जल शक्ति मंत्रालय
नमामी गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत खर्च की गई धनराशि एवं जल गुणवत्ता
Posted On:
04 AUG 2025 5:41PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा नमामी गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजनाओं/ मध्यवर्तनों के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों को आवंटित की गई धनराशि एवं वितरित की गई धनराशि के वर्षवार विवरण, इसकी स्थापना (वित्तीय वर्ष 2014-15) से लेकर 30 जून 2025 तक नीचे संलग्न है।
नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यवार आवंटन किया जाता है। हालांकि उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत 30 जून 2025 तक स्वच्छ गंगा के लिए राज्य मिशनों सहित विभिन्न एजेंसियों को वितरित की गई धनराशि, राज्यवार संकलित, नीचे संलग्न है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने गंगा नदी के जल गुणवत्ता की निगरानी की है। वर्ष 2022 से 2024 तक के लिए गंगा नदी के जल गुणवत्ता आंकड़े (औसत मानों पर आधारित) पीएच, डीओ और बीओडी मापदंड नीचे संलग्न हैं।
2024 (जनवरी–दिसंबर) के लिए जल गुणवत्ता डेटा के औसत मानों के आधार पर, गंगा नदी का संपूर्ण क्षेत्र आमतौर पर पीएच, घुलित ऑक्सीजन (डीओ) और बायोकैमिकल ऑक्सीजन मांग (बीओडी) के लिए बाहरी स्नान के प्राथमिक जल गुणवत्ता मानदंडों का अनुरूप है, केवल उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मामूली बीओडी में वृद्धि को छोड़कर। उत्तराखंड और झारखंड में गंगा नदी के पूरे हिस्से में और उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में स्नान के लिए फेकल कोलीफॉर्म (औसत) प्राथमिक जल गुणवत्ता मानदंड पूरा करता है। वहीं, स्नान के लिए फेकल स्ट्रेप्टोकोक्कस (औसत) प्राथमिक जल गुणवत्ता मानदंड उत्तराखंड, बिहार और झारखंड में गंगा नदी के पूरे हिस्से में और उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में पूरा करता है।
नमामि गंगे मिशन (एनजीएम) के मूल्यांकन के लिए भारतीय प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज (एएससीआई) को एक तृतीय पक्ष एजेंसी (टीपीए) के रूप में नियुक्त किया गया है। एएससीआई ने अपनी रिपोर्ट में निम्नलिखित बातें कही हैं:
- एनजीएम ने गंगा नदी बेसिन में अपशिष्ट जल उपचार अवसंरचना में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसे रिवरफ्रंट और घाट विकास, नदी सतह की सफाई, वनरोपण, जैव विविधता संरक्षण, जैविक कृषि आदि में किए गए कार्यों के साथ संतुलित किया गया है।
- कार्यान्वयन एजेंसियों एवं अन्य हितधारकों का क्षमता निर्माण, साथ ही पहलों के समर्थन के लिए सामुदायिक सहभागिता, परियोजनाओं के अन्य प्रमुख योगदानों में शामिल हैं।
- बेसिन राज्यों एवं स्थानीय निकाय प्रतिष्ठानों में कार्यक्रमों का विकेंद्रीकरण तथा मुख्यधारा में लाना इस कार्यक्रम की विशेषता रही है।
- एएससीआई ने अपने मूल्यांकन में कहा कि एनजीएम ने निरंतर प्रवाह (अविरल धारा) एवं प्रदूषणरहित प्रवाह (निर्मल धारा) के अपने अधिदेश को प्राप्त करने में बहुत प्रगति की है।
- इसने मिशन मोड में बड़े पैमाने पर नदी पुनरुद्धार कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए सफल एवं अनुकरणीय मॉडल का प्रदर्शन किया है तथा वैश्विक मान्यता प्राप्त की है।
यह जानकारी जलशक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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पीके/एके/केसी/एके
(Release ID: 2152298)
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