आयुष
वैश्विक आरोग्य पद्धति के अनुरूप है आयुष
Posted On:
08 AUG 2025 5:40PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी औषधियों के लिए फार्माकोपिया मानकों को निर्धारित करने के लिए अपने अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएमएंडएच) की स्थापना की है, जो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के अनुसार आधिकारिक सार-संग्रह के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा एमओए ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ सहयोग किया और उत्पादों और सेवाओं के पारंपरिक एवं आधुनिक पहलुओं सहित भारतीय मानकों के निर्माण के लिए बीआईएस की आयुष प्रभाग परिषद के तहत प्रत्येक आयुष पद्धतियों (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी) के लिए सात अनुभागीय समितियों का गठन किया है। ये समितियां तकनीकी विशेषज्ञों, अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग प्रतिनिधियों और नियामक निकायों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम करती हैं, ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप व्यापक, साक्ष्य-आधारित मानकों को सुनिश्चित किया जा सके। बीआईएस ने कच्चे माल, विनिर्माण प्रक्रियाओं, पैकेजिंग और तैयार उत्पादों को कवर करते हुए भारतीय मानकों की एक शृंखला तैयार की है। अब तक आयुष प्रभाग परिषद के तहत सात अनुभागीय समितियों द्वारा उत्पादों और सेवाओं के पारंपरिक और आधुनिक पहलुओं सहित आयुष प्रणालियों से संबंधित 180 भारतीय मानक विकसित किए गए हैं। आयुष प्रणालियों पर तैयार किए गए मानक बीआईएस की वेबसाइट www.bis.gov.in. पर उपलब्ध हैं।
भारत सरकार के सहयोग से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आयुर्वेद और यूनानी के प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए मानक दस्तावेज प्रकाशित किए हैं। इसके साथ ही आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध में डब्ल्यूएचओ की मानकीकृत शब्दावली भी जारी की गई है। इसके अलावा आयुष मंत्रालय ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय हर्बल फार्माकोपिया के विकास का सहयोग करने के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ एक परियोजना सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अतिरिक्त मंत्रालय आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी (एएसयू) दवाओं के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार औषधि उत्पाद प्रमाणन (सीओपीपी) को बढ़ावा देता है। पारंपरिक चिकित्सा में गुणवत्ता आश्वासन के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अनुरूप एमओए के तहत भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएम एंड एच) ने इंडोनेशिया गणराज्य के खाद्य और औषधि प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इन प्रयासों का उद्देश्य आयुष उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाना है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप वैश्विक बाजारों में आयुष उत्पादों के प्रति उपभोक्ता विश्वास और स्वीकृति में सुधार हो सके।
आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/केसी/आरकेजे
(Release ID: 2154356)