सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय
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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने एमएसएमई क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए विभिन्न कदम उठाए


01.07.2020 से 31.07.2025 तक पूरे भारत में उद्यम पंजीकरण पोर्टल (उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म सहित) पर 28.73 करोड़ रोजगार की जानकारी दी गई

Posted On: 12 AUG 2025 5:56PM by PIB Delhi

सरकार देश भर में अपनी विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतिगत गतिविधियों के माध्यम से एमएसएमई की स्थापना, संवर्धन एवं विकास में सहायता करती है। इन योजनाओं/कार्यक्रमों में अन्य बातों के साथ-साथ प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना, सूक्ष्म तथा लघु उद्यम-क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी), उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी), खरीद एवं विपणन सहायता योजना (पीएमएसएस), एमएसएमई प्रदर्शन में वृद्धि और तेजी (आरएएमपी), अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना, टूल रूम, प्रौद्योगिकी केंद्र प्रणाली कार्यक्रम (टीसीएसपी), राष्ट्रीय एससी/एसटी हब (एनएसएसएच), एमएसएमई चैम्पियंस, पीएम विश्वकर्मा आदि शामिल हैं।

एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए संशोधित मानदंडों के साथ उद्यम पंजीकरण पोर्टल 01.07.2020 को प्रारंभ किया गया था। 04.08.2025 की जानकारी के अनुसार 01.07.2020 से 31.07.2025 तक पूरे भारत में उद्यम पंजीकरण पोर्टल (उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म सहित) पर 28.73 करोड़ रोजगार रिपोर्ट किये गए थे।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने एमएसएमई क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इनमें से कुछ का विवरण नीचे दिया गया है।

एमएसएमई के लिए “उद्यम पंजीकरण” 1.7.2020 से प्रभावी है।

अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए औपचारिक दायरे में लाने के उद्देश्य से उद्यम सहायता प्लेटफार्म (यूएपी) का शुभारंभ किया गया।

2.7.2021 से खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई के रूप में शामिल किया गया।

एमएसई के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने और रोजगार के अवसरों का विस्तार करने के लिए 9,000 करोड़ रुपये की आवश्यक धनराशि के साथ ऋण गारंटी योजना का पुनर्गठन किया गया।

18 व्यवसायों में लगे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को अंतिम से अंतिम समग्र लाभ प्रदान करने के लिए 17.09.2023 को ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का शुभारंभ हुआ।

आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) कोष की स्थापना उन एमएसएमई में इक्विटी फंडिंग के रूप में 50,000 करोड़ रुपये डालने के लिए की गई है, जिनमें बढ़ने और बड़ी इकाई बनने की क्षमता तथा व्यवहार्यता निहित है।

क्रेडिट गारंटी योजना के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों हेतु क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से विभिन्न श्रेणी के ऋणों के लिए 90% तक गारंटी कवरेज के साथ एमएसई को 10 करोड़ रुपये (01.04.2025 से प्रभावी) की सीमा तक संपार्श्विक मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है।

एमएसएमई को भुगतान में देरी की समस्या को हल करने के लिए कई वित्तपोषकों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से कॉर्पोरेट और अन्य खरीदारों, जिनमें सरकारी विभाग तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) भी शामिल हैं, से एमएसएमई के व्यापार प्राप्तियों के वित्तपोषण की सुविधा हेतु व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (टीआरईडीएस) की स्थापना की गई है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत विनिर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम परियोजना लागत को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र हेतु 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे योजना का दायरा बढ़ चुका है।

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एनके/एसएस


(Release ID: 2155805)
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