सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण में 2025 से परिवर्तन

Posted On: 06 AUG 2025 4:29PM by PIB Delhi

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) देश में रोज़गार और बेरोज़गारी से संबंधित विभिन्न संकेतकों का आकलन करने के लिए वर्ष 2017 से आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) कर रहा है। पीएलएफएस के विस्तृत कवरेज के साथ उच्च आवृत्ति वाले श्रम बाज़ार संकेतकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, जनवरी 2025 से आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के नमूनाकरण डिज़ाइन में सुधार किया गया है। इस संशोधित पीएलएफएस में निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने की परिकल्पना की गई है:

  • वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में अखिल भारतीय स्तर पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मासिक आधार पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों (अर्थात श्रम बल भागीदारी दर, श्रमिक जनसंख्या अनुपात, बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाना।
  • पीएलएफएस के तिमाही परिणामों का कवरेज ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित करना और इस प्रकार राष्ट स्तर पर तथा प्रमुख राज्यों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में तिमाही अनुमान तैयार करना।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (पीएस+एसएस) और सीडब्ल्यूएस दोनों में महत्वपूर्ण रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का वार्षिक अनुमान लगाना।

जनवरी 2025 से संशोधित पीएलएफएस नमूना डिजाइन के परिणामस्वरूप पीएलएफएस प्रसार में निम्नलिखित परिवर्तन होगा:

  • राष्ट्र स्तर पर प्रमुख श्रम बाजार संकेतकों के मासिक अनुमानों की उपलब्धता: संशोधित पीएलएफएस नमूना डिज़ाइन, वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए अखिल भारतीय स्तर पर प्रमुख श्रम बाजार संकेतकों, जैसे एलएफपीआर, डब्ल्यूपीआर और यूआर के मासिक अनुमानों को तैयार करने में सक्षम बनाएगा। मासिक अनुमान समय पर नीतिगत हस्तक्षेप करने में सहायता करेंगे।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तिमाही अनुमानों का विस्तार: दिसंबर 2024 तक, पीएलएफएस केवल शहरी क्षेत्रों के लिए तिमाही श्रम बाजार संकेतक प्रदान करता था। पीएलएफएस नमूना डिज़ाइन में नवीनीकरण के साथ, रोजगार-बेरोजगारी संकेतकों के तिमाही अनुमान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों और इस प्रकार पूरे देश के लिए उपलब्ध होंगे।
  • बढ़ा हुआ नमूना आकार: संशोधित पीएलएफएस नमूना डिजाइन एक बहुस्तरीय स्तरीकृत डिजाइन है। जनगणना 2011 के गांवों/शहरी फ्रेम सर्वेक्षण (यूएफएस) ब्लॉकों/उप-इकाइयों (उन गांवों या यूएफएस ब्लॉकों के लिए जहां उप-इकाइयां बनाई गई हैं) की सूची ने मिलकर प्रथम चरण इकाइयों (एफएसयू) के चयन के लिए नमूना फ्रेम का निर्माण किया। संशोधित पीएलएफएस नमूना डिजाइन में, द्वि-वर्षीय पैनल के प्रत्येक वर्ष में प्रथम भ्रमण कार्यक्रम के साथ कुल 22,692 एफएसयू (ग्रामीण क्षेत्रों में 12,504 एफएसयू और शहरी क्षेत्रों में 10,188 एफएसयू) का सर्वेक्षण करने की योजना है, जबकि दिसंबर, 2024 तक पीएलएफएस में 12,800 एफएसयू का सर्वेक्षण किया जाएगा। चयनित भौगोलिक इकाई (एफएसयू) के भीतर सर्वेक्षण किए जाने वाले घरों की संख्या 8 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है।

इसके अतिरिक्त, जाँच अनुसूची की संरचना में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। पीएलएफएस परिणामों के उपयोगकर्ताओं को पीएलएफएस परिणामों की तुलना दिसंबर, 2024 तक पीएलएफएस प्रकाशनों के माध्यम से जारी अनुमानों से करते समय जनवरी 2025 से पीएलएफएस में लागू किए गए परिवर्तनों पर विचार करना होगा। इसलिए, जनवरी 2025 के बाद के पीएलएफएस परिणामों को उस संदर्भ में समझने और उपयोग करने की आवश्यकता है, जिसके लिए पीएलएफएस की नमूना चयन पद्धति तैयार की गई है।

श्रम बाजार संकेतकों के मासिक अनुमान, सापेक्ष मानक त्रुटि (आरएसई) के रूप में नमूने के कारण होने वाली त्रुटि के मापों के साथ, पीएलएफएस मासिक बुलेटिन में जारी किए जाते हैं। अखिल भारतीय स्तर पर अब तक जारी श्रम बाजार संकेतकों का आरएसई स्वीकार्य सीमा के भीतर रहा है। मुख्य संकेतकों के आरएसई का निम्न स्तर अनुमानों की विश्वसनीयता को दर्शाता है।

अप्रैल 2025, मई 2025 और जून 2025 महीनों के लिए पीएलएफएस के मासिक बुलेटिन, परिणाम जारी करने की पूर्वनिर्धारित समय-सीमा के अनुसार जारी किए गए हैं और व्यापक उपयोगकर्ताओं की आसान पहुँच के लिए मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं। वर्तमान में पीएलएफएस के मासिक परिणाम देश स्तर पर श्रम बाजार संकेतकों का प्रसार करते हैं और इनमें राज्य स्तरीय अनुमान जारी करने का प्रावधान नहीं है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/एमकेएस/


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