संस्कृति मंत्रालय
विरासत स्थलों के संरक्षण में निजी भागीदारी
Posted On:
11 AUG 2025 6:05PM by PIB Delhi
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) राष्ट्रीय महत्व के घोषित स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों का संरक्षण करता है। हालाँकि, भारत के विशाल सांस्कृतिक परिदृश्य को देखते हुए, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों को भी स्थानीय विरासत की सुरक्षा और संरक्षण में भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय सांस्कृतिक कोष (एनसीएफ) योजना के तहत संरक्षित स्मारकों और स्थलों का संरक्षण भी किया जाता है। इसके अलावा, एएसआई ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधि के माध्यम से संरक्षित स्मारकों पर सुविधाएं विकसित करने/प्रदान करने के लिए निजी/सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ जुड़ने के लिए एक ढांचा विकसित किया है। स्मारकों को आगंतुकों के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्री द्वारा 04.09.2023 को "एडॉप्ट ए हेरिटेज प्रोग्राम 2.0" का नया संस्करण लॉन्च किया गया।
एएसआई राष्ट्रीय महत्व के संरक्षित स्मारकों और स्थलों के लिए आवश्यकतानुसार पेयजल, शौचालय, रास्ते और भूदृश्य निर्माण जैसी सुविधाओं के प्रावधान सहित संरक्षण और रखरखाव का कार्य करता है, तथा इसके लिए धन और संसाधनों की उपलब्धता पर विचार करता है और राष्ट्रीय संरक्षण नीति का पालन करता है। इसके अलावा, संरक्षित स्मारकों और स्थलों का रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/जीके
(Release ID: 2155211)