ग्रामीण विकास मंत्रालय
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मनरेगा की संपरीक्षा

Posted On: 05 AUG 2025 4:57PM by PIB Delhi

यह उल्लेख किया जाता है कि योजना के कार्यान्वयन के परिणामों का आकलन करने के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा निष्पादन लेखा परीक्षा की जाती है।

मुख्य लेखा नियंत्रक (सीसीए) के कार्यालय के अंतर्गत आंतरिक लेखा परीक्षा खंड (आईएडब्ल्यू) वित्त वर्ष 2013-14 से राज्यों में मनरेगा योजना के कार्यान्वयन का जोखिम-आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा कर रहा है। ये लेखा परीक्षा जिला स्तर पर की जाती है और संभावना और प्रभाव के आधार पर जोखिम क्षेत्रों का आकलन करने के लिए की जाती है। ये लेखा परीक्षा योजना प्रशासन को मजबूती देने के लिए सुझाव देने हेतु आंतरिक नियंत्रण, प्रक्रियात्मक अनुपालन, निधि प्रवाह और अन्य परिचालन पहलुओं की मजबूती का मूल्यांकन करते हैं। वर्ष 2013-14 से 30 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 225 जिलों में महात्मा गांधी नरेगा योजना की जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा की गई हैं।

इसके अतिरिक्त, योजना कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा, 2005 के तहत ग्राम सभा द्वारा सामाजिक लेखा परीक्षा की जाती है। एक सुदृढ़ ढाँचे को संस्थागत रूप देने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के परामर्श से, योजना लेखा परीक्षा नियम, 2011 को अधिसूचित किया है, जिसमें लेखा परीक्षा की कार्यप्रणाली, सिद्धांतों और मानकों का विवरण दिया गया है। इसके अलावा, ग्रामीण विकास मंत्रालय और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जून 2015 में संयुक्त रूप से एक टास्कफोर्स का गठन किया गया, जिसकी सिफारिशों के आधार पर प्रभावी और समुदाय-संचालित लेखा परीक्षा के लिए सामाजिक लेखा परीक्षा हेतु लेखा परीक्षा मानकों को तैयार किया गया।

नीति आयोग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में महात्मा गांधी नरेगा योजना सहित छह केंद्र प्रायोजित योजनाओं का मूल्यांकन अध्ययन किया था। अध्ययन में राष्ट्रीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उनके समग्र योगदान का आकलन करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना सहित इन योजनाओं की प्रभावशीलता, दक्षता, प्रभाव और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इस अध्ययन के कुछ परिणाम इस प्रकार हैं:

1. महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीण परिवारों के लिए आजीविका सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा नेट के रूप में कार्य करता है जिससे वे आर्थिक और कृषि संबंधी आपदाओं से सुरक्षित हैं।

2. महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से गांवों में कार्य अवसरों की उपलब्धता के कारण संकट के समय होने वाले और मौसमी प्रवास में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।

3. महात्मा गांधी नरेगा योजना ने टिकाऊ सामुदायिक परिसंपत्तियों और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान दिया है, जिससे इसके बाद स्थायी आजीविका में सहयोग मिलता है और जीवन स्तर में सुधार होता है।

4. इस योजना ने "हरित रोजगार" सृजित करके पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा दिया है जो पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण, जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन में योगदान देते हैं।

इसके अलावा  देश के विभिन्न हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरी रोज़गार की मांग को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की जाँच करने और महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत राज्यों में व्यय के रुझानों का अध्ययन/विश्लेषण करने के लिए, तथा इसके साथ ही अंतर-राज्यीय भिन्नताओं के कारणों का अध्ययन/विश्लेषण करने के लिए, जिसमें विशेष रूप से शासन संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था, वर्ष 2021 में अमरजीत सिन्हा समिति का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और कुछ सिफारिशों पर उचित कार्रवाई के लिए विचार किया गया है।

इसके अलावा, विकास, निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ), नीति आयोग ने भी हाल ही में महात्मा गांधी नरेगा योजना का एक मूल्यांकन अध्ययन शुरू किया है।

यह मंत्रालय विभिन्न मंचों, जैसे मध्यावधि समीक्षा, श्रम बजट बैठकें, श्रम बजट संशोधन बैठकें, कार्यक्रम समीक्षा बैठकों, के माध्यम से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा करता है। केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद और राज्य रोजगार गारंटी परिषदें समय-समय पर कार्यक्रम के कार्यान्वयन की निगरानी करती हैं। कार्यों की प्रगति की नियमित निगरानी के लिए राज्यों में विभिन्न स्तरों पर तकनीकी प्रकोष्ठ भी गठित किए गए हैं।

यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2152781)
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