विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
संसद प्रश्न: भारतजेन एआई मॉडल
Posted On:
06 AUG 2025 6:03PM by PIB Delhi
भारतजेन भारतीय भाषाओं और सामाजिक संदर्भों के अनुरूप संप्रभु आधारभूत एआई मॉडल विकसित करने वाली पहली सरकारी समर्थित राष्ट्रीय पहल है। इसमें पाठ (टेक्स्ट) (बड़े भाषा मॉडल के माध्यम से), वाक् (स्पीच) (पाठ से वाक् और स्वचालित वाक् पहचान), और दृष्टि (विज़न)-भाषा प्रणाली सहित कई प्रकार के मॉडल शामिल हैं।
वर्तमान में, भारतजेन मॉडल 9 भारतीय भाषाओं को कवर करते हैं जिनमें हिंदी, मराठी, तमिल, मलयालम, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, तेलुगु और कन्नड़ शामिल हैं।
इन मॉडलों में भाषा कवरेज के रोडमैप में निम्नलिखित लक्ष्य शामिल हैं:
दिसंबर 2025 तक, कुल 15 भारतीय भाषाओं (असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मैथिली, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल और तेलुगु सहित) को कवर किया जाएगा।
जून 2026 तक, सभी 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं को इसमें शामिल कर लिया जाएगा।
भारतजेन ने कृषि, शासन और रक्षा क्षेत्रों में अनुप्रयोग विकसित किए हैं, जिनके पायलट प्रोजेक्ट चलाए जा चुके हैं। पूरी तरह से लागू होने के बाद, इन अनुप्रयोगों को सभी राज्यों और जिलों में उपलब्ध कराने की योजना है।
भारतजेन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन (एनएम-आईसीपीएस) के तहत एक परियोजना के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है। भारतजेन नेटवर्क के एक भाग के रूप में, निम्नलिखित प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टीआईएच) वर्तमान में सक्रिय हैं:
टीआईएच फाउंडेशन फॉर आईओटी एंड आईओई, आईआईटी बॉम्बे (महाराष्ट्र)
यह टीआईएच भारतजेन परियोजना की मेजबानी कर रहा है और केंद्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन एवं समन्वय केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह राष्ट्रीय शैक्षणिक संघ के प्रबंधन, पाठ, वाक् और दृष्टि (टेक्स्ट, स्पीच और विज़न) में संप्रभु आधारभूत एआई मॉडल के विकास की देखरेख और कंप्यूटिंग, डेटा और प्रतिभा के लिए इकोसिस्टम साझेदारी को आगे बढ़ाने सहित संपूर्ण कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। टीआईएच भारतजेन परियोजना के लिए शासन और रणनीतिक योजना को भी संचालित करता है, जिससे सभी हितधारकों के बीच समेकित प्रगति सुनिश्चित होती है।
आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज़ फ़ाउंडेशन, आईआईटी मद्रास (तमिलनाडु)
यह टीआईएच एक कार्यान्वयन भागीदार के रूप में कार्य करता है, इसका कार्य भारतजेन एआई तकनीकों के समाधान और वास्तविक दुनिया में उनके क्रियान्वयन पर केंद्रित है। विशेष ध्यान वाले विषयगत क्षेत्रों में शासन, सुरक्षा और मीडिया-संबंधी उपयोग के मामले शामिल हैं।
भारतजेन संघ (कंसोर्टियम) में निम्नलिखित संस्थान शामिल हैं:
संस्थान का नाम
|
भारतजेन में भूमिका
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे
|
प्रमुख संस्थान, कंसोर्टियम भागीदारों के बीच अनुसंधान और एकीकरण का मार्गदर्शन
|
अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद
|
दृष्टि-भाषा दस्तावेज़ मॉडलिंग
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास
|
वाक् (स्पीच) आधार मॉडल विकास और मूल्यांकन
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर
|
कानूनी एआई अनुसंधान, क्षेत्र-विशिष्ट डेटासेट, और बहुभाषी मॉडलों के लिए संकेत रणनीतियों का विकास
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद
|
बड़े बहुभाषी एलएलएम के लिए उन्नत संकेत और शब्दावली अनुकूलन
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी
|
एलएलएम के लिए कुशल प्रशिक्षण रणनीतियों पर समावेशी बहुभाषी मॉडल विकास और अनुसंधान
|
भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर
|
एलएलएम का भारत-केंद्रित मूल्यांकन और मानकीकरण, बहुभाषी और बहुमॉडल डेटा संग्रह
|
भारतजेन उपरोक्त संघ सदस्यों के साथ काम कर रहा है, और कर्नाटक के अनुसंधान संस्थानों के साथ साझेदारी की संभावना की तलाश कर रहा है।
चूँकि भारतजेन एआई अभी पायलट परियोजना के रूप में तैनात है, इसलिए इसे सार्वजनिक और संस्थागत उपयोग के लिए जारी नहीं किया गया है। पूरी तरह से लागू होने के बाद, इसे सभी राज्यों और ज़िलों में लागू करने की योजना है।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।
****
पीके/केसी/जेके
(Release ID: 2153464)