पर्यटन मंत्रालय
‘स्वदेश दर्शन योजना 2.0’ में उभरते पर्यटन रुझानों को समावेशन
Posted On:
04 AUG 2025 5:05PM by PIB Delhi
पर्यटन मंत्रालय ने देश में चिन्हित विषयगत पर्यटन सर्किटों के अंतर्गत पर्यटन अवसंरचना विकसित करने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में 'स्वदेश दर्शन योजना (एसडीएस)' आरंभ की थी। इस 'स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0)' योजना को नया रूप दिया गया है जिसका उद्देश्य पर्यटन और गंतव्य केंद्रित दृष्टिकोण के साथ स्थायी पर्यटन स्थलों का विकास करना है और इसने 52 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना 'चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)' के अंतर्गत 36 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। सरकार ने 'पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई)' योजना के अंतर्गत देश में 40 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। उपर्युक्त योजना के अंतर्गत परियोजनाओं को राज्यों से परियोजना प्रस्ताव प्राप्त होने, उसके मूल्यांकन, धन की उपलब्धता, पारस्परिक प्राथमिकता आदि के आधार पर मंजूरी दी गई।
‘स्वदेश दर्शन 2.0’ योजना इस बात को मान्यता देती है कि नकारात्मक प्रभावों को न्यूनतम करने और सकारात्मक प्रभावों को अधिकतम करने के लिए, सतत और उत्तरदायी पर्यटन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्यावरणीय स्थिरता, सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिरता और आर्थिक स्थिरता सहित सतत पर्यटन के सिद्धांतों को अपनाने को प्रोत्साहित करती है। यह योजना पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए नए उभरते रुझानों सहित विविध पर्यटन परियोजनाओं के विकास पर केंद्रित है।
स्वदेश दर्शन योजना में उभरते रुझानों को शामिल करने के लिए कोई विशिष्ट अध्ययन नहीं किया गया है। योजना के दिशानिर्देश उन घटकों की एक विस्तृत सूची प्रदान करते हैं जो पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं, जिनमें पर्यटन के मुख्य उत्पाद, पर्यटन गतिविधियां, प्रदर्शन कला अवसंरचना, स्वच्छता एवं सुरक्षा, संपर्क एवं पार्किंग, सामान्य स्थल विकास, सॉफ्ट इंटरवेंशन आदि शामिल हैं। स्वदेश दर्शन 2.0, सीबीडीडी और एसएएससीआई योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं में विभिन्न पर्यटन रुझान और समुद्र तट अनुभव, गुफा अनुभव, साहसिक कार्य, सीमा अनुभव, ध्यान केंद्र, सम्मेलन केंद्र, धार्मिक एवं आध्यात्मिक पहलू, पक्षी अभयारण्य, ऐतिहासिक थीम पार्क, आदिवासी संस्कृति अनुभव, किला, जैव-विविधता और पर्यावरण-मनोरंजन, पनडुब्बी पर्यटन आदि जैसे गहन अनुभव शामिल हैं।
मंत्रालय बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए अपनी योजनाओं के अंतर्गत सभी के लिए सम्पर्क सुविधा भी प्रदान करता है। मंत्रालय सड़क और हवाई संपर्क सहित कनेक्टिविटी में सुधार के लिए संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय करता है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश के कम और कम सेवा वाले हवाई अड्डों से क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने और आम जनता के लिए हवाई यात्रा को किफायती बनाने के लिए 21 अक्टूबर 2016 को क्षेत्रीय संपर्क योजना – ‘उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-यूडीएएन)’ शुरू की है। उड़ान योजना के अंतर्गत तीसरे दौर की बोली के दौरान, पर्यटन मंत्रालय के अनुरोध पर कुल 106 पर्यटन-विशिष्ट मार्गों को शामिल किया गया।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा 100 प्रतिशत वीजीएफ समर्थन के साथ उड़ान के अंतर्गत 31 जनवरी 2025 तक कुल 53 पर्यटन आरसीएस मार्ग संचालित किए गए जो देश के पर्यटन स्थलों और सांस्कृतिक स्थलों के लिए सीधा हवाई संपर्क प्रदान करते हैं।
सरकार ने देश भर में 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने और अगले 10 वर्षों में 4 करोड़ यात्रियों की सेवा करने के लिए संशोधित उड़ान योजना शुरू करने की भी घोषणा की है। यह योजना पहाड़ी, आकांक्षी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों के निर्माण में भी मदद करेगी।
मंत्रालय ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और विविध आकर्षणों को देखने में रुचि रखने वाले यात्रियों और हितधारकों के लिए एक व्यापक संसाधन के रूप में अतुल्य भारत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म (आईआईडीपी) का नया संस्करण लॉन्च किया है। भारत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ)-संचालित टूल का उपयोग करता है जो वास्तविक समय के मौसम अपडेट, शहर की खोज और आवश्यक यात्रा सेवाएं प्रदान करके आगंतुकों के अनुभव को वैयक्तिकृत करता है। इस पोर्टल ने उड़ानों, होटलों, कैब और बसों और एएसआई स्मारकों के टिकटों की निर्बाध बुकिंग के लिए कई ऑनलाइन ट्रैवल एजेंटों (ओटीए) और हितधारकों के साथ भी साझेदारी की है।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
अनुलग्नक देखने के लिए यहां क्लिक करें
***
पीके/एके/केसी/ एचएन/केएस
(Release ID: 2152216)