दिशानिर्देश संबंधित राज्यों को मौजूदा कानूनों, नियमों और विनियमों के अनुपालन के अनुरूप योजना के कार्यान्वयन हेतु संचालन संबंधी दिशानिर्देश तैयार करने का भी सुझाव देते हैं।

यह जानकारी केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। 

****

पीके/केसी/आर / डीए

 


(Release ID: 2157673)
Read this release in: English , Urdu