कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

एमएसडीई ने दिल्ली के कौशल भवन में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ आईटीआई उन्नयन के लिए राष्ट्रीय योजना पर कार्यशाला का आयोजन किया

Posted On: 05 AUG 2025 7:43PM by PIB Delhi

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने असम, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कौशल भवन, नई दिल्ली में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का विषय "आईटीआई उन्नयन के लिए राष्ट्रीय योजना" था। कार्यशाला में एमएसडीई, डीजीटी, एनसीवीईटी, नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया था। कार्यशाला में विश्व बैंक और एडीबी ने भी भाग लिया, जो इस योजना का सह-वित्तपोषण कर रहे हैं। डीजीटी, एनसीवीईटी और अमेरिकन वेल्डिंग सोसाइटी द्वारा योजना की व्यापक रूपरेखा पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दी गईं। कार्यशाला ने एनईपी 2020 में परिकल्पित शिक्षा और व्यवसाय के एकीकरण पर चर्चा के लिए एक मंच भी प्रदान किया।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री रजित पुन्हानी ने इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने इस योजना के परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी राज्यों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया, जो एक नए संस्थागत ढाँचे के माध्यम से संचालित सरकारी स्वामित्व वाले, उद्योग-प्रबंधित कौशल संस्थानों के लिए एक ढाँचा तैयार करने के सरकार के समग्र इरादे को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकारों को उपयुक्त आईटीआई क्लस्टरों की पहचान करने की आवश्यकता है, जिन्हें हब-एंड-स्पोक मॉडल के तहत विकसित किया जा सके और संभावित एंकर इंडस्ट्री पार्टनर्स (एआईपी) के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की आवश्यकता है।

विशेष सचिव/महानिदेशक (प्रशिक्षण) सुश्री त्रिशालजीत सेठी ने योजना की व्यापक रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने योजना की सफलता के लिए संभावित उद्योग भागीदारों की पहचान करने की महत्ता पर भी बल दिया।

एमएसडीई की आर्थिक सलाहकार श्रीमती अर्चना मायाराम ने कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यों को रेखांकित किया और एक दिवसीय कार्यशाला की समग्र संरचना और आगे की रणनीति के बारे में बताया।

केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई घोषणा के बाद, मई 2025 में आईटीआई उन्नयन हेतु राष्ट्रीय योजना को मंजूरी दी गई थी। इस योजना में 1000 सरकारी आईटीआई को हब और स्पोक मॉडल के तहत राज्य-प्रधान, उद्योग-प्रबंधित कौशल संस्थानों के रूप में उन्नत करने की परिकल्पना की गई है। 200 आईटीआई हब संस्थानों के रूप में और 800 स्पोक संस्थानों के रूप में कार्य करेंगे। एक हब आईटीआई में औसतन 4 स्पोक आईटीआई होंगे और सभी उन्नत आईटीआई अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे, मशीनरी और उपकरणों से सुसज्जित होंगे।

राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने मौजूदा कौशल और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रस्तुतियाँ दीं। उन्होंने प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डाला और उन क्षेत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की जहाँ कार्यान्वयन को मज़बूत बनाने के लिए मंत्रालय का समर्थन आवश्यक होगा। जवाब में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के अधिकारियों ने उठाई गई चिंताओं को स्वीकारा तथा राज्यों को योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु किसी भी समस्या के समाधान हेतु निरंतर मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

कार्यशाला का समापन राज्यों में कौशल और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिसमें एमएसडीई ने नई योजना में परिकल्पित सरकारी स्वामित्व वाले आईटीआई में उत्कृष्टता लाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभिसरण, क्षमता निर्माण और मार्गदर्शन को सुविधाजनक बनाने में अपनी भूमिका की पुष्टि की।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/SH1_00728SUF.JPG

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/SH1_0090NS3C.JPG

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/SH1_0111ONRI.JPG

***

पीके/एके/केसी/एसजी


(Release ID: 2152790)
Read this release in: English , Urdu