मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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राष्ट्रीय मत्स्यपालक दिवस - 2025 का आयोजन

Posted On: 06 AUG 2025 3:20PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस हर साल 10 जुलाई को प्रसिद्ध वैज्ञानिकों डॉ. हीरा लाल चौधरी और डॉ. के.एच. अलीकुन्ही द्वारा 1957 में भारतीय मेजर कार्प (IMC) के सफल प्रेरित प्रजनन की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य देश के मात्स्यिकी क्षेत्र के विकास में मत्स्य किसानों, उद्यमियों और मछुआरों द्वारा दिए गए योगदान को मान्यता देना और हमारे मत्स्य संसाधनों के स्थाई प्रबंधन के तरीकों पर सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करने हेतु एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने 10 जुलाई 2025 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)- सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (CIFA), भुवनेश्वर में राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस, 2025 (NFFD-2025) मनाया। उक्त NFFD-2025 के दौरान, पहले से अधिसूचित 17 क्लस्टरों के अतिरिक्त 17 नए मात्स्यिकी उत्पादन एवं प्रसंस्करण क्लस्टरों की घोषणा, मात्स्यिकी पर ICAR प्रशिक्षण कैलेंडर, मीठे जल की फिनफिश और शेलफिश के हैचरी प्रत्यायन और सीड प्रमाणन पर दिशानिर्देश सहित कई प्रमुख पहलों की शुरुआत की गई। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), जल कृषि फसल बीमा, मात्स्यिकी सहकारी समितियों और मत्स्य कृषक उत्पादक संगठनों (FFPO) और फिशरीज़ स्टार्ट-अप जैसी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को सम्मानित किया गया। उपरोक्त के अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत 105 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 70 मात्स्यिकी परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन और शिलान्यास किया गया, जो इस क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, उद्यमिता संवर्धन और समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। इन क्लस्टरों के स्थानों का राज्यवार विवरण अनुबंध-I में दिया गया है। इन क्लस्टरों की पहचान रणनीतिक रूप से उनकी क्षेत्र-विशिष्ट क्षमता के आधार पर की गई है और इनका उद्देश्य मत्स्य उत्पादन को बढ़ाना, वैल्यू एडिशन को बढ़ावा देना, बाजार पहुँच में सुधार करना और मात्स्यिकी सहकारी विकास एवं निजी निवेश के माध्यम से आजीविका के अवसर पैदा करना है।

राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB) को सभी उपरोक्त उत्पादन और प्रसंस्करण मात्स्यिकी क्लस्टरों के समग्र समाधान के साथ गैप विश्लेषण का आकलन करने के लिए नामित किया गया है। गैप को भरने वाली परियोजनाओं के लिए बजटीय आवश्यकताओं की पूर्ति भारत सरकार की वर्तमान योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), फिशरीज़ एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF), प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना (PM-MKSSY), किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) आदि और संबंधित राज्यों द्वारा कार्यान्वित योजनाओं एवं कार्यक्रमों से की जाती है।

अनुबंध-I

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत अधिसूचित कुल 34 फिशरीज़ क्लस्टरों का राज्यवार विवरण

क्रम सं.

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का नाम

क्लस्टर का नाम

अग्रणी जिला

साझेदार जिला

(i)

(iii)

(ii)

(iv)

(v)

  1.  

जम्मू और कश्मीर

शीतजल मात्स्यिकी

अनंत नाग

कुलगाम और शोपियां

  1.  

हरियाणा

खारे जल में जल कृषि

सिरसा

रोहतक, हिसार और फतेहाबाद

  1.  

मध्य प्रदेश

जलाशय मात्स्यिकी

भोपाल ( हलाली बांध)

खंडवा (इंदिरा सागर बांध)

  1.  

छत्तीसगढ

तिलापिया क्लस्टर

रायपुर

धमत्री और कांकेर

  1.  

बिहार

आर्द्रभूमि मात्स्यिकी

सिवान

गोपालगंज और छपरा

  1.  

उत्तर प्रदेश

पंगेसियस क्लस्टर

सिद्धार्थ नगर

महराजगंज और कबीर नगर, बस्ती

  1.  

ओडिशा

स्कैम्पी क्लस्टर

बालासोर

मयूरभंज और भद्रख

  1.  

आंध्र प्रदेश

खारे जल की जल कृषि

पश्चिम गोदावरी

(भीमावरम )

कृष्णा, एल्लुरू और नेल्लोर

  1.  

कर्नाटक

सी केज क्लस्टर

उत्तर कन्नड़

बडकल और कुम्ट्टा

  1.  

सिक्किम

जैविक मात्स्यिकी क्लस्टर

सोरेंग

-

  1.  

झारखंड

पर्ल क्लस्टर

हजारीबाग

-

  1.  

तमिलनाडु

ओर्नामेंटल फिशरीज़ क्लस्टर

मदुरै

-

  1.  

लक्षद्वीप द्वीप समूह

सीवीड क्लस्टर

-

-

  1.  

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

टूना क्लस्टर

--

--

  1.  

तेलंगाना

मुर्रेल क्लस्टर

मंचेरियल

पेद्दापल्ली

  1.  

केरल

पर्ल स्पॉट क्लस्टर

कोल्लम

कोट्टायम

  1.  

गुजरात

फिशिंग हार्बर

वेरावल

मंगरोल फिशिंग हार्बर

  1.  

पंजाब

खारे जल की जल कृषि

मुक्तसर साहिब

फाजिल्का

  1.  

उत्तराखंड

शीतजल की मात्स्यिकी

पिथोरागढ़

चमोली बागेश्वर

  1.  

पश्चिम बंगाल

ड्राई फिश क्लस्टर

पूर्ब मेदनीपुर

सागर द्वीप

  1.  

पुदुचेरी

फिशिंग हार्बर

कराईकल  फिशिंग हार्बर

थेंगैथिटू फिशिंग हार्बर

  1.  

नागालैंड

एकीकृत फिश फ़ार्मिंग

मोकोकचुंग

चुमौकेदिमा

  1.  

मणिपुर

पेंगबा फिश क्लस्टर

बिश्नुपुर

लोकतक झील

  1.  

असम

रिवरिन फिशरीज़

गोलपाड़ा

कामरूप और दारंग

  1.  

मिजोरम

धान सह मत्स्य क्लस्टर

कोलासिब

सेरछिप

  1.  

अरुणाचल प्रदेश

जल-पर्यटन क्लस्टर

जाइरो

तवांग , पश्चिम कामेंग और शि-योमी

  1.  

लद्दाख

शीतजल मात्स्यिकी

कारगिल

लेह

  1.  

गोवा

एस्चुएरी केज कल्चर

उत्तरी गोवा

दक्षिण गोवा

  1.  

हिमाचल प्रदेश

शीतजल मात्स्यिकी

कुल्लू जिला

मंडी

  1.  

त्रिपुरा

पाब्दा मात्स्यिकी क्लस्टर

उनकोटि

उत्तरी त्रिपुरा

  1.  

राजस्थान

खारे जल की जल कृषि

चुरू

हनुमानगढ़

  1.  

महाराष्ट्र

मात्स्यिकी सहकारी समितियां

रायगढ़

रत्नागिरि

  1.  

दादर और नगर हवेली और दमन दीव

फिशिंग हार्बर

दीव ( वनकबारा )

--

  1.  

मेघालय

जैविक फिश फ़ार्मिंग

पश्चिमी खासी हिल्स

पूर्वी खासी हिल्स

 

यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने  ६ अगस्त २०२५ को राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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