कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
किसान कल्याण योजनाओं का वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव
Posted On:
01 AUG 2025 4:31PM by PIB Delhi
सरकार हर साल राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के दृष्टिकोण पर विचार करने के बाद कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अनिवार्य कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है।
बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों को लाभ हुआ है, जो नीचे दिए गए खरीद के विवरण, किसानों को भुगतान की गई एमएसपी राशि और 2024-25 (जून 2025 तक) के दौरान लाभान्वित किसानों की संख्या से स्पष्ट है।
खरीद (लाख मीट्रिक टन में) (एलएमटी)
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किसानों को दी गई एमएसपी राशि
(₹ लाख करोड़ में)
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लाभान्वित किसानों की संख्या
(करोड़ रुपये में)
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1,175
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3.33
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1.84
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पीएम-किसान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत उपलब्धियों का विवरण नीचे दिया गया है।
(I) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे फरवरी 2019 में भूमिधारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है। लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए भारत सरकार ने शुरुआत से अब तक 19 किस्तों के माध्यम से 3.69 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।
(II) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) देश में खरीफ 2016 सीजन से शुरू की गई थी। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं, प्रतिकूल मौसम की घटनाओं से उत्पन्न फसल के नुकसान/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है और किसानों की आय आदि को स्थिर करती है। 2016 में योजना की शुरुआत के बाद से किसानों ने 35,753 करोड़ रुपये के कुल प्रीमियम का भुगतान किया है और उन्हें 30.06.2025 तक 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं, जो इसी अवधि के दौरान किसानों द्वारा अदा किए गए प्रीमियम का लगभग 5 गुना है।
(III) किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी): सरकार भारत में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के रूप में जानी जाने वाली 100% केंद्रीय वित्त पोषित केंद्रीय क्षेत्र की योजना को लागू कर रही है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से प्राप्त अल्पकालिक कृषि ऋणों पर रियायती ब्याज दरें प्रदान करना है। पिछले पांच वर्षों के दौरान संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के तहत धनराशि के वितरण का विवरण नीचे दिया गया है:
(करोड़ रुपये में)
क्रम संख्या
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वर्ष
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धनराशि का वितरण
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1
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2020-21
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17,789.72
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2
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2021-22
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21,476.93
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3
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2022-23
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17,997.88
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4
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2023-24
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14,251.92
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5
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2024-25
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17,811.72
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कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इसे 2020 में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया। इसका उद्देश्य व्यवहार्य फसल की कटाई के बाद प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों में निवेश के लिए मध्यम से दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा जुटाना है। इस योजना का उद्देश्य देश में फसल कटाई के बाद प्रबंधन अवसंरचना में मौजूद कमियों को दूर करके कृषि क्षेत्र में विकास और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना है। एआईएफ के तहत ऋणदाता संस्थाओं के माध्यम से 1 लाख करोड़ रुपये के ऋण का प्रावधान किया गया है, जिसमें ऋण पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा 9% है। संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादन के कुल मूल्य के अनुपात के आधार पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1 लाख करोड़ रुपये का योजना लक्ष्य अस्थायी रूप से आवंटित किया गया है।
30 जून 2025 तक एआईएफ के तहत 1,13,419 परियोजनाओं के लिए 66,310 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इन स्वीकृत परियोजनाओं से कृषि क्षेत्र में 107,502 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया गया है। एआईएफ के तहत स्वीकृत प्रमुख परियोजनाओं में 30,202 कस्टम हायरिंग केंद्र, 22,827 प्रसंस्करण इकाइयां, 15,982 गोदाम, 3,703 छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां, 2,454 कोल्ड स्टोर परियोजनाएं, लगभग 38,251 अन्य प्रकार की फसल कटाई के बाद प्रबंधन परियोजनाएं और व्यवहार्य कृषि परिसंपत्तियां शामिल हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/एके/केसी/आरकेजे
(Release ID: 2151652)