श्रम और रोजगार मंत्रालय
ई-श्रम प्लेटफॉर्म में सुधार
लगभग 31 करोड़ असंगठित श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत
विशिष्ट स्थानीय आवश्यकताओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए समर्पित ई-श्रम माइक्रोसाइट
ई-श्रम पर 12 प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर शामिल
Posted On:
11 AUG 2025 6:18PM by PIB Delhi
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों (एनडीयूडब्ल्यू) का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त 2021 को ई-श्रम पोर्टल (eshram.gov.in) लॉन्च किया। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को स्व-घोषणा के आधार पर एक सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) प्रदान करके उनका पंजीकरण और समर्थन करना है।
5 अगस्त 2025 तक, 30.98 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पहले ही ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं।
असंगठित श्रमिकों के लिए विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने हेतु ई-श्रम को वन-स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में विकसित करने के बजट घोषणा 2024-25 के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम- "वन-स्टॉप-सॉल्यूशन" की शुरुआत की। ई-श्रम- "वन-स्टॉप-सॉल्यूशन" विभिन्न सामाजिक सुरक्षा/कल्याणकारी योजनाओं को एक ही पोर्टल पर एकीकृत करता है। यह ई-श्रम पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुँच प्रदान करने और ई-श्रम के माध्यम से अब तक प्राप्त लाभों को देखने में सक्षम बनाता है।
अब तक, प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएमएसवीएनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सहित ई-श्रम कार्डधारकों को सामाजिक सुरक्षा, बीमा या कौशल विकास कार्यक्रमों तक लाभ और पहुंच प्रदान करने के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों की चौदह (14) योजनाओं को पहले से ही ई-श्रम के साथ एकीकृत/मैप किया गया है। (एमजीएनआरईजीएस), प्रधान मंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), आयुष्मान भारत - प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), प्रधान मंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू), प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान), वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)।
उपरोक्त योजनाओं के अलावा, ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम), राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस), स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच), नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (उमंग), डिजिटल लॉकर (डिजिलॉकर), माईस्कीम और ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म (ओजीडी) के साथ भी एकीकृत किया गया है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 29 जनवरी 2025 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए माइक्रोसाइट लॉन्च कीं ताकि उन्हें अपनी समर्पित ई-श्रम माइक्रोसाइट के साथ सशक्त बनाया जा सके और उनकी विशिष्ट स्थानीय आवश्यकताओं और चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सके। ये माइक्रोसाइटें प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप ई-श्रम सेवाओं को तैयार करने, श्रमिक पंजीकरण, डेटा अद्यतन, सत्यापन को सरल बनाने और राज्य-विशिष्ट विश्लेषण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
मंत्रालय ने ई-श्रम पर प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर्स को शामिल करने के लिए 12 दिसंबर 2024 को प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर मॉड्यूल लॉन्च किया है। यह पहल इन एग्रीगेटर्स को ई-श्रम इकोसिस्टम में एकीकृत करती है, प्लेटफ़ॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स की औपचारिक मान्यता और सामाजिक सुरक्षा/कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करती है, जिससे समावेशी और न्यायसंगत श्रम कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिलता है। अब तक प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर मॉड्यूल पर 12 प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर्स को शामिल किया जा चुका है, जिनमें ज़ोमैटो, ब्लिंकिट, अर्बन कंपनी, उबर, ओला, अमेज़न, स्विगी, रैपिडो, ज़ेप्टो, ईकॉम एक्सप्रेस और अंकल डिलीवरी शामिल हैं।
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्लेटफॉर्म श्रमिकों का राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार पंजीकरण विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।
अनुलग्नक-I
05.08.2025 तक ई-श्रम पोर्टल के अंतर्गत पंजीकृत प्लेटफॉर्म श्रमिकों का राज्यवार विवरण।
क्रम संख्या
|
राज्य का नाम
|
कुल
|
1
|
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह
|
114
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
26,690
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
380
|
4
|
असम
|
15,614
|
5
|
बिहार
|
16,043
|
6
|
चंडीगढ़
|
439
|
7
|
छत्तीसगढ
|
2,706
|
8
|
दिल्ली
|
11,016
|
9
|
गोवा
|
683
|
10
|
गुजरात
|
18,764
|
11
|
हरयाणा
|
7,277
|
12
|
हिमाचल प्रदेश
|
816
|
13
|
जम्मू और कश्मीर
|
1,630
|
14
|
झारखंड
|
6,204
|
15
|
कर्नाटक
|
13,553
|
16
|
केरल
|
5,761
|
17
|
लद्दाख
|
29
|
18
|
लक्षद्वीप
|
3
|
19
|
मध्य प्रदेश
|
14,050
|
20
|
महाराष्ट्र
|
80,332
|
21
|
मणिपुर
|
431
|
22
|
मेघालय
|
585
|
23
|
मिजोरम
|
121
|
24
|
नगालैंड
|
351
|
25
|
ओडिशा
|
4,358
|
26
|
पुदुचेरी
|
245
|
27
|
पंजाब
|
4,846
|
28
|
राजस्थान
|
16,087
|
29
|
सिक्किम
|
225
|
30
|
तमिलनाडु
|
16,955
|
31
|
तेलंगाना
|
13,573
|
32
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
73
|
33
|
त्रिपुरा
|
1,182
|
34
|
उतार प्रदेश।
|
23,379
|
35
|
उत्तराखंड
|
2,211
|
36
|
पश्चिम बंगाल
|
32,274
|
यह जानकारी श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/वीएस/डीए
(Release ID: 2155263)